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प्लास्टिक के दुष्प्रभाव और दुनिया में पानी की किल्लत के मुद्दे पर बनी है फिल्म

मुम्बई। पर्यावरण संरक्षण, पानी की किल्लत और ग्लोबल वार्मिंग जैसे गंभीर विषय पर लेखक और निर्देशक भरत श्रीपत सुनंदा ने बेहद प्रभावी शार्ट फ़िल्म 'फ्यूचर फाइट' बनाई है जिसकी प्रोड्यूसर मिसेज कृष्णा सैनानी हैं। अंधेरी स्थित व्यंजन बैंक्वेट हॉल में इस फिल्म की प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जहां फ़िल्म से जुड़ी पूरी टीम और मीडिया की भारी संख्या मौजूद थी। इस फिल्म को त्रिशूल फिल्म कंपनी और कॉन्टेंट प्रोवाइडर इन एसोसिएशन विथ प्रकाश सर्जेराव सदावर्ते ने प्रस्तुत किया है। मिसेज कृष्णा सैनानी, निर्देशक भरत श्रीपत सुनंदा, प्रकाश सर्जेराव सदावर्ते और गेस्ट के रूप में एक्टर जावेद हैदर की उपस्थिति में फिल्म की स्क्रीनिंग हुई उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई।

 निर्देशक भरत श्रीपत सुनंदा ने कहा कि इंसान ने दुनिया के लिए प्लास्टिक नाम का बहुत बड़ा जहर बनाया है। उसके अधिकतर इस्तेमाल से पीने का पानी खत्म होता जा रहा है। हम 5जी और 8जी जैसी नई तकनीकों का इंतजार कर रहे हैं, मगर उधर बुनियादी चीज पानी दुनिया से खत्म होता जा रहा है। आप यकीन करेंगे कि आज पूरी दुनिया मे पीने लायक पानी सिर्फ 2.5 प्रतिशत है। यूएई में दुबई के फ्यूचर म्यूज़ियम में जब ये फिल्म पेश की गई तो दुबई के जाने माने बिज़नेसमैन हैरान रह गए और कहा कि हम यहां भविष्य की योजनाएं बना रहे हैं और यह सोचा ही नहीं, कि दुनिया मे पानी खात्मे के कगार पर है।

 मिसेज कृष्णा सैनानी ने बताया कि जब लेखक और निर्देशक भरत श्रीपत सुनंदा उनके पास ये प्रोजेक्ट लेकर आए तो मुझे यह कॉन्सेप्ट काफी पसन्द आया और इसलिए मैं इस फिल्म से जुड़ी। इस शॉर्ट फिल्म को दर्शकों की बड़ी संख्या तक पहुंचाने के लिए हमने कनाडा की एक्ट्रेस घडा लाजमी को कास्ट किया, जाने माने एक्टर रवि भाटिया को लिया, और इसे एक फीचर फिल्म की तरह फिल्माया। इसमें हमने दिखाया है कि पानी के लिए लोग लड़ रहे हैं, एक दूसरे को पानी के लिए मार काट रहे हैं। 

मिसेज कृष्णा सैनानी ने आगे बताया कि लॉकडाउन के दौरान यह फ़िल्म बनाई गई थी। बेहतरीन एक्टर्स के साथ उम्दा कैमरे से फिल्माई गई इस फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन बेहतर ढंग से करवाया गया है। 12 मिनट की फिल्म के क्लाइमेक्स में एक प्रभावी मैसेज दिया गया है। इसे दुनिया भर के फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जाएगा। ऐसे देशों में भी इसकी स्क्रीनिंग होगी जहां लोगों ने पानी के लिए काफी संघर्ष किया है, सहन किया है। लोगों में पानी व पेड़ को बचाने, प्लास्टिक के इस्तेमाल न करने के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से यह फिल्म बनाई है। प्लास्टिक बंद नहीं किया गया तो 2065 तक बड़ी तबाही हो जाएगी।

 फिल्म के डायरेक्टर ने बताया कि हर साल दुनिया भर में 11 अरब पेड़ काटे जा रहे हैं, इसका नतीजा क्या होगा?

 इस फिल्म को सिर्फ हिंदुस्तान में नहीं सारी दुनिया में पेश किया जा रहा है और इस फिल्म से ऐसे देश काफी इन्स्पायर हो रहे हैं जो आज ये सच्चाई देख सकते हैं। 

 बता दें कि इस फिल्म की निर्मात्री श्रीमती कृष्णा सैनानी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड मुम्बई की सीनियर एग्जीक्युटिव मार्केटिंग रह चुकी हैं। वहीं फिल्म के निर्देशक भरत श्रीपत सुनंदा को दादा साहेब फाल्के गोल्डन कैमेरा अवार्ड 2020 से सम्मानित किया जा चुका है। इस फिल्म के कलाकारों में रवि भाटिया, रंजीत शशिकांत, अभिनेत्री घडा लाजमी का नाम उल्लेखनीय है, साथ ही बाल कलाकार पार्श्व नंदा ने भी काफी बेहतर काम किया है। यह फिल्म लोगों को सोचने पर मजबूर करने वाली है।

फिल्म की सह निर्मात्री दीप्ति, डीओपी सतीश सिस्ता, फाइट मास्टर मोसेस फर्नांडीज, ईपी राजाराम चंदनशिवे, प्रोडक्शन हेड चिनी चेतन, डिज़ाइनर आर राजपाल हैं।

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