मुम्बई - हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और टीवी शो से जुड़े 32 क्राफ्ट संस्थाओं की मदर बॉडी फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्लूआइसीई) के तहत तकरीबन 5 लाख दिहाड़ी मजदूर व तकनीशियन काम करते हैं। लॉकडाउन के बाद वाले माहौल में शूटिंग शुरू हो और मजदूर व तमाम टेक्नीशियन काम पर लौटें इससे पहले एफडब्लूआइसीई चाहती है कि शूटिंग के दौरान मजदूरों व टेक्नीशियन के स्वास्थ्य व सुरक्षा के मद्देनजर तमाम तरह के नियमों को लागू किया जाए और उनके श्रमिक सदस्यों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाए।
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉईज (एफडब्लूआइसीई) के प्रेसिडेंट बी एन तिवारी, जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे और ट्रेजरार गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव ने कहा कि एफडब्लूआइसीई ने फ़िल्म और टीवी शो के निर्माताओं के लिए कुछ नियम तय किए हैं जो अपने सीरियल की शूटिंग शुरू करना चाहते हैं। सभी निर्माताओं को जारी किये निर्देशों का अनिवार्य रूप में पालन करना होगा।फिलहाल इस गाइडलाइन पर फ़िल्म और टीवी शो प्रोड्यूसरों तथा चैनलो के वरिष्ठ अधिकारियों की एक ऑनलाइन बैठक जल्द बुलाई जा रही है। इस बैठक में मंजूरी के बाद इसे सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
इस गाइडलाइन्स के अनुसार निर्माताओं को सेट पर सिर्फ 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करना होगा। उन्हें कर्मचारियों को अलग अलग शिफ्ट में बुलाना होगा ताकि कोई भी बेरोजगार न हो।
गाइडलाइन में यह भी है कि, अगर किसी श्रमिक की मौत कोरोना वायरस से होती है तो निर्माता और टीवी चैनल श्रमिकों के परिवारों को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही चैनल और निर्माता को श्रमिकों के मेडिकल खर्च का भी ध्यान रखना होगा।
एफडब्लूआइसीई की ओर से 60 साल से ऊपर वालों को घर पर रहने के लिए कहा गया है क्योंकि उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा सेट पर एक एम्बुलेंस और एक निरीक्षक हमेशा उपलब्ध रहेंगे।
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉई (एफडब्लूआइसीई) के प्रेसिडेंट बी एन तिवारी, जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे और ट्रेजरार गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव ने कहा कि, अगर निर्माता और चैनल इन दिशा-निर्देशों का पालन करना स्वीकार करते हैं, तो फिल्मों और टीवी शो की शूटिंग शुरू की जाएगी।
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