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झारखंड में फिल्म सिटी निर्माण को लेकर युवा फ़िल्म निर्देशक निरंजन भारती ने सीएम हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि झारखंड में फिल्म सिटी निर्माण हेतु पतरातु रांची में जमीन चिन्हित किया गया था बावजूद इसके अब तक फिल्म सिटी निर्माण का काम शुरू नहीं किया गया है। झारखंड के कला एवं सिनेमा पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए निदेशक निरंजन ने लिखा है कि क्षेत्रीय कलाकारों को अपने राज्य में रोजगार देने के उद्देश्य से इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की गई थी लेकिन दुर्भाग्यवश यह अब तक अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पायी है। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में शुरू की गई इस योजना के संदर्भ में कहा गया था कि झारखंड दक्षिण भारत और महाराष्ट्र की तरह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में अलग पहचान बना सकेगा, इसके लिए 2016 में रघुवर दास की सरकार ने पतरातू के पाली एवं टोंकी सूद गांव में 200 एकड़ जमीन चिन्हित किया था। उन्होंने बताया है कि उस वक्त जमीन का तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार ने किया था। निरंजन ने इस बात पर दुख जताते हुए कहा की यह बहुत ही पीड़ादायक है की झारखंड के कलाकारों के कल्याण के लिए शुरू की जाने की जाने वाली योजना अधर में लटक गई है। मुख्यमंत्री से उन्होंने अनुरोध किया है इसपर त्वरित उचित पहल करते हुए फिल्म सिटी निर्माण का कार्य शुरू किया जाए। पत्र की प्रति उन्होंने झारखंड के अन्य अधिकारियों को भी भेजा है।

पत्र लिखे जाने के संदर्भ में निरंजन कहते हैं कि झारखंड भारत का दूसरा कश्मीर है। जहां प्रकृति ने अपने सौंदर्य का खजाना जम कर बरसाया है। घने जंगल, खूबसूरत वादियां, जलप्रपात, वन्य प्राणी, खनिज संपदाओं से भरपूर और कला संस्कृति से परिपूर्ण है। ऐसे में राज्य में फ़िल्म सिटी बनने से टूरिजम के व्यापार में बढ़ोतरी होगी साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप लाखों लोग को अपने राज्य में ही रोजगार कर सकेंगे। जिससे यहां के कलाकारों का पलायन रुकेगा। 

निरंजन भारती ने आगे कहा, झारखंड में वर्षों से क्षेत्रीय भाषा मे एल्बम , फ़िल्म , डॉक्यूमेंट्री , लघु फ़िल्म बनाया जाता रहा है। किन्तु उचित संसाधन नही मिलना, सही समय पर फ़िल्म प्रदर्शित के लिए सिनेमा हॉल नही मिलने से क्षेत्रीय सिनेमा उपेक्षित है। और इसी कारण स्थानीय फ़िल्ममेकर फ़िल्म निर्माण को लेकर आगे आना नही चाहते हैं। जबकि राज्य के प्रतिभाओं ने देश विदेश में जाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। झारखंड में फिल्म सिटी एवं फिल्म निर्माण को लेकर अपार संभावनाएं हैं। प्रकृति के उपहार को अवसर में बदलने की जरूरत है। इससे झारखंड राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर  फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में अलग पहचान बनाने में सफलता अर्जित कर सकेगा। उन्होंने कहा कि यदि यहां के कलाकारों को झारखंड में ही मंच प्रदान किया जाए तो एक बेहतर माहौल तैयार हो सकता है एवं यहां के कलाकारों को बेहतर फिल्म निर्माण का माहौल मिल सकता है। सरकार को इस विषय पर गंभीरता से सोचना चाहिए।

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