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मुंबई : नरोत्तम शेखसरिया फाउंडेशन (एनएसएफ) ने एक वेबिनार में टोबैको-फ्री ग्रांट्स एंड अवार्ड्स (तंबाकू-मुक्त भारत अनुदान एवं पुरस्कार)-2020-22 के 10वें संस्करण का आयोजन किया। इसमें तंबाकू नियंत्रण की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से एनजीओ और व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। इस वर्चुअल कार्यक्रम में डॉ. राणा जे सिंह, डिप्‍टी रीजनल डायरेक्टर, साउथ ईस्ट एशिया, इंटरनेशनल यूनियन अगेन्स्ट ट्यूबरकूलोसिस एंड लंग डिसीज़ उपस्थित रहे, जो इस कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि थे। इस कार्यक्रम में डॉ. साधना तायडे- निदेशक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, महाराष्ट्र; सुश्री नंदिता रामचंद्रन – सीईओ, सलाम मुंबई फाउंडेशन और डॉ. मोनिक कामत- सीईओ नरोत्तम शेखसरिया फाउंडेशन उपस्थित थे। 

इन पुरस्कारों के बारे में बात करते हुए नरोत्तम शेखसरिया फाउंडेशन के सीईओ डॉ. मोनिक कामत ने कहा, “नरोत्तम शेखसरिया फाउंडेशन में जिन क्षेत्रों पर हमारा ध्यान केंद्रित रहता है उनमें शामिल है व्यक्तियों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना, सामाजिक और आर्थिक रुप से वंचित समुदायों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार और भारतीय परंपराओं को बढ़ावा देना और उनका संरक्षण करना। तंबाकू के सेवन से स्वास्थ्य को होने वाली गंभीर क्षति को पहचानते हुए फाउंडेशन द्वारा कैंसर की रोकथाम के लिए उतना ही ज़ोर दिया जाता है। प्रमुख हस्तक्षेपों में से एक तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रमों के लिए सहायता पर आधारित है। इसी दिशा में हर साल तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों को हम अनुदान देते हैं और इस साल कड़ी चयन प्रक्रिया के बाद हमने 5 एनजीओ और 10 व्यक्तियों की पहचान की है जो तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में पूरी तरह से समर्पित भाव से कार्य करते रहे हैं।”

डॉ. राणा जे सिंह, डिप्‍टी रीजनल डायरेक्टर, साउथ ईस्ट एशिया, इंटरनेशनल यूनियन अगेन्स्ट ट्यूबरकूलोसिस एंड लंग डिसीज़ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा “जबकि मैं पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं और अनुदानकर्ताओं को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दूंगा, मैं भी तंबाकू नियंत्रण के लिए हमारी लड़ाई में उनके द्वारा शुरू की गई पहल के लिए एनएसएफ और एसएमएफ द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करना चाहूंगा। COVID 19 के लिए तम्बाकू एक जोखिम कारक है और पिछले 7 से 8 महीनों में, तम्बाकू कंपनियां अपने ब्रांड और उत्पादों को CSR पहलों के माध्यम से बढ़ावा दे रही हैं जिसमें युवा हस्तक्षेप शामिल था। पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का काम किया है, जो एक सराहनीय प्रयास है और महाराष्ट्र के अनुभव से सीखते हुए, इसने अन्य राज्यों के लिए भी यही तरीका अपनाया है। वैश्विक चर्चा इस बात पर जोर देने के लिए है कि यह महामारी तम्बाकू उपभोक्ताओं को तम्बाकू के उपयोग को रोकने का एक अवसर है। सरकार और एनटीसीपी का मार्गदर्शन है और यह हम सभी के हितधारकों के रूप में है कि हम इस पर एक साथ कैसे काम कर सकते हैं और आगे ले जा सकते हैं। 

नरोत्तम शेखसरिया फाउंडेशन द्वारा उन व्यक्तियों को लीडरशिप अवार्ड्स प्रदान करता है जिन्होंने तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में अपना उल्‍लेखनीय योगदान दिया है। फाउंडेशन ने दो सालों में 50 हजार रुपये का पुरस्‍कार देकर उनके प्रशंसनीय प्रयासों के लिए अपना सहयोग दिया है। अधिकतम 10 व्यक्तियों को पुरस्कार दिए जाते हैं। शिक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, डेंटिस्ट, डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता इत्यादि जैसे विभिन्न पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है। 

नरोत्तम शेखसरिया फाउंडेशन एनजीओ अनुदान भी देता है और तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में शानदार काम करने वाले गैर लाभकारी संगठनों को दो वर्षों में दी गई यह राशि 10 लाख रुपये है। यह अनुदान उन संस्थाओं पर ध्यान केंद्रित करता है जो 10 लाख से कम आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों और शहरों में परिचालन करते हैं। इस तरह की योग्य संस्थाओं को अधिकतम पाँच अनुदान प्रदान किए गए हैं।

एनजीओ अनुदान (संस्था - ज़िला - राज्य)

मूवमेंट फॉर ऑल्टरनेटिव एंड यूथ अवेयरनेस - बेंगलुरु - कर्नाटक

एफर्ट (EFFORT)  - प्रकासम - आंध्र प्रदेश 

शिक्षित रोज़गार केंद्र प्रबंधक समिति (SRKPS) - झुंझुनू - राजस्थान

बुंदेलखंड सेवा संस्थान - ललितपुर - उत्तर प्रदेश

बालाजी सेवा संस्था - देहरादून - उत्तराखंड 

लीडरशिप अवार्ड्स (व्यक्ति का नाम ज़िला)

 सरोज जगताप - नाशिक 

 अनिल नामदेव जाधव - सातारा 

 ज्योति देशमुख - नाशिक

 रवि गोसावी - नंदूरबार 

 कैलाश गव्हानकर - यवतमाल 

 नरेश वाघ - वर्धा 

 शशिकांत कदम - कोल्हापूर 

 पंकज शिंदे - धुले

 रामचंद्र टोणे - सांगली 

डॉ. साधना तायडे- निदेशक, स्वास्थ्य सेवा, महाराष्ट्र राज्य सरकार को एक तंबाकू मुक्त समाज के निर्माण के लिए उनके गहन कार्य और अतुलनीय योगदान के लिए विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया। इन व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के ज़रिए सहायता प्रदान की जाती है जो सलाम मुंबई फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। स्थानीय हितधारकों जैसे पुलिस, स्वास्थ्य विभाग पदाधिकारी, स्कूल शिक्षक इत्यादि को संवेदनशील बनाकर उनके कार्य को ज़्यादा व्यापक स्तर पर ले जाने और सामुदायिक स्तर पर गतिविधियों की शुरुआत कर स्कूलों और गाँवों को तंबाकू मुक्त करने के लिए उन्हें सहायता प्रदान की जाती है।

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