आइए ऐसे कुछ क्षेत्रों पर नजर डालें, जिनमें लॉकडाउन के दौरान वृद्धि देखी गई है:
स्टॉक मार्केट्स: तकनीक ने बहुत से व्यवसायों को बाधित किया है, लेकिन ब्रोकिंग उद्योग में प्रौद्योगिकी अपनाना ब्रोकरेज हाउसों के लिए काफी अच्छा रहा है। पहली बार निवेशक एक ऐसा अवसर देख रहे हैं जहां वे यह सोचकर स्टॉक खरीद रहे हैं कि जल्द ही बाजारों में मजबूत रिबाउंड होगा। निवेशकों ने शेयर बाजार का लाभ उठाने का फैसला किया इसके पीछे सबसे बड़े कारणों में से एक रहा- उनका घर के अंदर रहना। उन्होंने घर के अंदर रहकर स्टॉक मार्केट पर नजर रखी और मिले अतिरिक्त समय का इस्तेमाल विषय को गहराई से समझने के लिए किया। स्टॉक ब्रोकिंग हाउस जैसे एंजल ब्रोकिंग, ज़ेरोदा आदि ने ग्राहकों में वृद्धि देखी है। इससे उनके व्यापारिक लेन-देन में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है।
ओटीटी प्लेटफार्म: नाम से ही स्पष्ट है कि ये मंच इंटरनेट के माध्यम से दर्शकों को सीधे सामग्री प्रदान करते हैं। वर्तमान कोविड-19 महामारी और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने न केवल औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को ठप कर दिया, बल्कि लोगों के व्यवहार में भी व्यापक बदला आया है। इसमें डिजिटल खपत का कई गुना बढ़ना शामिल है। बाजार ने सामग्री के निर्माण, वितरण और प्रवाह के तरीके में क्रांति ला दी है। लोगों को सामग्री में लगातार विविधता चाहिए, और ओटीटी विभिन्न सामग्रियों की उपलब्धता के साथ इस मांग को पूरा करता है। प्रोमोडोम, हॉटस्टार, अमेज़न प्राइम वीडियो, जी5 आदि ओटीटी प्लेटफार्मों ने लॉकडाउन अवधि में दर्शकों की संख्या और ऐप डाउनलोड में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी।
इनोवेटिव डिजिटल प्लेटफॉर्म: चीनी ऐप्स पर हालिया प्रतिबंध के साथ लाइफस्टाइल कम्युनिटी-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ट्रेल, शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म मित्रों, ऑडियो प्लेटफॉर्म खबरी जैसे इनोवेटिव डिजिटल प्लेटफॉर्म ने अपने ऐप पर डाउनलोड और यूज़र साइनअप में तेजी देखी है। यूजर अब ऐसे इनोवेटिव ऐप्स चाहते हैं जो विशेष रूप से 'मेड इन इंडिया' हैं और चीनी ऐप्लिकेशंस पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में सरकार के कदम के प्रति समर्थन दिखा रहे हैं।
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