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मुम्बई। इस समय कोरोना महामारी से समूचा मानव जगत चिंता ग्रस्त है। लॉकडाउन ने कमर तोड़ दी है। काम धंधे बंद, स्कूल बंद, नौकरी गई, मकान ख़ाली, आमदनी नही, मौत का तांडव, दवा की कालाबाज़ारी, आक्सीजन की ब्लैकमेल, यह सब देख आम जनता के चेहरे पर चिंता व्याप्त है। 

इसी बात को ध्यान में रखकर 9 मई को सामाजिक संस्था अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच द्वारा 'चिंता' विषय पर काव्य पाठ सम्पन हुआ।

कार्यक्रम का उद्वघाटन श्री वल्लभ अम्बर ने किया और सरस्वती वंदना संस्था की अध्यक्ष डॉ अलका पांडेय ने की। कार्यक्रम में समारोह अध्यक्ष राम राय (शिक्षक), 

मुख्य अतिथि डॉ कुँवर वीर सिंह मार्तण्ड (संपादक -साहित्य त्रिवेणी), विशेष अतिथि जनार्दन सिंह (सम्पादक- भोजपुरी संदेश), संतोष साहू (पत्रकार), साहित्यकार श्रीमती आशा जाकड, पी एल शर्मा (सम्पादक - अमृत राजस्थान) रहे। कार्यक्रम का संचालन सुरेन्द्र हरड़ें और डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई ने किया। इसमें करीब 50 कवि कवियत्री ने भाग लिया और कार्यक्रम बहुत सफल रहा। सभी अतिथियों ने शानदार उद्वबोधन से मंच को गौरव प्रदान किया। 

प्रस्तुत है कुछ कवियों की झलकियाँ - 

चिंता चिता समान है 

चिंता को न घर में लाना 

सुख सारे खा जाती है 

जीवन में उलझन बढ़ाती 

न कर मानव तू चिंता

जो होना होगा, वही होगा 

समय है बड़ा बलवान 

नहीं किसी के बस में रहता 

चिंता घर कर जाती है ।।

तन मन दोनों खोखला करती 

घुट घुट मानव मरता है 

धीमा ज़हर है , हौले होले खाता , 

बात बात में चिंता मत कर 

ईश्वर का तू भजन कर ले 

मन को हल्का रखना जरुरी 

सेहत का भी तू ख़्याल कर ले 

चिंता तुझ को खा जायेगी 

तेरे हाथ कुछ न आयेगा। 

महा रोग लग जायेगा 

हाला, प्याला में डूबेगा 

मत हो निराश आशा को गले लगा ले ।।

चिंता से बहार आ नया सबेरा देख। 

संगीत में जाना डूब , 

गीतों को गुनगुनाते रहना ...

चेहरे पर मुस्कान खेलेगी , 

चिंता दूर जायेगी ..

जीवन में उल्लास छायेंगा 

नये विचारों का उद्भभव होगा 

चिंता से तू दूर होगा ...

- डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई 


चिंता करने मात्र से किसी समस्या का समाधान नहीं होता।वर्तमान समय में सावधानी और नियमों का पालन करें, अंधेरा छटेगा, रोशनी फैलेगी

- ओम प्रकाश पांडेय 


ये मिलावट खोरी/कालाबाज़ारी 

छोड़ दो तुम 

कहीं ऐसा न हो पड़ जाए लाले

तुम्हे ही दवा, आक्सीजन और खाने के

थोड़ी वफादारी दिखाओ 

समाज और देश के साथ 

बस यही प्रार्थना करती हूँ सबसे

- चन्दा डांगी रेकी ग्रैंडमास्टर 

चित्तौड़गढ़ राजस्थान


चिंता आज बन गई चिता

यही बात आज बन गई खता

- हेमा जैन 


मां तो भगवान की  मूरत है।

सबसे  प्यारी  उसकी सूरत है।।

सूरतसे सुंदर है सीरत उसकी।

प्यार दुलार की हसीं जन्नत है ।।

- प्रा रविशंकर कोलते, नागपुर 


कार्यक्रम के प्रतिभागी कवि कवियत्री निम्नलिखित हैं-

1) विजयेन्द्र मोहन

2) हेमा जैन 

3) शोभा रानी तिवारी इंदौर

4) रानी नारंग इंदौर

5) ममता तिवारी इंदौर

6)डाॅ सरोजा मेटी लोडाय

7) पूनम शर्मा स्नेहिल

8) शेखर रामकृष्ण तिवारी

9) सुषमा शुक्ला इंदौर

10)डाॅ उषा पाण्डेय, कोलकाता  

11) नीरजा ठाकुर नीर

12) रानी अग्रवाल मुम्बई 

13) बृजकिशोरी त्रिपाठी उर्फ (भानुजा)

14) डॉ मीना कुमारी परिहार

15) डा अँजुल कंसल "कनुप्रिया" इंदौर

16) हीरा सिंह कौशल 

17) गणेश प्रसाद तिवारी

18) रविशंकर कोलते नागपुर

19) ज्ञानेश कुमार मिश्र, अजमेर 

20) ओम प्रकाश पाण्डेय

21) कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड

22) दिनेश शर्मा

23. रजनी अग्रवाल जोधपुर

24. अनूप प्रताप सिंह, पटियाला (पंजाब)

25. वैष्णवी खत्री 

26) द्रोपदी साहू सरसिज 

28) वीणा आडवाणी 

29) मुन्नी गर्ग

30) उपेंद्र अजनबी 

31) रागिनी मित्तल, कटनी

32) डाॅ गायत्री खंडाटे, हुबली, कर्नाटक

33. डॉ महताब अहमद आज़ाद उत्तर प्रदेश

34) ऐश्वर्या जोशी 

35) चंदा डांगी

36) पदमा तिवारी 

37) राम राय 

38) जनार्दन सिंह 

39) आशा जाकड 

40) श्री वल्लभ अम्बर 

41) संतोष साहू 

42) पी एल शर्मा 

43) अलका पाण्डेय 

44) सुरेंद्र हरड़े नागपुर

45) साधना तोमर 

46) अनिता मंदिलवार 

47) इन्द्राणी साहू "साँची"

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