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मुंबई :- घरेलु किटकनाशक श्रेणी में मार्केट लीडर गुडनाइट ने महाराष्ट्र में 'गूडनाइट नेचुरल्स नीम अगरबत्ती' लॉन्च की है। यह मच्छर से बचाने वाली 100 प्रतिशत प्राकृतिक अगरबत्ती है। गुडनाइट अगरबत्ती प्रकृति के दो सबसे शक्तिशाली प्राकृतिक अवयवों - नीम और हल्दी से भरपूर है , जो मच्छरों को दूर कर सकती है और प्रभावी सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है।
वेक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि महाराष्ट्र सहित पुरे भारत में सार्वजनिक स्वास्थ के लिए खतरा बने हुए है। नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीड़ीसीपी) के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में 2018 में डेंगू के 11011 मामले और मलेरिया के 10726 मामले सामने आए थे। देशभर में वेक्टर जनित रोगों से प्रत्येक नागरिक को बचाने के अपने मिशन के साथ गुडनाइट ने हमेशा बेहतर, किफायती और सुरक्षित समाधान पेश किया है। 'गूडनाइट नेचुरल्स नीम अगरबत्ती' की लॉन्चिंग के साथ अब ब्रांड ने देशवासियों को 100 प्रतिशत कुदरती समाधान के साथ मच्छरों के खतरे से लड़ने के लिए सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठाया है।
सुनील कटारिया ( सीईओ, भारत -सार्क, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट लिमिटेड ) ने कहा, '' घरेलु इस्तेमाल वाले कीटनाशकों के क्षेत्र में ब्रांड गुडनाइट ने हमेशा नए और प्रभावी प्रयोग किए है।  चाहे यह गुडनाइट फ़ास्ट कार्ड हो, पावर चिप या फेब्रिक रोल-ऑन हो, हमने हमेशा अनूठे प्रॉडक्ट के साथ बाजार में हलचल मचाई है।  ये ऐसे प्रॉडक्ट है, जो उपयोग में अत्यधिक प्रभावी और सुरक्षित है। 100 प्रतिशत कुदरती सामग्री नीम और हल्दी के साथ गुडनाइट नेचुरल नीम अगरबत्ती की प्रत्येक स्टिक 3 घंटे तक जलती है और काम धुआँ छोड़ती है। यह एक बेहतरीन प्रॉडक्ट किफायती मूल्यों पर बाजार में  उपलब्ध है।
 जयंत देशपांडे ( सेक्रेटरी-डायरेक्टर, होम इंसेक्टिसाइड कंट्रोल एसोसिएशन (एचआईसीए) ने कहा, ''हाल के दिनों में महाराष्ट्र सहित पुरे भारत में मच्छर भगाने के गुणों का दावा करने वाली अवैध अगरबत्तियों का प्रचलन बढा है। डुप्लीकेट सामग्री से निर्मित इन अगरबत्तियों के कारण लोगों के स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस बात को स्वीकार करते हुए आंध्र प्रदेश, तेलंगना, महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जैसे राज्यों में एचआईसीए के अधिकारीयों और उद्योगसंघो के निर्माताओं ने थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। बाजार में संदिग्ध और नकली अगरबत्तियों के बारे में उपभोक्ताओं में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। जालसाज कंपनियों के डुप्लीकेट प्रॉडक्ट की निर्माण से त्वचा, आंख और श्वसन प्रणाली पर आघात पहुँचता है। इन अवैध अगरबत्तियों का उपयोग सभी उम्र के नागरिकों के लिए अत्यधिक जोखिम भरा है। 

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