हालांकि महामारी को लेकर अभी भी छात्रों के मन में डर छाया हुआ है। इस वजह से स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में पूछे जाने पर मिश्रित प्रतिक्रिया देखी गई। केवल 38.7% छात्रों ने कहा कि वे लॉकडाउन के खत्म होने पर खुलते ही स्कूल जाने को तैयार हैं, जबकि 34% छात्रों ने कहा कि वे अभी भी स्कूल जाने से बचेंगे और इसके लिए कोई वादा नहीं कर सकते।
ब्रेनली के अधिकांश यूजर्स (55.2%) ने लॉकडाउन के बीच वर्चुअल क्लासेस का लुत्फ उठाया। एक-तिहाई से अधिक प्रतिभागी ऑनलाइन लर्निंग को तत्पर हैं। 42.5% ने बताया कि स्कूल फिर से खुलने के बाद भी वे ऑनलाइन लर्निंग जारी रखेंगे, जबकि एक तिहाई से कम यानी 28.7% छात्रों ने कहा कि उन्होंने अब तक फैसला नहीं किया हैं और अभी भी एक विकल्प के रूप में ऑनलाइन लर्निंग पर विचार कर रहे हैं।
सर्वे के अनुसार अनुसार 53.3% छात्र स्कूलों के फिर शुरू होने के बाद ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा दोनों का मिश्रण पसंद करते हैं। हालांकि, 27.7% हाइब्रिड लर्निंग मॉडल नहीं चाहते हैं जबकि 19% के लिए तय करना फिलहाल बाकी है।
ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म इस समय लर्निंग के एक तरीके के रूप में छात्रों के बीच लोकप्रियता पा रहे हैं क्योंकि एक क्लिक में कई संसाधनों तक पहुंच को आसान बनाते हैं। एक सुरक्षित और सोशल-डिस्टेंसिंग आधारित इकोसिस्टम की जरूरत ने इस बदलाव को अधिक प्रेरित किया है। यह तेजी से छात्रों और उनके माता-पिता के लिए लर्निंग के सुलभ और विश्वसनीय स्रोत के रूप में उभर रहा है। हालांकि बड़ी आबादी वाले देश के रूप में दूर दराज के क्षेत्रों में नेटवर्क से जुड़े मुद्दे और इंटरनेट की असमान पैठ कनेक्टिविटी से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती है।
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