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मि.प. संवाददाता / मुंबई

    मालाड (पूर्व), आप्पा पाड़ा स्थित सैकड़ों वर्षों पुराने श्री वाघेश्वरी देवी मंदिर से एक अत्यंत दुःखद समाचार सामने आया है। इस मंदिर के परम श्रद्धेय, उम्रदराज एवं आध्यात्मिक साधना में रमे हुए महंत पूनम दास जी का कल रात करीब 9:30 बजे देहांत हो गया। वे 98 वर्ष के थे और पिछले कई दशकों से इस मंदिर के पुजारी और मुख्य सेवक के रूप में सेवा दे रहे थे। उनके निधन से सम्पूर्ण मालाड सहित मुंबई के भक्तजनों में शोक की लहर दौड़ गई है।

    महंत पूनम दास जी न केवल एक पुजारी थे, बल्कि श्रद्धा, तपस्या और सेवा का प्रतीक माने जाते थे। वे सादगीपूर्ण जीवन जीते थे और भक्तों के बीच अपने स्नेह, आशीर्वाद और सरल प्रवचन के लिए अत्यंत लोकप्रिय थे। उनका जीवन सन्यास, साधना और सेवा का प्रेरणादायक उदाहरण था। श्रद्धालु जनों के अनुसार, उन्होंने बचपन में ही सन्यास धारण कर मंदिर में सेवा आरंभ की थी और तब से लेकर अंतिम सांस तक वे माता वाघेश्वरी की आराधना में लीन रहे।

    उनकी अंतिम झलक पाने के लिए आज सुबह से ही हजारों की संख्या में भक्तगण मंदिर परिसर में एकत्र हो रहे हैं। भक्तों की आंखें नम हैं और वातावरण शोकमय हो गया है। वयोवृद्ध महंत जी को श्रद्धांजलि देने के लिए आसपास के अनेक धार्मिक, सामाजिक संगठनों और प्रतिष्ठित संतों द्वारा भी शोक संदेश भेजे जा रहे हैं।

   उनका अंतिम संस्कार आज शाम 5 बजे मंदिर प्रांगण में ही संपन्न किया जाएगा, जहां वे अपना अधिकांश जीवन व्यतीत कर चुके हैं। मंदिर ट्रस्ट द्वारा श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया है, जिसमें उनके जीवन की स्मृतियों को साझा किया जाएगा।

  यह एक युग का अंत है — एक ऐसे संत का जाना, जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से आध्यात्मिक सेवा करते हुए जनमानस को धर्म के मार्ग पर प्रेरित किया। महंत पूनम दास जी की स्मृति भक्तों के हृदयों में सदैव जीवित रहेगी।

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