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▪ठेकेदार का लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद भी दिया गया लगभग 5 करोड़ का ठेका
▪अब तक नही की गई भ्रष्ट अधिकारियों व ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई
मुकेश गुप्ता / मुंबई
वसई -विरार शहर महानगरपालिका एवं ठेकेदार मे.जी.आर.कंस्ट्रक्सन के मिलीभगत व भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।जिससे वीवीएमसी की भ्रष्टाचारी गतिविधियों का पर्दाफाश हो गया है।पत्रकार व आरटीआई कार्यकर्ता किशनदेव गुप्ता ने यह मामला उजागर कर भ्रष्ट मनपा अधिकारियों व ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
      आरटीआई से प्राप्त जानकारी अनुसार वसई-विरार शहर मनपा अंतर्गत दिवानमान स्थित सर्वे न.176 व 177 दफ़नभूमि क्षेत्र में आर.सी.सी.वॉल कंपाउंड बनाने हेतु बीते वर्ष दि.04/10/2013 में टेंडर निकाला गया था।यह टेंडर मे.जी.आर.कंस्ट्रक्सन नामक ठेकेदार को दिया गया।जबकि उस ठेकेदार के लाइसेंस की समयसीमा दि.22/08/2013 को ही समाप्त हो गई थी।मनपा के नियमानुसार ठेकेदार के लाइसेंस की समयसीमा समाप्त होने के उपरांत उसे टेंडर नही दिया जा सकता।बावजूद इसके टेंडर भी मंजूर किया गया और ठेकेदार का बिल पेमेंट किया गया।भ्रष्ट मनपा अधिकारियों के मिलीभगत व भ्रष्टाचार के फल स्वरूप ठेकेदार ने घटिया दर्जे के सामग्री का उपयोग कर अपने कार्य की इतिश्री कर ली और करोड़ो रुपयों का भ्रष्टाचार कर संबंधित अधिकारियों व ठेकेदार ने बंदरबाट कर लिया।
     आरटीआई कार्यकर्ता किशनदेव गुप्ता द्वारा इस संदर्भ में शिकायत की गई थी।जब उन्होंने उक्त शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई है ,आरटीआई द्वारा जवाब मांगा तब इसके जवाब में मनपा द्वारा बताया गया कि कार्रवाई बाबत जानकारी उनके कार्यालय में उपलब्ध नही है।

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