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मुंबई। अकाउंटेंट व टैक्स एडवाइजर तुषार शाह की 'श्रीनाथ चैरिटेबल संस्था' गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों की सहायता में सदैव तत्पर रहती है। इनका मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाना और उन्हें शिक्षा संसाधन मुहैया कराना है।
  जब से तुषार ने स्वयं काम करना सीखा है तब से वे अपनी कमाई का एक हिस्सा जरूरतमंद बच्चों की फीस के लिए देते आ रहे हैं। वह बताते हैं कि एक बार स्कूल में गरीब बच्चों की फीस देने गए वहां स्टाफ द्वारा दान की गई फीस की राशि में हेरफेर से उनका मन बहुत आहत हुआ और उन्होंने स्वयं गरीब बच्चों की शिक्षा में मदद की जिम्मेदारी ली। इसी घटना से प्रेरित होकर उन्होंने श्रीनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की। यह ट्रस्ट विगत छः वर्षों से बच्चों की सहायता कर रहा है। सैकड़ों दर्जन शिक्षा किट जिसमें तीन चार नोट बुक, किताबें, कलर पेंसिल, पेन, स्कूल बैग आदि दान कर चुके हैं। आंगनबाड़ी के बच्चों को शिक्षा किट देना, जरूरतमंद बच्चों की फीस, शिक्षा और स्वास्थ्य की जानकारी, नवीन सरकारी नियम और योजनाओं की जानकारी, जी एस टी आदि की जानकारियां वह ट्रस्ट के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते हैं।
  तुषार ने अपने ट्रस्ट के द्वारा गाँव की लड़कियों को स्कूल तक जाने के लिए पुरानी सायकिल को सुधार कर दान दिया साथ ही कई आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया।
इस समय कारोना महामारी के कारण आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को एनजीओ की मदद से राशन किट और भोजन का पैकेट भी मुहैया कराया।
   इनकी संस्था वसई, पालघर, उदयपुर, अहमदाबाद, काकरोली, जामनगर, इंदौर, उज्जैन, सूरत जैसी कई जगहों में सक्रिय रूप से काम कर रही है। उनके इस नेक कार्य में उनके परिवार और मित्रों का भी भरपूर सहयोग रहा है। भविष्य में भी वे गरीब बच्चों के लिए स्कूल, महिलाओं के लिए रोजगार और वृद्धाश्रम खोलने की इच्छा रखते हैं और इस कार्य हेतु प्रयासरत भी है। तुषार शाह का मानना है कि लोगों की मदद स्वयं जाकर करनी चाहिए किसी अन्य माध्यम या ब्रोकर की सहायता से नहीं करनी चाहिए क्योंकि कभी कभी जरूरतमंदों तक सहायता नहीं पहुंच पाती।
'श्रीनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट' के माध्यम से तुषार शाह सदैव लोगों की सहायता के लिए अग्रणी रहते हैं, साथ ही वे लोगों को भी प्रेरित करते हैं कि जो व्यक्ति सक्षम है वह दूसरों की सहायता अवश्य करे।

गायत्री साहू

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