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मुम्बई। जन्मभूमि दिल्ली और कर्मभूमि मुम्बई है अभिनेत्री तनुजा चड्ढा की। हर इंसान के अंदर नवरस समाहित होते हैं इन्ही नवरसों की अभिव्यक्ति ही अभिनय है। जिसने अपना अभिनय निखार लिया वही मायानगरी बॉलीवुड का सितारा बनकर उभरता है। ऐसे ही अपने अभिनय क्षमता को निखारने और अपनी किस्मत आजमाने के लिए तनुजा मुम्बई आई। अपनी शिक्षा को जारी रखते हुए तनुजा ने कई ऑडिशन दिए और वह सेलेक्ट हो गई। इसके बाद एक के बाद एक प्रोजेक्ट में अपनी अभिनय प्रतिभा के दम पर तनुजा आगे बढ़ते रही। तनुजा चड्ढा को बचपन से अभिनय करने का शौक था और उन्होंने अपनी मेहनत से अपनी मंजिल की ओर कदम बढ़ाया। उन्हें पहली बार नसीरुद्दीन शाह और विद्या बालन जैसे अनुभवी कलाकारों के साथ फिल्म 'द डर्टी पिक्चर' में काम करने का मौका मिला। उसके बाद अभिनेता संजय कपूर की फिल्म' कहीं है प्यार मेरा' में दिखाई दी। भोजपुरी एक्टर निरहुआ की फिल्म 'वर्दी वाला गुंडा' में भी तनुजा का किरदार जबरदस्त था। फिल्मों के साथ तनुजा ने मॉडलिंग, टीवी सीरियल एवं वेब सीरीज भी की। तनुजा ने धारावाहिक 'देवों के देव महादेव', जय जय बजरंगी', 'जगजननी माँ दुर्गा', कई क्राइम सीरीज में काम किया है। स्लाइस कोल्डड्रिंक, वनदेवी हींग, हेअर आयल, खाने की सामग्री, ज्वेलरी, साड़ियों और कई बेहतरीन ब्रांड्स के विज्ञापन फिल्मों में भी वह दिखाई दीं।

  तनुजा का निक नेम 'ब्यूटी' है। इन्होंने पंजाबी और हिंदी म्यूजिक एलबम में काम किया है। वह सिंगर जय सिंह के पंजाबी एल्बम 'लव यू लव यू' और सिंगर हैरी सिंह के म्यूजिक वीडियो में काम कर चुकी है। तनुजा को सशक्त और महिला प्रधान भूमिका करना बेहद पसंद है। वैसे वह हर किरदार में खुद को आसानी से ढाल लेती है। उनके पसंदीदा कलाकार अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमामालिनी, सलमान खान, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, दीपिका है। फिलहाल तनुजा टीवी शो, कुछ वेबसीरिज और फिल्मों में काम कर रही है जो जल्द ही दर्शकों के बीच आएगी। 

जानवरों के प्रति तनुजा विशेष लगाव रखती है। सड़क पर घूमते भूखे और बीमार जानवरों की वह हमेशा सहायता करती है। उन्हें चिकित्सकीय सहायता भी मुहैया करवाती है। उनका कहना है कि हर इंसान का कर्तव्य है कि यथा योग्य इन निरीह और बेजुबान जानवरों की सहायता करें। यदि आप जानवरों की सहायता नहीं कर सकते तो उनको हानि भी मत पहुंचाओ।

तनुजा चड्ढा का मानना है कि स्त्री शक्तिशाली और सहनशील होती है। बस उन्हें अपनी आत्मशक्ति पहचानने की देर है, वह हर कार्य कर सकती है। एक महिला को किसी के आश्रय की आवश्यकता नहीं। स्वयं को पहचान नारी को आगे बढ़ना चाहिए।

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