- अधाता ने लाॅकडाउन के दौरान अपने बुजुर्ग सदस्यों को अकेलेपन से लड़ने में मदद करने के लिए किया टैक्नोलाॅजी का इस्तेमाल
- पिछले छह महीनों में अधाता ट्रस्ट के सदस्यों के साथ आयोजित किए गए 52 से अधिक लाइव ऑनलाइन सत्र।
मुंबई। बुजुर्ग नागरिकों के मनोवैज्ञानिक कल्याण पर केंद्रित मुंबई के एक गैर-सरकारी संगठन अधाता ट्रस्ट ने आज वर्चुअल तरीके से अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाया। ऑनलाइन इवेंट में अधाता के सदस्यों ने ‘खुशियों की होम डिलीवरी’ थीम पर शानदार कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस दौरान बड़ी संख्या में ट्रस्ट के सदस्य जुड़े और उन्होंने उत्साहपूर्वक इस इवेंट में हिस्सा लिया। अधाता ट्रस्ट ने निरंतर यह प्रयास किया है कि महामारी के दौरान भी वरिष्ठ नागरिक सदस्य एक-दूसरे से अच्छी तरह से सक्रिय रूप से जुड़े रहें। ट्रस्ट ने पिछले छह महीनों के दौरान अपने 500 से अधिक सदस्यों के शारीरिक, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए वीडियो-आधारित गतिविधियों और इंटरैक्शन सेशन्स का लाभ उठाया।
यह मानते हुए कि कई बुजुर्ग नागरिकों को टैक्नोलाॅजी के माध्यम से आपस में जुड़े रहने के लिए जरूरी कौशल का ज्ञान नहीं है, अधाता ट्रस्ट ने अपने सदस्यों के लिए एक डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया। टीम ने दैनिक कार्यों, वॉयस नोट्स और अन्य ऑनलाइन निर्देशों का लाभ उठाया, ताकि सदस्यों को स्मार्टफोन की कार्यक्षमता बेहतर तरीके से समझाई जा सके और वे वीडियो-आधारित इंटरैक्शन के साथ और अधिक सहज हो सकें। इसका लाभ यह हुआ कि सदस्य लाइव ऑनलाइन जूम सत्र में भाग लेने और एक दूसरे के साथ जुड़ने की प्रक्रिया को जल्द ही समझ गए। साथ ही वे पेपर और पेन संबंधी आनलाइन गतिविधियों में भाग लेने में भी सक्षम हो गए और मानसिक कसरत को बढ़ावा देते हुए ऑनलाइन खेल भी खेलने लगे। अधाता ने अपने सदस्यों के लिए एक फिजियोथेरेपिस्ट और डांस मूवमेंट थेरेपिस्ट के साथ लाइव सत्र का भी आयोजन किया। वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष योग, पारंपरिक भारतीय नृत्य, मंडला कला, विशेष व्यंजनों, मुखौटा बनाने और किचन गार्डनिंग जैसी गतिविधियों के लिए भी लाइव, वचुअल क्लास आयोजित की गईं। पिछले छह महीनों में, अधाता ट्रस्ट को ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएसए से भी सदस्यता संबंधी नामांकन अनुरोध प्राप्त हुए हैं।
महामारी के दौरान किए गए प्रयासों और पहलों पर टिप्पणी करते हुए अधाता ट्रस्ट के फाउंडर श्री अरुण नंदा ने कहा, ‘‘बढ़ती उम्र के कारण उपजे रोगों के कारण कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया भर में वरिष्ठ नागरिक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। ऐसे अभूतपूर्व समय के दौरान बुजुर्गों को सुरक्षित रहने के लिए अक्सर सबसे आक्रामक तरीके से खुद को आइसोलेशन में रखने के उपाय करने पड़ते हैं और इसके परिणामस्वरूप अकेलेपन और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे सामने आते हैं, जिनकी तरफ विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। मुझे यह देखकर खुशी होती है कि, कोविड -19 की कई चुनौतियों के बावजूद अधाता ट्रस्ट की टीम ने अपने बुजुर्ग सदस्यों की सेहत और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए सार्थक रूप से एक दूसरे के साथ जुटे रहने में मदद करने के लिए टैक्नोलाॅजी का अभिनव उपयोग किया है।
अधाता ने युवाओं को बुजुर्गों से जोड़ने के लिए 15 अगस्त को एक इंटरजनरेशनल म्यूजिक शो का आयोजन भी किया। इसने मुंबई फस्र्ट के साथ मिलकर ‘दान फेस्टिवल’ का भी आयोजन किया। इसका आयोजन जाॅय आॅफ गिविंग वीक के दौरान 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक किया गया।
अधाता ट्रस्ट के वर्तमान में मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे के 12 सामुदायिक केंद्रों में 500 से अधिक वरिष्ठ नागरिक सदस्य हैं। भारत में बुजुर्गों की बढ़ती आबादी और उनकी चुनौतियों और विशेष जरूरतों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल ट्रस्ट अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाता है। अपनी विभिन्न गतिविधियों और पहलों के माध्यम से, अधाता ट्रस्ट का लक्ष्य वृद्ध लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भरता और विश्वास हासिल करने में मदद मिलती है। अधाता ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए मजेदार कार्यक्रमों के आयोजन से अनुकूल और अपनत्व भरा माहौल बनाने का प्रयास किया, जहां सदस्यों के परिवार के लोग और उनके दोस्त भी उन्हें खुश करने के लिए शामिल हो सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ‘डिकेड आफ हैल्दी एजिंग‘- 2020-2030 एक साथ सरकारों, सिविल सोसाइटी, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों, पेशेवरों, शिक्षाविदों, मीडिया और निजी क्षेत्र को दस साल के लिए एकजुट करने का एक अवसर है, ताकि सब मिलकर बुजुर्ग लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रेरक और सहयोगी कार्रवाई कर सकें।
Post a Comment
Click to see the code!
To insert emoticon you must added at least one space before the code.