जौनपुर। सनी देओल अभिनीत फिल्म दामिनी का डायलॉग काफी चर्चित है। जिस तरह दामिनी न्यायालय में इंसाफ पाने की लड़ाई लड़ती है। जिसमें उनके वकील सनी देओल हर बार इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठते है, किन्तु दामिनी को तारीख पे तारिख मिलते देख वह अंततः आवेश में जज से कहता है, तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख ठीक वही उदाहरण आज जिला जौनपुर के तहसील बदलापुर के ग्राम औंका में देखा जा रहा है। गांव में चकरोड होने के बाद भी करीब 58 सालों से असामाजिक दबंगो द्वारा चकरोड पर कब्जा दिखाई देता है।जिसका विरोध भी बेवस ग्रामवासी नही करते। उन्हें भी अपनी जान-मान का खतरा है। ग्राम में करीब सैकड़ो लोगो का आवागमन का यह सरकारी चकरोड एकमात्र रास्ता है। बीते दिनों कानिगो ने ग्रामवासी को आश्वासन दिया था कि चकरोड की सही दिशा हम चौहद्दी नाप कर देखी जाएगी। जिसके लिए पुलिस बल भी साथ मौजूद रहेगी किन्तु पंद्रह दिन बीत जाने के बाद आज तक ग्राम में कोई अधिकारी नही देखा गया।अधिकारी से बात करने पर ग्रामवाशी को दिन प्रतिदिन आज कल आने का वादा कर टाला जाता है। उन्हें सिर्फ मिलती है तारीख!
गौरतलब है कि यह अब यूपी प्रशासन की सिस्टम की नाकामी दर्शाती है। अब ग्रामवासी का भी धैर्य व विश्वास एसडीएम व कानिगो के तारीख से उठता जा रहा है।
अब देखना यह होगा कि क्या इस महीने ग्राम औंका का चौहद्दी नाप हो चकरोड बन पाएगी या 58 वर्षो की तरह फिर मिलेगी तारीख।
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