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अग्निशिखा के संग काव्य के विविध रंग में हिंदी दिवस पर भव्य सम्मान समारोह अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच द्वारा आयोजित किया गया।
मंच की अध्यक्ष डॉ अलका पाण्डेय ने इस 56 वां कार्यक्रम में कवि , लेखक , कलाकार , नवांकुर वरिष्ठ साहित्यकार , पत्रकार आदि हिंदी के क्षेत्र में विशिष्ठ कार्य करने वाले क़रीब दो सौ लोगों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम भी लोगों ने पेश किये व हिंदी के महत्व पर कविता व लेख भी पटल पर प्रेषित किया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महेश राजा ( लघुकथा कार ), विशिष्ठ अतिथि ठाकुर अखंड प्रताप सिंह, मुकेश कुमार व्यास “ स्नेहिल ( कवि एवं वक्ता ),
समारोह अध्यक्ष सुनिल दत्त ( अभिनेता, लेखक -छत्तीसगढ), विशेष अतिथि संतोष साहू ( पत्रकार ), श्रीवल्लभ अम्बर,
श्रीराम रॉय - शिक्षक , झारखंड से श्रीमती आशा जाकड (अध्यक्ष - अं हिंदी परिषद ) रहे।
कार्यक्रम दो सत्रों में हुआ। पहले सत्र का संचालन डॉ अलका पाण्डेय, चंदेल साहिब, प्रतिभा कुमारी पराशर ने किया।
दूसरे सत्र का संचालन विजेन्द्र मेव - राजस्थान, सुरेंद्र हरड़े -नागपुर, शोभा रानी तिवारी ने किया।
56वां दिवस के निर्णायक प्रो. शरद नारायण खरे और डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव थे।
आभार एवं समीक्षा संजय कुमार मालवी आदर्श ने किया।
गणेश वंदना पद्माक्षी शुक्ल ने सरस्वती वंदना प्रतिभा कुमारी पराशर ने तथा स्वागत भाषण अलका पाण्डेय ने दिया और सबका स्वागत किया।
हिंदी का विस्तार व हिंदी में रोज़गार जिस दिन मिलने लगेगा हिंदी बहुत सशक्त भाषा बन जायेगी हमें हिंदी के विस्तार पर ही काम करना, अलका पाण्डेय ने कहा। सभी अतिथियों ने सार्थक बातें व व्यक्तव्य दिया।
अलका पांडेय ने कहा कि लॉकडाऊन अब कुछ कुछ ढीला हो गया है, लोग बाहर जाने लगे पर कवियों के मंच इतनी जल्दी नहीं शुरु होंगे, तो घर रहकर देश विदेश में बैठे साहित्यकारों को एक मंच पर लाना हिंदी साहित्य का प्रचार प्रसार नित्य नया सृजन और नव साहित्यकारों को मार्गदर्शन देना तथा कोरोना योद्धाओं को सम्मान व सरहद पर शहीद हुए वीरों को बहादुरी उनकी निष्ठा व सहयोग का अभिनंदन करना हम सभी साहित्यकारों का दायित्व बनता है। सब की रचनाएं सुनना व समझना एक नहीं अनेकों रचनाओं को एक ही मंच पर पढ़ना सुनना ये हम सभी के लिऐ बहुत बड़ी उपलब्धि है।
55 कवि सम्मेलन में लगातार अपने इस वजह से अप्रैल को समृद्ध करना एक दूसरे का हौसला बढ़ाना यह सारे कवियों की विशेषता रही और इसी कारण सभी कवियों का सम्मान किया गया सभी कवियों ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए और एक दिन अपने लिए ही जिया जाए।

यहां प्रस्तुत है कुछ कवियों की रचना :-
लो दोस्तों आ गई है होन घड़ी मेरे जोन्न दी।
जे कदे भूली बिसरी याद आवे मेव ज जेह इंसान दी।
- विजेन्द्र मेव “भाईजी” राजस्थान

अकेले हैं हम इस जग की भीड़ में
 चले आओ ना पवन बनकर
 कुछ देर बैठो पास हमारे एहसास बनकर
 - डॉ. दविंदर कौर होरा

हिन्दी भाषा प्रेम की
 सहज समझ आ जाए
 बोलन में मीठी लगे
  सुनने में ललचायें
  - सुरेन्द्र हरडे नागपुर

- पद्माक्षी शुक्ल
२७,४,२०२० को अग्निशिखा की
 काव्य गंगा की नाव में बेठ गई,
अ, उ, म् शब्द के व्यंजन से,
ॐकार की ध्वनी से खुद को,
खुदसे मिलाने का प्रयास,
छंद, मक्तक, गितीका से,
काव्य रचना करने लगी।

चुराया है जीन्दगी से दो पल खुद के लिए।
चलो करते है कुछ काम अपने उस आने वाले कल के लिए।
- बृजकिशोरी त्रिपाठी गोरखपुर, यूपी

आओ जि़न्दगी से चुराएं कुछ पल
कुछ अच्छा करते हैं आएगा कल
चलो अग्निशिखा में चल कर
धूम मचाएँ,नाचें गाएं,मौज मनाएं
कजरी गाएं हंसी ठिठोली करें
और सुकून के ढूंढ लाएं हजा़र पल
- डॉ अंजुल कंसल"कनुप्रिया"

कल तक जो था बेपरवाह
आज वो जिम्मेदार हो गया है
मेरा लाल देखते -देखते
मेरा पहरेदार हो गया है
- मीना गोपाल त्रिपाठी

मन कि बात कहने का मौका हैँ आज मिला,
सबकी गजब प्रस्तुति ने मंच को दिया हिला।
- प्रेरणा सेन्द्रे

