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कोरोना वायरस से मौत पर श्रमिकों के परिवारों को 50 लाख रुपये का मिले हर्जाना

मुम्बई, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और टीवी शो से जुड़े 32 क्राफ्ट संस्थाओं की मदर बॉडी फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्लूआइसीई) के तहत तकरीबन 5 लाख दिहाड़ी मजदूर व तकनीशियन काम करते हैं। लॉकडाउन के बाद वाले माहौल में शूटिंग शुरू हो और मजदूर व तमाम टेक्नीशियन काम पर लौटें इससे पहले एफडब्लूआइसीई चाहती है कि शूटिंग के दौरान मजदूरों व टेक्नीशियन के स्वास्थ्य व सुरक्षा के मद्देनजर तमाम तरह के नियमों को लागू किया जाए और उनके श्रमिक सदस्यों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाए। इसके लिए एफडब्लूआइसीई ने आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक प्रपोज गाइडलाइन भेजा है।

फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉईज (एफडब्लूआइसीई) के प्रेसिडेंट बी एन तिवारी, जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे और ट्रेजरार गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव तथा मुख्य सलाहकार अशोक पंडित के हस्ताक्षर से भेजे गए इस गाइडलाइन में कहा गया है कि  कोविड 19 से कास्ट और क्रू के बचाव के लिए शूटिंग स्थल पर प्रवेश से पूर्व सभी कास्ट और क्रू मेम्बर का ऑल मेडिकल चेकअप जरूरी हो। जब भी कास्ट या क्रू मेंबर शूटिंग करें वहां बाहरी लोगों को प्रवेश न दिया जाए। सभी निजी सुरक्षा सामग्री जैसे मास्क, सेनिटाइजर, दस्ताने आदि उपलब्ध हो। सभी कास्ट और क्रू मेम्बरों को शूटिंग के दौरान पौस्टिक आहार निर्माता द्वारा दिया जाए।
इस गाइडलाइन्‍स के अनुसार निर्माताओं को सेट पर कम कर्मचारियों के साथ काम करना होगा। उन्हें कर्मचारियों को अलग अलग शिफ्ट में बुलाना होगा ताकि कोई भी बेरोजगार न हो।
गाइडलाइन में यह भी है कि अगर किसी श्रमिक की मौत कोरोना वायरस से होती है तो निर्माता और टीवी चैनल श्रमिकों के परिवारों को 50 लाख रुपये का मुआवजे देंगे। साथ ही, चैनल और निर्माता को श्रमिकों के मेडिकल खर्च का भी ध्यान रखना होगा।
एफडब्लूआइसीई की ओर से इस प्रपोज गाइडलाइन में 60 साल या ऊपर वालों तथा गर्भवती महिलाओं को घर पर रहने के लिए कहा गया है क्योंकि उनको कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना ज्‍यादा होती है।इसके अलावा, सेट पर एक एम्बुलेंस डॉक्टर और एक निरीक्षक हमेशा उपलब्ध रहने की बात कही गयी है।
 फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉई (एफडब्लूआइसीई) के प्रेसिडेंट बी एन तिवारी, जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे और ट्रेजरार गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव तथा मुख्य सलाहकार अशोक पंडित ने कहा   कि पोस्ट प्रोडक्शन के दौरान कम से कम वर्क फोर्स के साथ काम किया जाए। और सभी उपकरणों का सही तरीके से सेनिटाइज किया जाए। इस प्रपोज गाइडलाइन में कहा गया है कि सभी प्रकार की डबिंग के दौरान जरूरी दूरी का पालन हो।सभी प्रोडक्शन इक्यूपमेंट रेगुलर और इंटरवल बेस पर सेनिटाइज किया जाए। एफडब्लूआइसीई ने इस प्रपोज गाइडलाईन में यह भी कहा है कि निर्माता हर महीने पेमेंट दें और जिन कर्मियों को डेली वेजेज पर रखा जाता है उन्हें डेली पेमेंट दिया जाए। जिससे उन्हें आर्थिक सकंट का सामना न करना पड़े। अगर कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका इलाज निर्माता निजी अस्पताल में कराएं और पूरा खर्च उठाएं। एफडब्लूआइसीई को पूरी उम्मीद है कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार उनके इस प्रपोज गाइडलाइन को जल्द मंजूरी देगी और मीडिया और इंटरटेनमेंट इंडस्ट्रीज फिर से गुलजार होगी।



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