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गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की जयंती के अवसर पर श्रीसनातनशक्तिपीठ संस्थानम् के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता बड़ी मठिया के महंत रामकिंकर दास जी महाराज ने की। इस कार्यक्रम में अयोध्या से महंत रामानंद दास जी महाराज, अशोक दास जी, पं. श्यामनारायण दूबे 'निमाई'जी, काशी से डॉ. दिव्यचेतन ब्रह्मचारीजी, डॉ. परमेश्वर दत्त शुक्ल जी, संकटमोचन के प्रवक्ता पं. राघवेंद्र जी, श्रीशदत्त शुक्ल, वासुदेवाचार्य जी, अंजनी तिवारी, भुवनेश्वर से पूर्व एडीजी अरुण कुमार उपाध्याय, चित्रकूट से सत्यनारायण दास जी, पं. रामगोपाल त्रिपाठी, कानपुर से प्रो. कमलाकान्त पाण्डेय एवं प्रो. रामकृष्ण शर्मा जी, राँची से डॉ. जंग बहादुर पाण्डेय, आरा से डॉ. नन्दजी दूबे, मदन मोहन सिंह, डॉ. शशिरंजन त्रिपाठी, अमरदीप जय, रामनाथ ठाकुर, वृन्दावन से पं. पुनीत पाठक, नई दिल्ली से पं. देशकुमार कौशिक, कश्मीर से राकेश कौल गुरखा, प्रयागराज से पं. संजय व्यास, हरियाणा-गुरुग्राम से प्रवीण यादव ईशोदास, मुम्बई से पं. जगदीश शास्त्री, भागलपुर से डॉ. हिमांशु मोहन मिश्र 'दीपक' तथा कौशल किशोर दूबे, सीवान से पं. लल्लन मिश्र जैसे विद्वानों, संतों, साहित्यकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज को अभिनव वाल्मीकि, रामभक्ति धारा के सूर्य, अप्रतिम कवि और संतशिरोमणि बताया। तुलसी साहित्य पर विशद विचार करते हुए वक्ताओं ने उन्हें लोकमंगल का अनुष्ठान करने वाले कालजयी साहित्य सर्जक व कलिपावनावतार निरूपित किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन आचार्य भारतभूषण पाण्डेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन काशी से अंजनी तिवारी ने किया।

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