मैं हूँ आशा
मैं आशा जगाती हूंँ
सोतों को जगाती हूं
नाम है मेरा आशा
उन्हें आशा दिलाती हूँ
- आशा जाकड़, अध्यक्ष जिला इंदौर अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद

कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले रचनाकारों की सूची
1) प्रेरणा सेन्द्रे
2) सुनीता चौहान हिमाचल प्रदेश
3) डॉ रश्मि शुक्ला प्रयागराज 
4)सीमा दूबे साँझ
5)ओमप्रकाश पाण्डेय खारघर नवीं मुम्बई
6)मंजुला वर्मा हिमाचल प्रदेश
7)मधु तिवारी कोंडागांव छत्तीसगढ़
8)डॉ रामस्वरुप साहू' स्वरुप'
9)वंदना शर्मा बिंदु देवास मध्य प्रदेश
10)डाॅ0 उषा पाण्डेय, कोलकाता
11)डा अँजुल कँसल कनुप्रिया
12)सुनीता अग्रवाल इंदौर मध्यप्रदेश
13)दविंदर कौर होरा
14) रानी नारंग
15)उपेंद्र अजनबी गाजीपुर उत्तर प्रदेश।
16) इन्द्राणी साहू"साँची"
17)वैष्णो खत्री वेदिका
18)मधु वैष्णव मान्या
19)अंजली तिवारी मिश्रा
20)गुरिंदर गिल मलेशिया
21)प्रतिभा कुमारी पराशर
22)कवि आनन्द जैन अकेला कटनी
23)संजय कुमार मालवी इंदौर
24)अलका पाण्डेय मुंबई
25)चंदेल साहिब हिमाचल
26)सुनील दत्त मिश्रा फ़िल्म एक्टर छत्तीसगढ़
27)शोभा रानी तिवारी
28)सुरेंद्र हरड़े नागपुर
29)विजेन्द्र मेव राजस्थान
30)ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश वाराणसी
31)जनार्दन शर्मा इंदौर
32)स्मिता धिरासरिया बारपेटा रोड
33)बृजकिशोरी त्रिपाठी गोरखपुर यू,पी
34)ममता तिवारी
35)हीरा सिंह कौशल मंडी हिमाचल प्रदेश
36)गोवर्धन लाल बघेल छत्तीसगढ़
37)सावित्री तिवारी दमोह
38) डॉ महताब अहमद आज़ाद उत्तर प्रदेश
39)सुषमा शुक्ला इंदौर
40)डाॅ पुष्पा गुप्ता मुजफ्फरपुर बिहार
41) मुन्नी गर्ग
42) विजय बाली
43)रानी अग्रवाल मुंबई।
44)द्रोपती साहू सरसिज महासमुन्द, छत्तीसगढ़
45)चन्दा डांगी आदित्य सीमेंट
46)डॉ मीना कुमारी 'परिहार'
47)रामेश्वर प्रसाद गुप्ता, मुंबई
48)पद्माक्षी शुक्ल,
49)शेखर राम कृष्ण तिवारी
50)ममता सिंह राठौर
51)लीला कृपलानी जोधपुर
52)डॉ संगीता पाल, कच्छ, गुजरात
53)दिनेश शर्मा
54)चंद्रिका व्यास जी
55)रजनी अग्रवाल जोधपुर
56)डॉ रशिम नायर मुम्बई
57) प्रो. शरद नारायण खरे मंडला
58)सीमा निगम - रायपुर
59)डॉ शैलजा करोडे
60) माधवी अग्रवाल (मुग्धा )
61)ज्ञानेश कुमार मिश्रा
62)ज्योति भाष्कर ज्योतिर्गमय सहरसा (बिहार)
63)श्रीमती निहारिका झा खैरागढ़ (छ. ग.)
64)डॉ नेहा इलाहाबादी दिल्ली
65)अनिता शरद झा रायपुर
66)रेखा चतुर्वेदी- मसूरी
67)सुरेन्द्र कुमार जोशी देवास
68) रेखा पाडेंय - पुणे
69) शुभा शुक्ला निशा रायपुर छत्तीसगढ़
70)पदमा तिवारी दमोह मध्य प्रदेश
71) ओजेंद्र तिवारी दमोह मध्य प्रदेश
72) नीलम पाण्डेय गोरखपुर उत्तरप्रदेश           
73) कल्पना भदौरिया "स्वप्निल उत्तरप्रदेश
74)डॉ नीलम नारायण खरे
75)अर्चना पाण्डेय
76) लीला कृपलानी - जोधपुर
77) डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित,भवानीमंडी
78)कवि मुकूंद देवरे (माध्यमिक शिक्षक)
79) गीता पांडेय बेबी जबलपुर
80)शकुन्तला पावनी चंडीगढ़
सब ने एक दूसरे को सुना व सराहा, निर्णायकों ने स्पष्ट टिप्पणी दी सबको बहुत कुछ सीखने व समझने को मिला
इस कार्यक्रम की विशेषता यह थी कि महिलाओं की संख्या अधिक रही यहां कोई छोटा बड़ा नहीं सब एक दूसरे से सिखने व सिखाने की इच्छा रखते हैं व एक दूसरे का भरपूर मार्गदर्शन भी करते हैं।
अभी तक 56 कवि सम्मेलन तक 5100 से ज्यादा कवियों ने कविता पाठ कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है।
सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देकर कार्यक्रम में सबका आभार सजय मालवी ने किया।
सभी अतिथियों ने दो-दो शब्द कहे मंच को आशिर्वाद दे कर अभिभूत किया।
मंच की अध्यक्ष डा. अलका पाण्डेय ने आभासी फूलों से सबका स्वागत किया।
अग्निशिखा के संग काव्य के विविध रंग का अगला कार्यक्रम नवरात्री स्पेशल रहेगा।

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