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गायिका सुरभि सिंह ने अब तक 1000 से अधिक गाने गाए हैं, 50 से अधिक म्यूज़िक वीडियो सॉन्ग्स और ढेरों लाइव शो देश और विदेशों में कर चुकी हैं। खासकर अफ्रीका, दुबई, कंबोडिया और भारत भर में उनके लाइव शो होते रहते हैं।

सुरभि ने सबसे पहले बप्पी लहरी के संगीत निर्देशन में फिल्म राष्ट्रपुत्र से बॉलीवुड में गायन की शुरुआत की और हाल ही में भुज- द प्राइड ऑफ इंडिया और सीरीज़ ऑड कपल में उनके गाने आए हैं। अपकमिंग में वह यशराज कंपनी की आने वाली फिल्म में गाना गाने वाली हैं। उनके कुछ और गाने भी रिलीज़ होंगे।

वह एक बेहतरीन बैडमिंटन प्लेयर रही हैं, मगर उन्होंने सिंगिंग को अपना करियर चुना। ‘बनारस कोकिला’ नाम से उन्हें उपाधि मिली है। ईटीवी उत्तर प्रदेश के रियलिटी शो फोक जलवा की वह विनर रह चुकी हैं। हिंदी, मराठी, पंजाबी जैसी कई भाषाओं में वह गायन कर चुकी हैं और आगे भी गाती रहेंगी।

सुरभि ने बताया कि वह बतौर गायक मंज़िल के इस पड़ाव तक कैसे पहुँचीं। वह वाराणसी की रहने वाली हैं और उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी वहीं हुई है। बचपन से ही उन्हें गाने का शौक रहा। जब वह लता, रफ़ी और अनूप जलोटा जैसे दिग्गज गायकों के गीत सुनती, तो स्वतः ही गाने लगती। स्कूल प्रोग्राम में भी वह गायन में भाग लेती और उनकी इस कला को खूब सराहा जाता, जिससे उनका यह शौक जुनून बन गया।

बचपन में ही उन्हें दूरदर्शन में बच्चों के सीरियल के लिए गाने का मौका मिला। उसके बाद आकाशवाणी में गाने का अवसर मिला, जिसके लिए आकाशवाणी की परीक्षा भी पास की। उन्होंने क्लासिकल गीत-संगीत सीखा और महात्मा गांधी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, प्रयागराज से संगीत में उपाधि प्राप्त की।

साल 2005 में उन्हें उदित नारायण के साथ मुंबई में पहला शो करने का अवसर मिला और फिर वह यहीं रह गईं। इसके बाद मुंबई में बतौर सिंगर अपने करियर पर पूरी तरह फोकस करना शुरू किया।

उनका कहना है कि प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चों के करियर पर फोकस तो करना चाहिए, मगर बच्चों पर दबाव नहीं डालना चाहिए। उन्हें मार्गदर्शन दें, परंतु करियर का चुनाव उनके स्किल या सपनों के हिसाब से उन्हें स्वयं करने दें। क्योंकि जिसमें उनका शौक होगा, वह काम वे लगन से करेंगे। जबरदस्ती से किए गए चुनाव में वे खुद को बंधा हुआ महसूस करेंगे, जो उनकी सफलता और जीवन दोनों के लिए कष्टप्रद होगा।

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