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मुंबई: एल एंड टी कंस्‍ट्रक्‍शन के बिल्डिंग एंड फैक्‍ट्रीज बिजनेस ने पूरे भारत में अपने स्‍थापित या निर्माणाधीन हेल्‍थकेयर यूनिट्स को कोविड-19 केयर फैसिलिटीज में बदल दिया है। लार्सेन एंड टुब्रो की विनिर्माण शाखा ने अपने उद्देश्‍योन्‍मुखी व फास्‍ट-ट्रैक एप्रोच के साथ नई दिल्‍ली, बिहार के चंपारण व मधेपुरा, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर और उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर के व्‍यापक हेल्‍थकेयर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को कोविड-19 केयर फैसिलिटीज में बदल दिया।
कंपनी के पास तीन से चार महीने के रिकॉर्ड समय के भीतर 300 बेड वाले अस्‍पताल बनाने की क्षमता मौजूद है। यह मौजूदा या निर्माणाधीन मेडिकल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को कोविड-19 फैसिलिटीज में तुरंत बदल देने और मैरिज हॉल्‍स, स्‍कूल्‍स, होटल रूम्‍स जैसी बड़ी अवस्‍थापनाओं को शीघ्र आइसोलेशन वार्ड्स में परिवर्तित कर देने में सक्षम है।
इस बारे में एम वी सतीश (पूर्णकालिक निदेशक और वरिष्‍ठ कार्यकारी प्रेसिडेंट - बिल्डिंग्‍स, मिनरल्‍स व मेटल्‍स, एल एंड टी) ने कहा, ''हमारे पास उत्‍कृष्‍ट इंजीनियरिंग एवं विनिर्माण क्षमताएं मौजूद हैं, जिससे हम कोविड-19 के हेल्‍थकेयर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर तेजी से तैयार करने में सक्षम हैं। कोविड-19 से भारत की इस लड़ाई में लार्सेन एंड टुब्रो की ओर से यह एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण योगदान है, चूंकि कंपनी हर मुश्किल व बाधा के समय में राष्‍ट्र की सेवा करने में विश्‍वास करती है। हम अतिमहत्‍वपूर्ण हेल्‍थकेयर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के जरिए लोगों को तुरंत राहत प्रदान करने में सरकारों की सहायता करने हेतु अपने प्रयासों को लगातार बढ़ाते रहेंगे।
 सतीश ने आगे बताया, ''पीएम केयर्स फंड में ₹150 करोड़ के अंशदान, अपने विभिन्‍न कार्यस्‍थलों पर 160,000 से अधिक कामगारों के कल्‍याण का ख्‍याल रखने और विभिन्‍न राज्‍य सरकारों को नकदी व अन्‍य तरीकों से सहयोग करने के अलावा, एल एंड टी ने ₹40 करोड़ मूल्‍य की चिकित्‍सा सहायता भी प्रदान की है, जैसे पीपीई, एन95 मास्‍क, डायग्‍नॉस्टिक किट्स और अन्‍य चिकित्‍सा उपकरण। हमारी अस्‍पताल बिजनेस यूनिट इस महामारी के दौरान अत्‍यावश्‍यक हेल्‍थकेयर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का निर्माण करने में अनेक सरकारी प्राधिकरणों का सहयोग कर रही है।

कंपनी द्वारा निम्‍नलिखित हेल्‍थकेयर फैसिलिटीज को रूपांतरित किया जा रहा है:

सफदरजंग अस्‍पताल, नई दिल्‍ली:

मार्च 2020 में भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य एवं कल्‍याण मंत्रालय के अनुरोध पर, एल एंड टी द्वारा निर्मित 850-बेड्स वाले सुपर स्‍पेशियाल्‍टी, सफरदरजंग अस्‍पताल की तीन मंजिलों को कोविड-19 मरीजों की देखभाल हेतु केयर सेंटर में बदल दिया गया है। कोविड पॉजिटिव मामलों के बढ़ने और चिकित्‍सा सहायता की आवश्‍यकता वाले मरीजों की संख्‍या में वृद्धि के साथ, अस्‍पताल के जैसे कि जोन1 के आईपीडी ब्‍लॉक सहित अन्‍य हिस्‍सों कोविड-19 केयर सेंटर्स में बदला जा रहा है, पहली व दूसरी मंजिल के 75 बेड्स को आइसोलेशन वार्ड्स में बदल दिया गया है; जोन 2 में, पहली, दूसरी व तीसरी मंजिलों के 425 बेड्स को स्‍पेशल व जनरल वार्ड्स में बदल दिया गया है, ताकि कोविड-19 की पहचान के बाद मरीजों का इलाज किया जा सके।

इंदिरा गांधी हॉस्पिटल, नई दिल्‍ली 

पीडब्‍ल्‍यूडी के अनुरोध पर, एल एंड टी ने द्वारका के सेक्‍टर 9 स्थित 700 बेड्स वाले अर्द्धनिर्मित इंदिरा गांधी हॉस्पिटल के 200 बेड्स को क्‍वारंटीन फैसिलिटीज के रूप में परिवर्तित किये। पूरे ग्राउंड फ्लोर और ओपीडी ब्‍लॉक के फर्स्‍ट फ्लोर पर 200 बेड्स की व्‍यवस्‍था के साथ इसे अत्‍यंत कम समय में उपयोग हेतु तैयार कर दिया गया है।

