0


हेमा फाउंडेशन, 'राम रत्ना ग्रुप' की सामाजिक गतिविधियों की एक परोपकारी इकाई है। बच्चों को उनकी संवेदनशील आयु में संस्कारित और नैतिक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में यह एक अभिनव प्रयास है। फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य- ''बच्चों में अभिभावक, समाज व राष्ट्र के प्रति नैतिक जिम्मेदारी का बोध करवाना है जिससे वे जागरूक एवं उत्तरदायी नागरिक बन सके। इसी उद्देश्य से हेमा फाउंडेशन का शुभारंभ 25 जून 2016 को स्वामी श्री गोविन्ददेव गिरिजी के करकमलों द्वारा हुआ था।
  वैश्विक पटल पर भारतीय संस्कृति एवं मानवीय-मूल्यों के स्थापन के लिए समर्पित हेमा फाउंडेशन नैतिक-मूल्यों एवं मानवता की प्रतिमूर्ति श्रीमती हेमा काबरा की स्मृति में स्थापित यह संस्था विगत चार वर्षों से मानवीय-मूल्यों एवं भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान के लिए देश भर में जीवन-मूल्यों में सरलता एवं सौहार्द स्थापित करने के लिए प्रयासरत है।
हेमा फाउंडेशन के परामर्श मण्डल में पद्मश्री रामेश्वरलाल काबरा, डॉ.संजय मालपानी (राष्ट्रीय अध्यक्ष- गीता परिवार), डॉ. श्रीमती चीनू अग्रवाल (मनोविज्ञानी एवं मनोचिकित्सक), डॉ. अनंतन रामकृष्ण पिल्लै (संस्थापक अध्यक्ष- आई.डी.एफ.), डॉ. हरीश शेट्टी (बाल-मनोचिकित्सक), श्री शिव खेड़ा (मोटिवेशनल ऑथर), प्रसिद्ध अभिनेता व पद्मश्री मनोज जोशी, फिल्म अभिनेता- मुकेश खन्ना का विशेष मार्गदर्शन लिया गया है। 
इन अल्पावधि में फाउंडेशन ने अपने कदम बढ़ाते हुए वर्तमान में देश के 19 राज्यों के 109 शहरों में दस्तक देते हुए हजारों विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में अपनी गतिविधियों का संचालन कर रही हैं। विभिन्न राज्य सरकारों एवं केंद्र सरकार ने भी अनेक अवसरों पर हेमा फाउंडेशन के उद्देश्यों एवं कार्य की सराहना की है।
 हेमा फाउंडेशन की क्रिएटिव डायरेक्टर एवं ट्रस्टी श्रीमती अनीता माहेश्वरी ने बताया कि गरवारे इंस्टीट्यूट मुंबई विश्वविद्यालय, सोलापुर विद्यापीठ, तिलक विद्यापीठ -पुणे, महर्षि दयानद सरस्वती विश्वविद्यालय -अजमेर, राजस्थान विश्वविद्यालय- जयपुर आदि ने अनेक सर्टिफिकेट एवं डिग्री पाठ्यक्रमों का संचालन भी किया है। साथ ही नैतिक-मूल्यों एवं भारतीय संस्कृति के रचित पाठ्यक्रम को और अधिक रोचक एवं सरल बनाने के लिए हेमा फाउंडेशन ने 45 से अधिक प्रेरक लघु चलचित्रों का निर्माण भी किया है। 
विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों से मिल रहे सकारात्मक प्रतिसाद को ध्यान में रखते हुए फाउंडेशन का अगला कदम उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों में क्षमता निर्माण हेतु “हेमफार्मेशन” के प्रथम मॉड्यूल का प्रकाशन किया गया है। इस पुस्तक में खुशी, समर्पण, ईमानदारी, समय, प्रबंधन, धैर्य, आशाएं, आदतें, आत्मविश्वास आदि विषयों का समायोजन है। डॉ. नागपाल सिंह के द्वारा संपूर्ण पाठ्यक्रम को तैयार किया गया है। वे प्रमुख शोधकर्ता एवं शिक्षाविद के साथ ही हेमा फाउंडेशन के एकेडमिक डायरेक्टर भी हैं।
हेमोत्सव-2019 कार्यक्रम का आयोजन हेमा फाउंडेशन के विगत वर्षों के कार्यक्रमों के अवलोकन, मार्गदर्शन, सफलता एवं भविष्य की गतिविधि के निर्माण के लिए किया जा रहा है। इस हेतु देश भर से नैतिक मूल्यों के स्थापन के पुण्य कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता देने वाले हजारों महानुभावो का आगमन होगा। 
इस एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन फाउंडेशन के स्थापना दिवस दिनांक 25 जून 2019 को सायंकाल 5.45 बजे रवींद्र नाट्य मंदिर, प्रभादेवी, मुम्बई में मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के शिक्षामंत्री आशीष शेलार, मुम्बई महानगरपालिका उपायुक्त मिलिन्द सावंत एवं सुविख्यात मोटीवेटर राइटर व वक्ता शिव खेड़ा तथा प्रख्यात अभिनेता एवं पद्मश्री मनोज जोशी की गरिमामय उपस्थिति में "हेमफॉर्मेशन" का विमोचन होगा।
फाउंडेशन का लक्ष्य है- नैतिक मूल्यों की ज्योति को प्रभावी एवं सशक्त रूप में योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से हर विद्यालय, हर विद्यार्थी तक पहुँचे जिससे एक संस्कारी, स्वाभिमानी, समर्थ एवं शिक्षित भारत का निर्माण हो।
21 जून को प्रेस क्लब में हेमा फाउंडेशन द्वारा नैतिक शिक्षा के उपक्रम को व्यापक रूप से जनमानस तक पहुंचाने के लिए एक प्रेस कांफ्रेंस के आयोजन किया गया जहां फाउंडेशन के प्रचार प्रसार विभाग प्रमुख प्रकाश जाखोटिया, संजय उपाध्याय (महाराष्ट्र राज्यमंत्री आवास विकास निगम), भारत विकास परिषद मुम्बई के अध्यक्ष श्याम सुन्दर खेतान भी उपस्थित थे। 
आज के बदलते परिवेश एवं सूचना-प्रद्योगिकी गति को ध्यान में रखते हुए हेमा फाउंडेशन का एक नया पहल- मोबाइल ऐप विकसित किया है। जहाँ से पुस्तक-सामग्री एवं प्रतियोगिता संबंधी जानकारी अथवा www.hemafoundation.org से डाउनलोड की जा सकती है। 

Post a Comment

 
Top