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मुंबई। क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI) द्वारा आयोजित 81वां नेशनल गारमेंट फेयर (एनजीएफ) – महिला एवं पुरुष परिधान संस्करण, जो 14 से 16 जुलाई, 2025 तक आयोजित हुआ, एक ऐतिहासिक गारमेंट फेयर साबित हुआ, जिसने उद्योग की अपेक्षाओं से कहीं ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया। पिछले महीने आयोजित किड्सवियर और हाल ही में संपन्न महिला एवं पुरुष परिधान - दोनों एनजीएफ सेगमेंट को मिलाकर, यह भारत का सबसे बड़ा परिधान व्यापार शो था, जिसने देश भर से मुख्य रूप से खुदरा विक्रेताओं, वितरकों, एजेंटों और थोक विक्रेताओं सहित 50,000 खरीदारों की रिकॉर्ड उपस्थिति के साथ करीब 2500 करोड़ रुपये का अनुमानित कारोबार किया।

गारमेंट फेयर में स्वस्थ ऑर्डर प्लेसमेंट देखा गया, जिसमें कई प्रदर्शकों ने त्योहारी सीजन से पहले भारी ऑर्डर बुकिंग दर्ज किए, जो परिधानों की मजबूत और निरंतर मांग को दर्शाता है। मेले में 800 से अधिक पुरुष और महिला परिधान ब्रांड और 40 से अधिक सहायक एक्सेसरीज लेबल के साथ-साथ दोनों सेगमेंट में 590 किड्सवेयर ब्रांड को प्रदर्शित किए गए।

परिधान उद्योग की वृद्धि को देखते हुए, CMAI के अध्यक्ष संतोष कटारिया ने टिप्पणी की, 'भारतीय परिधान उद्योग एक गहन परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जिसे एक युवा, महत्वाकांक्षी और ट्रेंड-सेटिंग उपभोक्ता वर्ग आकार दे रहा है। आज का उपभोक्ता पारंपरिक फैशन की सीमाओं में बंधा नहीं रह गया है, वह अब ऐसे आधुनिक शैलियों को अपना रहा है, जो वैश्विक रुझानों को भारतीय संवेदनाओं के साथ सहज रूप से जोड़ती हैं। जैसे-जैसे आय स्तर बढ़ रहा है और खरीदारों की पसंद बदल रही है, परिधान अब केवल आवश्यकता नहीं, बल्कि एक जीवनशैली-आधारित श्रेणी बनती जा रही है, जो ब्रांड्स, डिज़ाइनर्स, निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोल रही है।'

गारमेंट फेयर में भाग लेने वाले कई प्रमुख महिला और पुरुष परिधान खुदरा ब्रांड्स शामिल रहे - सोहम शॉप (गुवाहाटी), जीवी मॉल (खम्मम), असोपालाव (अहमदाबाद), पाकिजा रिटेल्स (इंदौर), बी. एस. चन्नबासप्पा एंड संस (कर्नाटक), श्री शिवम अटायर (इंदौर), संजय टेक्सटाइल स्टोर (जयपुर), और राजवाड़ी एम्पोरियम (वलसाड)। इन ब्रांड्स की उपस्थिति ने मेले की प्रासंगिकता को सिद्ध किया, जहां नवीनतम फैशन रुझानों और नवाचारों को समझने और अपनाने का एक आदर्श मंच प्रस्तुत किया गया।

भारतीय परिधान बाजार अब नए सिरे से खुद को परिभाषित करने के चरण में प्रवेश कर रहा है। उपभोक्ता प्राथमिकताएं अब केवल मेट्रो के रुझानों से निर्धारित नहीं होती हैं, बल्कि क्षेत्रीय बाजारों में आकांक्षा, डिजिटल प्रभाव और सांस्कृतिक पहचान की एक मजबूत भावना से प्रेरित होकर एक बढ़ती हुई धड़कन बन चुकी है। हम देख रहे हैं कि फैशन अब अधिक सचेत, व्यक्तिगत और सीजनलेस होता जा रहा है। ऐसे में प्रासंगिक बने रहने के लिए, ब्रांड्स को केवल रुझानों का पालन नहीं करना चाहिए, बल्कि उपभोक्ताओं की जरूरतों का अनुमान लगाना चाहिए, स्थानीय कहानियों को प्रतिबिंबित करना चाहिए और डिजाइन व अनुभव, दोनों के स्तर पर मूल्य प्रदान करना चाहिए।

नेशनल गारमेंट फेयर, जो कि भारतीय परिधान उद्योग का सबसे बड़ा और बहुप्रतीक्षित व्यापार मेला माना जाता है, एक ऐसा प्रभावशाली मंच है, जो राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय ब्रांड्स, निर्माताओं, डिज़ाइनर्स और फैशन एसेसरी उत्पादकों को खुदरा विक्रेताओं, एजेंटों, वितरकों और ई-कॉमर्स कंपनियों से जोड़ता है। यह वार्षिक द्विवार्षिक आयोजन उद्योग में अत्यधिक प्रतिष्ठा रखता है और भारत का अग्रणी व्यापार मंच माना जाता है, जो सभी हितधारकों के लिए समय और लागत की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी व्यापक सोर्सिंग मंच प्रदान करता है।

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