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मुंबई - आरे जंगल बचाओ आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है. इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए झारखंड के युवा सामाजिक कार्यकर्ता संजय मेहता मुंबई पहुँचे हैं.
संजय झारखंड के हज़ारीबाग जिले के निवासी हैं. 
जानकारी जुटाने के बाद उन्होंने 10 सितंबर 2019 को प्रधानमंत्री कार्यालय को एक पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने आरे जंगल से सम्बंधित मुख्य तथ्यों को लिखकर पीएमओ को अवगत कराया.
प्रधानमंत्री कार्यालय की संयुक्त सचिव गीता मेनन ने संजय मेहता की शिकायत पर 13 सितंबर 2019 को एक्शन लेते हुए कार्रवाई प्रारंभ कर दी है. पीएमओ के इस एक्शन से आरे जंगल बचाओ आंदोलनकारियों में उम्मीद की लौ जली है.
  संजय मेहता ने पत्र में लिखा है कि महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई लगातार प्रदूषित होती जा रही है. देश की आर्थिक राजधानी में पर्यावरण संतुलन का बिगड़ना लगातार जारी है. 
कंस्ट्रक्शन की बड़ी परियोजनाओं से मुंबई को पर्यावरण के मामले में काफी नुकसान उठाना पड़ा है. यह नुकसान लगातार जारी है. इस पर विचार किया जाना आवश्यक है.
मुंबई में मेट्रो 4 रेल परियोजना का कार्य प्रगति पर है. इस परियोजना से मुंबई का आरे जंगल प्रभावित हो रहा है. आरे जंगल मुंबई की बृहनमुंबई महानगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत है.
आरे मुंबई का अंतिम बचा हुआ हरित क्षेत्र है. यह मुंबई के गोरेगांव में स्थित है. इसे मुंबई शहर का ग्रीन लंग भी कहा जाता है.
आरे जंगल संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है. यह जंगल समृद्ध जैव विविधता के जरिए मुंबई के पूरे इकोसिस्टम को भी सपॉर्ट करता है.
उत्तर मुंबई का यह क्षेत्र कभी 3 हजार एकड़ जमीन तक फैला हुआ था. अब यह केवल 1300 एकड़ तक ही सीमित रह गया है. इसकी बाकी जमीन डेयरी डेवलपमेंट प्रॉजेक्ट के लिए आरे मिल्क कॉलोनी को दे दी गई थी. खेती की जमीन में बदलने के बाद आरे जंगल कई टुकड़ों में बंट गया है.
आरे जंगल के निवासी अधिकतर वर्ली जनजाति के लोग हैं. यह जनजाति मुंबई के सबसे पुराने निवासी कहे जाते हैं.
मुंबई के इसी आरे जंगल में मेट्रो 4 रेल परियोजना के कारशेड निर्माण का निर्णय लिया गया है. इस निर्माण के लिए बीएमसी ने 2700 से पेड़ों को काटने का आदेश दिया है. यह फैसला सीधे तौर पर पर्यावरण को व्यापक तौर पर नुकसान पहुंचा रहा है. फैसले से तेंदुए, अजगर, पक्षी प्रभावित होंगे.
इसके विरोध में सैकड़ों संगठन के सदस्य और स्थानीय सड़कों पर उतर आए हैं. स्कूल के छात्र भी इस आंदोलन में शामिल होकर पेड़ों को बचाने को लेकर आवाज उठा रहे हैं. वहीं कई फिल्मी हस्तियां और राजनीति से जुड़े लोग भी सेव आरे आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. सभी लोग, पर्यावरणविद, राजनीतिक दल इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.
एमएमआरडीए ने अब मेट्रो 6 परियोजना के लिए बीएमसी से आरे कॉलोनी की अतिरिक्त 29,869 स्क्वॉयर फीट जमीन की भी मांग की है. इनका इस्तेमाल साइट ऑफिस, एक लेबर कैंप और एक कास्टिंग यार्ड के लिए किया जाना है.
मुंबई के नागरिकों के अलावा महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने भी इस प्रोजेक्ट के लिए पेड़ काटने का विरोध किया है. 
इन तमाम तथ्यों के आधार पर प्रधानमंत्री से आरे जंगल को बचाने के लिए आग्रह किया गया है. 
सामाजिक कार्यकर्ता संजय मेहता का कहना है कि पर्यावरण की रक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. हम विकास के समर्थक हैं लेकिन पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे इसका विकल्प हमें तलाशना होगा. उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं बृहनमुंबई महानगरपालिका से अपील की है, आरे जंगल को बचाने का कोई रास्ता निकाला जाए. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संविधान की समवर्ती सूची के अंतर्गत का मामला है इसलिए राज्य सरकार या बृहनमुंबई महानगर पालिका  इस मामले पर अकेले फैसला नहीं ले सकती. 

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