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आज घर खरीदने वालों में आधुनिक सजावट के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के कारण इंटीरियर डिज़ाइनर इन दिनों चांदी काट रहे हैं। प्राकृतिक तत्वों से आर्गेनिक डिजाईन हों या सिंथेटिक इंटीरियर पैटर्न, भारतीय रियलिटी बाज़ार में प्रेरक इंटीरियर डिजाईन तरीकों की बाढ़ सी आ गयी है। यहाँ कुछ पसंदीदा इंटीरियर डिज़ाइनर और डेकोरेटर 2018 में इंटीरियर डिजाईन ट्रेंड के बारे में बता रहे हैं।

इंटीरियर्स इन्फो डॉट कॉम के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मुर्तजा मोतीवाला ने कहा कि 2018 में क्लासिक, पारंपरिक तत्व धमाकेदार वापसी करेंगे। हालांकि यह पूरी तरह से अप्रासंगिक कभी नहीं हुए पर पिछले कुछ सालों से लगता था जैसे हर कोई आधुनिकता के पीछे पागल हो रहा है। वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक माहौल की अनिश्चितता देखते हे कहा जा सकता है कि लोग क्लासिक, पुरानी पसंद की और लौटेंगे ताकि उनका घर बाहरी दुनिया से अलग हो और उन्हें घर आकर अलग सुकून मिले। इसलिए प्राचीन, पारंपरिक भूरे फर्नीचर और प्रिंट किये फैब्रिक्स और फूलदार कपडे  नए साल में अपनी ज़ोरदार उपस्थिति दर्ज कराएँगे।
इंटीरियर्स इन्फो डॉट कॉम सभी इंटीरियर बाज़ार निर्माता, उत्पाद वेंडरों, कुशल और पेशेवर कारीगरों के लिए सम्पूर्ण हल मुहैया कराता है। यह समूचे इंटीरियर उद्योग के लिए एक मंच है। इसके पास इंटीरियर सामग्री की दस श्रेणियां हैं।
इंटीरियर्स इन्फो डॉट कॉम श्रेष्ठ इंटीरियर्स की तलाश में लगे लोगों के लिए ऑनलाइन शौपिंग पैराडाइज है। यह नयी तकनीक और अनूठेपन का संगम है इसलिए उपयोगकर्ता के अनुकूल, सुविधाजनक और किसी परेशानी से मुक्त है। यह सभी के लिए श्रेष्ठ खरीदारी स्थल है।
एसकेबी एंटरप्राइज मालिक मुस्तफा अली के अनुसार घर मालिकों में स्थानीय उत्पादों के प्रति पसंद उछाल पर है जो घरों के सौन्दर्यबोध को निखारती है। कुदरती अथवा पर्यावरण-अनुकूल सामग्री जैसे लकड़ी, पत्थर, धातु, जूट, बांस, रीसायकल किया हुआ रबड़ आदि सामग्री पर आधारित घर की सजावट बेहद लोकप्रिय है।
श्री मोतीवाला कहते हैं कि नए घरों में पारंपरिक भोजन कक्ष वैसे नहीं रह गए जैसे पहले हुआ करते थे, खासकर नए घरों में जहाँ खुली बैठक/रसोई जगहें पसंद की जाती हैं। उपयोग की जगह को अधिकतम विस्तार देने के लिए कई लोग भोजन कक्ष को पुस्तकालय अथवा मीडिया रूम में बदल रहे हैं। घर मालिक पढने और टीवी देखने के लिए जगह बनाने के नए-नए तरीके खोज रहे हैं।
ग्लीमिंग लाइट के मालिक शैलेश पटेल जोर देकर कहते हैं कि किसी भी कमरे को चमकदार और स्वागत योग्य बनाने के लिए आज भी रौशनी का महत्व बना हुआ है लेकिन हमें लगता है कि झूमरों की लोकप्रियता ढलान पर है और इस साल उनकी जगह बड़े पेंडेंट यानी विशाल और नीचे लटकने वाले झुमके लेने जा रहे हैं। ज्यादा समय नहीं हुआ जब पेंडेंट का इस्तेमाल छोटी जगहों जैसे प्रवेश या रसोई (समूहों में) किया जाता है पर अब इस साल विशाल पेंडेंट भोजन कक्षों की भी शोभा बढाने जा रहे हैं। हमें अब भी झूमरों से प्यार है पर पेंडेंट का सिंगल लाइट सोर्स एक सुखद परिवर्तन जैसा है।
साज डेकोर के मालिक श्री संतोष के अनुसार घर की सजावट में ज्यामितीय डिजाईन अब भी कई घर मालिकों के दिल पर राज कर रहे हैं। प्रेरक स्टाइल टाइल, रसोई के सिंक के पीछे के पैनल पर, वाल पेपर के अलावा पर्दों आदि पर भी लागू होते हैं।
शिव स्टील के श्री करण कहते हैं ताम्बे, पीतल या सोने जैसे चमकीले धातुओं और चादी जैसे सौम्य धातुओं का क्लासिक मिश्रण भारतीय घरों में जादू बिखेर रहा है। चांदी, सोने और गहरे धातुओं का मिश्रण किसी भी अन्य डिजाईन ट्रेंड से ज्यादा स्टाइलिश दिखता है। डिजिटल प्रिंट भी धीरे-धीरे ही सही पर घर सजाने के शौकीनों की दिलचस्पी का केंद्र बन रहे हैं।

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