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कार्यालय सवाददाता / नई दिल्ली
  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष शुक्रवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मिले। द्विपक्षीय बैठक के दौरान दोनों नेताओं के साझा बयान में दौरान भारतीय पीएम ने कहा- दोनों देशों के संबंध पहले से अधिक मजबूत हुए हैं।मोदी ने बताया- आज हमारे बीच ग्लोबल इनोवेशन पार्टनरशिप (Global Innovation Partnership) के लागू करने से जुड़ी व्यवस्थाओं (Implementation Arrangements) का समापन महत्त्वपूर्ण पहल साबित होगी। इसके तहत तीसरे देशों में मेड इन इंडिया (“Made in India”) के तहत नई चीजें (Innovations) के ट्रांसफर और स्केलिंग-अप (Scaling-up) के लिए भारत और यूके 100 मिलियन डॉलर तक Co-Finance करेंगे।

बकौल भारतीय पीएम, “पिछले साल हमने दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की भी स्थापना की। हमने रोडमैप 2030 को भी लांच किया था। FTA के विषय में दोनों देशों की टीम काम कर रही है और बातचीत में प्रगति हो रही है। हमने इस साल के अंत तक FTA के समापन का निर्णय लिया है।”

इस दौरान ब्रिटिश पीएम ने भारत में अपनी आवाभगत को लेकर कहा- भारत में आकर मुझे सचिन तेंदुलकर और अमिताभ बच्चन जैसा महसूस हुआ।

मोदी ने ब्रिटिश समकक्ष से की वार्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत दौरे पर आए अपने ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन से रक्षा, व्यापार और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में आपसी सहयोग को ओर विस्तार देने के लिए विस्तृत चर्चा की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन ने नयी दिल्ली में वार्ता की। दोनों नेताओं ने भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के रास्तों के बारे में चर्चा की।’’

वार्ता से पहले ब्रिटेन ने कहा कि वह भारत को सर्वश्रेष्ठ ब्रिटिश उन्नत युद्धक विमान के निर्माण से संबंधित जानकारी देगा और हिंद महासागर में चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की प्रौद्योगिकी जरूरतों का समर्थन देगा। ब्रिटिश उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि आने वाले दशकों में भारत के साथ वृहद रक्षा और सुरक्षा भागीदारी के समर्थन में ब्रिटेन, भारत को ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (ओजीईएल) जारी करेगा जिससे नौकरशाही कम होगी और रक्षा खरीद के लिए आपूर्ति का समय कम होगा।

'भारत-यूके के बीच चीजें कभी इतनी मजबूत नहीं रहीं, जितनी कि अब हैं'

ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा है- यह भारत-यूके की दोस्ती और दो लोकतंत्रों (सबसे बड़े और सबसे पुराने में से एक) के लिए बहुत ही बढ़िया पल है। मुझे नहीं लगता कि भारत और यूके के बीच चीजें कभी इतनी मजबूत रहीं, जितनी कि अब हैं।” शुक्रवार को जॉनसन ने कहा कि दुनिया निरंकुश देशों से बढ़ते खतरों का सामना कर रही है, जो लोकतंत्र को कमतर, मुक्त व्यापार को खत्म करने और सम्प्रभुत्ता को कुचलना चाहते हैं तथा ऐसे में भारत के साथ ब्रिटेन की साझेदारी समुद्री तूफानों में प्रकाशपुंज है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता से पहले जॉनसन ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच जलवायु परिवर्तन से लेकर ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा तक के मुद्दों पर भागीदारी महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देश भविष्य की ओर देख रहे हैं। ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा कि जॉनसन के प्रधानमंत्री मोदी के साथ पांच क्षेत्रों भूमि, समुद्र, वायु, अंतरिक्ष और साइबर में अगली पीढ़ी की रक्षा और सुरक्षा भागीदारी पर चर्चा करने की उम्मीद है क्योंकि दोनों देश नए जटिल खतरों का सामना कर रहे हैं।

बता दें कि बोरिस जॉनसन रूस-यूक्रेन जंग और भारत में बुल्डोजर वाले एक्शन के बीच गुजरात पहुंचे हैं। दो दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को वह भारत आए थे। ब्रिटिश उच्चायोग की ओर से कहा गया, ‘‘आने वाले दशकों में भारत के साथ वृहद रक्षा और सुरक्षा भागीदारी के समर्थन में ब्रिटेन भारत को ऑपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (ओजीईएल) जारी करेगा जिससे नौकरशाही कम होगी और रक्षा खरीद के लिए आपूर्ति का समय कम होगा। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारा पहला ओजीईएल है।’’

उच्चायोग ने जॉनसन के हवाले से कहा- दुनिया निरंकुश देशों से बढ़ते खतरों का सामना कर रही है, जो लोकतंत्र को कमतर, मुक्त व्यापार को खत्म करने और सम्प्रभुत्ता को कुचलना चाहते हैं। भारत के साथ ब्रिटेन की भागीदारी इन तूफानी सागरों में प्रकाशपुंज है। ब्रिटेन और भारत किफायती हरित हाइड्रोजन पर काम तेज करने के लिए वर्चुअल हाइड्रोजन विज्ञान एवं नवोन्मेष हब शुरू कर रहे हैं।

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