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अरूण कमल /मुंबई

इन दिनों अपने कार्यों को लेकर चर्चित रहनेवाले एडवोकेट सुनिल शर्मा की संस्था दक्ष नागरिक फाउंडेशन की ओर से की आयोजित सामुहिक रक्षाबंधन कार्यक्रम शहर में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस फाऊंडेशन ने दिखाया कि रक्षाबंधन का यह त्योहार न केवल परंपरागत रूपों में होता है, बल्कि समाज में समर्पण और सहायता की भावना को भी मजबूती से प्रकट करता है। इस कार्यक्रम में करीब 10 हजार से अधिक स्थानीय महिलाएं शामिल हुईं, जिन्होंने एडवोकेट सुनिल शर्मा को राखी बांध कर उनके प्रति अपना स्नेह और प्रेम प्रकट किया। भले ही यह कार्यक्रम राजनैतिक नहीं था। परंतू कार्यक्रम में एडवोकेट शर्मा के प्रति हजारों की तादाद में दिखे जन समर्थन को लेकर राजनैतिक गलियारों हडकंप जरूर मचा हुआ है।


इस स्नेहभावना और समर्पण के आदान-प्रदान के माध्यम से दक्ष नागरिक फाउंडेशन के अध्यक्ष, एडवोकेट सुनिल शर्मा ने महिलाओं को समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की पुनरावलोकन कराया। समर्पितता का यह संकेत दिखाता है कि शर्मा जैसे आदमी ने समाज में महिलाओं के प्रति आदर और समर्पण की प्रतिबद्धता की है। आयोजित कार्यक्रम में समर्पित और संवेदनशील भावनाओं के साथ एडवोकेट शर्मा ने घोषणा किया कि वे शहर में पीडित महिलाओं को निशुल्क वकालत सेवाएं प्रदान करेंगे, ताकि वे अपने अधिकारों की सुरक्षा कर सकें। साथ ही, वह गरीब और अनाथ बच्चों को गोद लेकर उनकी शिक्षा का खर्च उठाएंगे, जो एक शिक्षित समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। इस आदर्श कार्यक्रम के माध्यम से दक्ष नागरिक फाउंडेशन ने महिलाओं के साथ खड़ी भूमिका की महत्वपूर्णता को पुनर्जागरूक किया है, जबकि एडवोकेट शर्मा ने समाज में न्याय की महत्वपूर्णता को प्रमोट किया है।

ज्ञात हो कि एडवोकेट सुनिल शर्मा हालहीं में भाजपा में औपचारिक तौर पर राजनैतिक प्रवेश कर चुके हैं। कार्यक्रम में पत्रकारों द्वारा इसी विषय पर राजनैतिक सवाल पूछे जाने पर एडवोकेट शर्मा ने जवाब दिया कि जनता कि सेवा करने के लिए उन्हे नगरसेवक, सांसद या आमदार (विधायक) बनने की जरूरत नहीं, बल्कि दिलदार होना जरूरी है। औऱ वे बिना चुनाव लडे ही जनता की सेवा करने में सक्षम है।

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