शक्ति - भक्ति और साहित्य की त्रिवेणी के तट पर प्रभु श्रीनाथ जी की कृपा स्वरूप माया नगरी मुम्बई से आमंत्रित "अखिल भारतीय काव्य सृजन" संस्था के संस्थापक पं. शिवप्रकाश जौनपुरी एवम विद्वान् साहित्यकार रामस्वरूप साहू को "साहित्य मण्डल - नाथद्वारा" के संस्थापक युग ऋषि श्रद्धेय भगवती प्रसाद जी देवपुरा की स्मृति में आयोजित साहित्यकार सम्मान समारोह में "काव्य कुसुम" सम्मान से अलंकृत करते - प्रभु श्रीनाथ जी की अलंकृत छवि, श्रीफल, शॉल, उपरना, मेवाड़ी पगड़ी, अभिनन्दन पत्र आदि सम्पूर्ण भारत से पधारें सहस्त्रों विद्वान् साहित्यकारों के मध्य भेंट की गई। इस अवसर पर प्रत्येक सम्मानमूर्ति का सम्पूर्ण छन्दबद्ध परिचय भी पढ़ा गया, सम्पूर्ण देश में यह अपने ढँग का अनूठा आयोजन होता हैं जहाँ पूरे तीन दिन तक देश के सुदूर अंचलों से पधारे हिन्दी सेवी साहित्यकार साहित्य मण्डल के अतिथि होते हैं, उनके रहने, जलपान, भोजन, स्वागत, सत्कार, सम्मान आदि समस्त व्यवस्थाएं निशुल्क "साहित्य मण्डल" के प्रधानमंत्री भाई श्यामप्रकाश देवपुरा के कुशल संयोजन में की जाती है। सच्ची साहित्य साधना और हिन्दी सेवा ही यहाँ से आमंत्रित होने की एक मात्र पात्रता हैं, जिन हिन्दी सेवी साहित्यकारों पर प्रभु श्रीनाथ जी की विशेष कृपा होती हैं वे ही वे ही प्रभु दर्शन और सम्मान का सौभाग्य पाते हैं, आदरणीय जौनपुरी जी मुम्बई महानगर में जीवन संघर्षो के मध्य भी सुचारु रूप काव्य सृजन के माध्यम से वर्षो से साहित्य एवम हिन्दी की अनवरत सेवा बिना रुके, बिना थके कर रहे हैं साथ ही देश के अनेक भागों में प्रादेशिक एवम जिला स्तर पर "काव्य सृजन" का विस्तार सेवा संकल्प के भाव से कर रहे हैं, इन्हीं विशेषताओ तथा उनकी साहित्यिक सृजन क्षमता के सम्मानार्थ उन्हें एवम साहित्यकार रामस्वरूप साहू को नाथद्वारा आमंत्रित किया गया, यह मात्र साहित्यकार द्व्य का ही नहीं बल्कि आर्थिक राजधानी मुम्बई की साहित्यिक चेतना का सम्मान है।
गायत्री साहू
Post a Comment
Click to see the code!
To insert emoticon you must added at least one space before the code.