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मुंबई : कमजोर अमेरिकी डॉलर ने दुनियाभर में कमोडिटी बाजारों में अपना असर दिखाया है। एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च नॉन एग्री कमोडिटी एंड करेंसी एवीपी प्रथमेश माल्या ने बताया के कमोडिटी ट्रेड में निवेशकों के सेंटीमेंट को प्रभावित करने वाले कुछ अन्य कारकों में चीनी अर्थव्यवस्था की उम्मीद से बेहतर रिकवरी और अमेरिका और चीन के बीच जियोपॉलिटिकल टेंशन शामिल हैं।
सोना: मंगलवार को, अमेरिका के बेहतरीन फैक्ट्री डेटा के बाद भी अमेरिकी डॉलर में कमोजरी आने से स्पॉट गोल्ड की कीमतों में 0.02 प्रतिशत की मामूली तेजी दर्ज हुई और वह 1970.1 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर दो साल के निचले स्तर पर है, जिसने अन्य मुद्रा धारकों के लिए सोने को सस्ता कर दिया है। कमजोर अमेरिकी डॉलर, कम ब्याज दर, व्यापक स्टिमुलर इंफ्यूजन की उम्मीद और यू.एस. चुनावों से पहले अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव ने निवेशकों को पीली धातु की ओर आकर्षित किया।
नए ऑर्डर बढ़ने से अमेरिकी फैक्ट्री की गतिविधियों का पिछले महीने विस्तार हुआ। इंस्टीट्यूट फॉर सप्लाई मैनेजमेंट (आईएसएम) की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी फैक्ट्री आंकड़े अगस्त -2020 में 56 रहे जो कि जुलाई 2020 में 54.2 पर थे। अगस्त के महीने में भी चीन की फैक्ट्री गतिविधियां एक दशक में सबसे तेज गति से बढ़ीं, जिसने सेफ हैवन यानी सोने की मांग को चोट पहुंचाई।
कच्चा तेल: डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल की कीमतें मंगलवार को 0.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 42.8 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुईं। इसके कारणों में अमेरिका में तेजी से कम होता कच्चे तेल का भंडार, यू.एस. के बेहतर फैक्ट्री आंकड़े और कमजोर यू.एस. डॉलर ने कच्चे तेल की कीमतों को सपोर्ट किया।
अगस्त-2020 में अमेरिकी और चीन की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों को मजबूत करना क्रूड के लिए डिमांड की संभावनाओं का समर्थन किया। चीन के कैक्सिन मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स ने बढ़ते निर्यात के साथ फैक्ट्री गतिविधियों में विस्तार का संकेत किया। ओपेक और उसके सहयोगियों ने अगस्त 2020 के बाद उत्पादन कटौती को 9.7 मिलियन बैरल प्रतिदिन से 7.7 मिलियन बैरल प्रतिदिन करने का फैसला किया, जबकि ग्लोबल कच्चे तेल मार्केट में अनिश्चितताओं की मांग के कारण लाभ सीमित हो गया।
बेस मेटल्स: लंदन मेटल एक्सचेंज (एलेमई) पर मंगलवार को बेस मेटल की कीमतों को यू.एस. और चीन के फैक्ट्री आउटपुट बढ़ने की वजह से लाभ मिला। इससे औद्योगिक धातुओं का आउटलुक भी बदल गया है। चीन में फैक्ट्री गतिविधियों में फरवरी 2020 के बाद से लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
एक प्राइवेट सर्वे के अनुसार चीन का मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र पिछले महीने एक दशक में सबसे तेज गति से बढ़ा। चीन के इन्फ्रास्ट्रक्चर ने प्रोत्साहन पैकेजों पर ध्यान केंद्रित किया और निर्माण और सेवा क्षेत्र में एक स्पष्ट रिकवरी ने 2020 के शुरुआती महीनों में गिरावट के बाद से औद्योगिक धातु की कीमतों को बढ़ाया।
चीन में प्रमुख स्टील खपत वाले सेग्मेंट कोविड-19 की मंदी के बाद से रिवाइव हो गए हैं। इससे स्टील की मांग बढ़ गई। चीन के स्टेनलेस स्टील उत्पादन में वृद्धि ने जस्ता और निकेल की कीमतों का सपोर्ट किया।
कॉपर: मंगलवार को एलएमई कॉपर की कीमतें 0.31 प्रतिशत बढ़कर 6687.5 डॉलर प्रति टन पर बंद हुईं। एलएमई वेरिफाइड गोदामों में इन्वेंट्री का घटना, कमजोर डॉलर और चीन के मजबूत आंकड़ों ने कॉपर की कीमतों को सपोर्ट दिया। जुलाई 2020 में चिली का कॉपर आउटपुट 4, 67,913 टन था, जो एक साल पहले की तुलना में 4.6 प्रतिशत कम था।

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