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राजन रायगोरखपुर
तीन घंटे से ज्यादा ट्रेन विलंब होने पर अब ई-टिकट पर भी सौ फीसदी रिफंड मिलेगा। 50 फीसदी किराया तत्काल सीधे खाते में पहुंचेगा और बाकी 50 फीसदी भुगतान यात्रा की जांच रिपोर्ट आने के बाद होगा। सुविधा का लाभ पाने के लिए यात्रियों को ऑनलाइन टीडीआर (टिकट डिपाजिट रिसिप्ट) भरना होगा। 

ट्रेनों के देर से आने पर रिफंड की सुविधा अभी तक सिर्फ काउंटर टिकट पर ही थी। रेलवे ने रिफंड के नियमों में बदलाव कर ई-टिकट में भी इस सुविधा को शुरू कर यात्रियों को बड़ी सहूलियत दी है। रेलवे बोर्ड के पैसेंजर मार्केटिंग डायरेक्टर विक्रम सिंह ने इस सिलसिले में सभी रेलवे जोन के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक और आईआरसीटीसी के चेयरमैन को निर्देश दिए हैं कि इस सुविधा का लाभ यात्रियों को तत्काल उपलब्ध कराएं।
रिफंड पाने के लिए जरूरी है कि तय समय से तीन घंटे विलंब से ट्रेन आए और यात्री टिकट कैंसल कर रिफंड का आवेदन टीडीआर भरकर करें। आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन) 50 प्रतिशत किराए का भुगतान कर देगी।
इसके बाद ईडीआर (एक्सेप्शनल डाटा रिपोर्ट) से मिलान किया जाएगा कि यात्री ने सफर किया है कि नहीं। रिपोर्ट में अगर यात्री ने सफर नहीं किया तो है 50 फीसदी किराए का भुगतान खाते में चला जाएगा।

रेलवे में अब 60 फीसदी यात्री ई-टिकट पर सफर करते हैं। पिछले साल 58.80 प्रतिशत ई-टिकट बने थे। मोबाइल एप से भी टिकट बुकिंग होने से ई-टिकट बनवाना आसान हो गया है। रेलवे के जानकारों की माने तो काउंटर टिकट की जगह अब लोग ई-टिकट बनवा रहे हैं, इससे उन्हें आरक्षण केंद्र तक जाना नहीं पड़ता है। 

रेलवे ने ई-टिकट पर सर्विस चार्ज की छूट की अवधि बढ़ा दी है। आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया कि दिसंबर 2017 तक दी गई छूट को बढ़ाकर अब 31 मार्च 2018 तक कर दिया गया है। इस अवधिमें ई-टिकट बनवाने पर सर्विस चार्ज नहीं देना पड़ेगा। यह चार्ज स्लीपर श्रेणी पर 20 रुपये, एसी 3 2 पर 30 रुपये और एसी फर्स्ट क्लास पर 40 रुपये है।

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