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मुम्बई। हालिया प्रदर्शित फिल्म 'द केरल स्टोरी' ब्लॉकबस्टर हो चुकी है। यह फिल्म केरल राज्य में हुए धर्मांतरण व लव जिहाद को दर्शाती है जिसमें आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की प्रमुख भूमिका है। शांता क्रिएशन के मालिक निर्माता एस बी मिश्रा का कहना है कि फिल्में मनोरंजन के लिए बनाई जाती है लेकिन कुछ फिल्में समाज का आईना भी होती है, जो कि समाज में घटित सच्चाई को उजागर भी करती है, साथ ही साथ इतिहास और संस्कृति को दर्शाती है। वर्तमान समय में ऐसी ही एक फिल्म 'द केरल स्टोरी' है, जो समाज में घटित सच्ची घटना पर आधारित है, जिसके माध्यम से असामाजिक तत्व और संगठन के द्वारा कैसे निहित षड़यंत्र के तहत भोली भाली युवतियों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। जो अन्य धर्म की नींव कमजोर करके उसके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का कार्य किया है। इसके तरह के घटना लिए मूलतः औरों के साथ साथ हम सभी जिम्मेदार हैं। हम सबको बचपन से ही अपने धर्म और संस्कार से पूर्णतः अवगत कराने की ज़रूरत है। हम सब आधुनिकता मानसिकता की दौड़ में अपनी जड़ों को ही भूलते जा रहे हैं। धर्म और संस्कृति भूल जाना आधुनिकता और धर्मनिरपेक्षता कभी नहीं हो सकता।
एस बी मिश्रा आगे कहते हैं कि संस्कृति और संस्कार के बिना अपने बच्चे जल्द भ्रमित हो जाते हैं और अपनी राह से भटक जाने की संभावना बढ़ जाती है। हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को अपने धर्म, संस्कृति, संस्कार और धर्म ग्रंथों का ज्ञान देना अत्यंत आवश्यक है। हमारे धर्म के प्रत्येक अभिभावक की जिम्मेदारी है कि सनातन धर्म की नींव को मजबूत करने के लिए अपने बच्चों को इसके बारे में अवगत कराएं और उन्हें बचपन से ही संस्कारी बनायें।

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