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, चंपारण, बिहार
एल एंड टी ने चंपारण स्थित गवर्नमेंट मेडिकल हॉस्पिटल के ग्राउंड व फर्स्‍ट फ्लोर्स में 150 बेड्स की व्‍यवस्‍था कर इसे कोविड-19 मरीजों के उपचार हेतु आईसोलेशन वार्ड्स के रूप में इस्‍तेमाल किये जाने के लिए सौंप दिया है। राष्‍ट्रव्‍यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद, एल एंड टी की टीम ने मात्र 10 दिनों में इसे तैयार कर दिया। इसमें एक इमर्जेंसी वार्ड है जिसमें आवश्‍यक लाइटिंग व प्रसाधन सुविधाएं हैं, उसके अलावा मेडिकल गैस पाइपिंग सिस्‍टम, कर्टेन ट्रैक सिस्‍टम, टेंपररी सेप्टिक टैंक, इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड से टेंपररी पावर सप्‍लाई और विशेष रूप से कोविड-19 ब्‍लॉक के लिए अलग से आरसीसी निर्मित रास्‍ता है।

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मधेपुरा, बिहार: एल एंड टी, बिहार सरकार के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (प्रति वर्ष 100 छात्रों को लेने की क्षमता) और 500-बेड वाले कॉलेज से संबद्ध अस्‍पताल का निर्माण कर रहा है। राज्‍य सरकार के अनुरोध के अनुसार, एल एंड टी द्वारा मेडिकल कॉलेज के एक ब्‍लॉक को कोविड-19 टेस्टिंग लैब के रूप में बदला जा रहा है। इस उत्‍कृष्‍ट बीएसएल-3 लेवल लैब के जरिए राज्‍य सरकार को कोविड-19 के मामलों से अधिक कुशलतापूर्वक निपटने में मदद मिलेगी।

जिपमेर, फेज-3, पुडुचेरी: एल एंड टी द्वारा पुराने अस्‍पताल व संस्‍थान के भवन का आधुनिकीकरण किया गया है, जबकि एसएस ब्‍लॉक को बढ़ाया गया है और जिपमेर, पुडुचेरी में स्‍क्रीनिंग ओपीडी सेटअप भी लगाया गया है। एसएसबी एनेक्‍सचर ब्‍लॉक, जिसकी डिजाइनिंग व निर्माण एल एंड टी द्वारा किया गया था और वर्ष 2019 में इसे जिपमेर को सौंप दिया गया था, की रूपरेखा में परिवर्तन कर इसे कोविड-19 मरीजों के उपचार हेतु पुडुचेरी राज्‍य की आवश्‍यकताओं के अनुरूप बनाया गया। पहली मंजिल के 50 बेड्स को आइसोलेशन वार्ड्स में बदला गया और दूसरी मंजिल के अन्‍य 100 बेड्स को स्‍पेशल वार्ड में बदला गया। यद्यपि यह प्रोजेक्‍ट अभी तक जिपमेर को पूर्णत: सौंपा नहीं गया है, लेकिन इस पूर्णत: तैयार सुपर स्‍पेशियाल्‍टी ब्‍लॉक का उपयोग तुरंत शुरू कर दिया गया।

वेस्‍ट बंगाल मेडिकल कॉलेज, डायमंड हार्बर, पश्चिम बंगाल: डायमंड हार्बर, पश्चिम बंगाल में, एल एंड टी पश्चिम बंगाल राज्य सरकार के लिए प्रति वर्ष सेवन क्षमता सरकारी मेडिकल कॉलेज में 100 छात्रों को डिजाइन और निर्माण कर रहा है। राज्य सरकार के अनुरोध के अनुसार, एल एंड टी मेडिकल कॉलेज के एक ब्लॉक को कोविड-19 परीक्षण प्रयोगशाला में बदला जा रहा है। बीएसएल -3 स्तर की यह प्रयोगशाला राज्य सरकार को कोविड-19 मामलों से अधिक कुशलता से निपटने में मदद करेगी।
एम्स गोरखपुर, उत्तर प्रदेश: एम्स गोरखपुर में, एल एंड टी प्रतिवर्ष 150 से अधिक छात्रों की क्षमता और सरकारी मेडिकल कॉलेज और 750-बेड अस्पताल का निर्माण और निर्माण स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सरकार के लिए कर रहा है। भारत की। राज्य सरकार के अनुरोध पर, उत्तर प्रदेश, एल एंड टी मेडिकल कॉलेज के एक ब्लॉक को एक कोविड -19 परीक्षण प्रयोगशाला में संशोधित कर रहा है जो फिर से कोविड -19 परीक्षण प्रक्रिया को तेज करेगा।

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