मुम्बई : कई क्षेत्रों में अपना दखल रखने वाली और विश्वस्तरीय अग्रणी बिजनेस संस्था डारविन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ (डीपीजीसी ) ने सर्वोदय को-ऑपरेटिव के आधुनिकीकरण व पुनर्गठन का ज़िम्मा उठाया है. इस सम्बन्ध में सर्वोदय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित भांडुप शाखा में डारविन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ ने आज अपने को-ऑपरेटिव बैंकिंग कार्यक्षेत्र के दायरे को और बढ़ाने और अपनी को-ऑपरेटिव बैंकिंग प्रणाली के संपूर्ण आधुनिकीकरण का आधिकारिक घोषणा की. इस मौके पर मुख्य अतिथि महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य सुनील राउत, राज्य सरकार के आला अधिकारी, को- ऑपरेटिव बैंकिंग के आला अधिकारियों ने इस हिस्सा लिया और बैंक के सदस्यों की हौसलाअफ़जाई की. मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य लोगों ने राज्य में को- ऑपरेटिव बैंकिंग को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए डारविन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ के प्रयासों की प्रशंसा की.
सम्पूर्ण आधुनिकीकरण का मुख्य उद्देश्य बैंक के मौजूदा व नये ग्राहकों को बैंकिंग का नया अनुभव प्रदान करना है. बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े डारविन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ जल्द ही सर्वोदय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का पुर्नगठन करने जा रही है, जिसके लिए नई टेक्नोलॉजी, बेहद अनुभवी लोगों के साथ-साथ सुदृढ़ बैंकिंग-आईटी की ढांचगत सेवाएं ली जाएंगी. मोबाइल, इंटरनेट, आधुनिक डिजिटल मार्केटिंग, संस्थागत साझेदारी की जाएंगी और सदस्य आधारित सेवाएं प्रदान की जाएंगी.
बैंक की रजत जयंती के अवसर पर डीपीजीसी के सीईओ राहुल गणपुले ने कहा, "हम सर्वोदय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पुनर्गठन के माध्यम से को-ऑपरेटिव बैंकिंग को सामाजिक-आर्थिक उत्थान का ज़रिया बनाना चाहते हैं, जिसकी शुरुआत 30, 1996 को मुम्बई में हो गयी थी. रजत जयंती के ख़ास मौके पर हम राज्य के को- ऑपरेटिव बैंकिंग व्यवस्था में एक नई ऊर्जा का संचार करना चाहते हैं. हम इसके कार्यक्षेत्र में विस्तार करते हुए व्यक्तिगत तौर पर लोगों, लघु उद्योगों, को- ऑपरेटिव सोसाइटियों, किसानों व उनके सहयोगियों और विभिन्न क्षेत्रों से ताल्लुक रखनेवाले वेतनभोगियों की सहायता करने का इरादा रखते हैं. इस क्षेत्र से संबंध रखनेवाले लोगों को को-ऑपरेटिव बैंकिंग के दायरे में जल्द ही आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का अनुभव प्राप्त होगा.
उल्लेखनीय है कि पुनर्गठन व आधुनिकीकरण की प्रक्रिया तेज़ गति से चल रही है. रजत जयंती के उपलक्ष्य में 150 नये सदस्यों के खाते खोले गये.
इस मौके पर डीपीजीसी के निदेशक अनवर बावला ने कहा, "सर्वोदय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पुनर्गठन और आधुनिकीकरण से नये दौर की को-ऑपरेटिव बैंकिंग व सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी. हमारा आईटी विभाग डिजिटल परिवर्तन के साथ डाटा मैनेजमेंट और पुख़्ता सुरक्षा के ज़रिए ये सुनिश्चित करेगा कि लोगों के साथ किसी तरह की धोखेबाज़ी न हो. इसके लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का भी उपयोग किया जाएगा. हमें पूरी उम्मीद है कि इस डिजिटल परिवर्तन से अन्य सामान्य ऑपरेशनल क्षेत्रों में नये प्रयोगों के लिए दरवाज़े खुल जाएंगे. इस तरह की पहल से तेज़ गति से विकास करने में मदद मिलेगी, क्षमता में इज़ाफ़ा होगा और बैंक के ग्राहकों को संतुष्टि प्राप्त होगी.
हर ग्राहक की ज़रूरतों को समझते हुए विभिन्न तरह की बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के अलावा बैंक अपनी कोर बैंकिंग सोल्यूशन (CBS) के माध्यम से RTGS, NEFT, ABB जैसी सेवाएं भी प्रदान करेगी. यह बैंक मुम्बई, नवी मुम्बई, ठाणे और रायगड जिलों में कार्यरत रहेगा. बैंक अपने ग्राहकों की तमाम ज़रूरतों की पूर्ति के लिए अर्थपूर्ण उत्पादों और सेवाओं के ईजाद करने में जुटा हुआ है. बैंक के पुनर्गठन व आधुनिकरण के ज़रिए बैंक अपने ग्राहकों को बैंकिंग का अनूठा अनुभव मुहैया कराने के लिए तैयार है.
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