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जज़्बा क़ायम रहा तो मुश्किलों का हल भी निकलेगा। जमीं बंजर हुई तो क्या वहीं से जल भी निकलेगा। ना हो मायूस ना घबरा अंधेरों से मेरे साथी। इन्हीं रातों के दामन से सुनहरा कल भी निकलेगा। यक़ीनन, बॉलीवुड के उन कलाकारों पर यह पंक्तियां फिट बैठती हैं, जो संघर्षों से हार नहीं मानते। दो दशक पहले मुंबई आये फिरोज़ के खान ने भी इसी मक़सद से बॉलीवुड में कदम रखा था और आज यहां अपनी पहचान क़ायम कर चुके हैं। दो दशक के लंबे सफर में कई धारावाहिक, ऐड फिल्म्स और फिल्में की। 

  इन दिनों उनकी सुपरहिट वेबसीरीज भौकाल की काफी चर्चाएं हैं। इस वेबसीरीज को बावेजा मूवीज़ और अप्लॉज एंटरटेनमेंट ने बनाया है। निर्माता हरमन बावेजा एक अच्छे निर्माता के साथ साथ बहुत डाउन टू अर्थ इंसान भी हैं। सीरीज के डायरेक्टर जतिन वागले कूल और टेक्निकली इंटेलिजेंट हैं। वे सीन से पहले कलाकारों से सीन डिस्कस करते हैं उसके बाद प्लेसिंग करते हैं। एक बार एक इंसिडेंट ऐसा हुआ कि मेरे पास बोलने के लिए जो संवाद आया, वो मेरे कैरेक्टर को सूट नहीं कर रहा था। मैं दुविधा में था कि डायरेक्टर से कुछ कहूँ या नहीं। चूंकि मैं एक राइटर भी हूँ इसलिए आभास था कि मुझे दिया डायलॉग मेरे कैरेक्टर पर फिट नहीं है। लेकिन मैं जतिन जी के पास गया और बोला कि मैं इस संवाद में कुछ बदलाव चाहता हूँ। क्या कर सकता हूँ? उस समय फ़िल्म के राइटर जय जी भी वहीं थे। मेरी बात सुनकर वो हंस पड़े और बोले कि तुम अपने हिसाब से बदलाव कर सकते हो।

  फिरोज़ के खान कहते हैं कि कलाकार उनके भीतर बचपन से ही छिपा था। तब वो पेंटिंग्स किया करते थे लेकिन दूरदर्शन पर आने वाली फिल्मों को देखने का शौक़ था। फ़िरोज़ कहते हैं कि बलराज साहनी, दिलीप कुमार, संजीव कुमार मेरे प्रेरक रहे हैं जिनकी फिल्में देखकर मैं बड़ा हुआ।

  किस तरह के रोल करना चाहते हैं! इस सवाल पर फिरोज़ के खान कहते हैं कि आज के ज़माने के नेगेटिव रोल मुझे सूट करते हैं। आई बी या पुलिस के किरदार भी मैं बेहतर तरीके से निभाता हूँ। बता दें कि गाजियाबाद (यूपी) से मुंबई आये फिरोज़ के खान ने हिमाचल सांस्कृतिक अनुसंधान मंच और रंगमंच रिपोर्टरी में 2001 से 2002 तक एक वर्ष का परफॉर्मिंग आर्ट्स में डिप्लोमा किया। 1998 से 2001 तक कलाकार के रूप में इप्टा से जुड़े रहे। गाजियाबाद में 1998 से 2002 तक तक रंगमंच से जुड़े रहे और आज भी वह रंगमंच से जुड़े हुए हैं। डीडी नेशनल और डीडी उर्दू के दर्जनों धारावाहिकों में फिरोज़ ने कई जबरदस्त किरदार निभाए हैं। चाहे उनकी भूमिका पॉजिटिव रही हो या निगेटिव, दोनो में उनके किरदार को खूब सराहा गया है। बॉलीवुड के सबसे बड़े प्रोडक्शन हाउस यशराज फिल्म के शो पाउडर और क्राइम पेट्रोल के बहुत सारी स्टोरीज में मुख्य भूमिका निभा चुके फिरोज़ की अगर फिल्मों की बात की जाए तो वह फ़िल्म ज़मानत में अमिताभ बच्चन के साथ काम कर चुके हैं, हालांकि किसी कारणवश फ़िल्म रिलीज़ नही हो पाई। इस फ़िल्म में उन्होंने रोहित का किरदार निभाया हैं। यशपाल शर्मा के साथ जॉनी जॉनी यस पापा, अक्षय कुमार के साथ बॉस, वंस अपॉन ए टाइम-2, खाप, एक्सीडेंट ऑन हिल रोड, जैसी कई फिल्में कर चुके हैं। इस समय एमएक्स प्लेयर पर भौकाल सीजन 2 चल रहा है। जिसमें पुलिस कांस्टेबल बलराम यादव के किरदार में नज़र आ रहे है। यह इस सीरीज का काफी महत्वपूर्ण किरदार हैं। लोग फिरोज़ के इस किरदार को काफी पसंद कर रहे है। इससे पहले भौकाल सीजन 1 में भी उनके किरदार को काफी सराहा गया था।

  अभिनय के अलावा फिरोज़, राजा के नाम से कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में भी काम कर रहे हैं। उनकी कास्टिंग एजेंसी का नाम डबल आरआर कास्टिंग एजेंसी है जो 2006 से सक्रिय है। अब तक वह कई एड फिल्मों की कास्टिंग कर चुके हैं।

 किसी ने ठीक ही कहा है कि कोई लक्ष्य ना होने कि दिक्कत यह है कि आप अपनी ज़िन्दगी मैदान में इधर-उधर दौड़ते हुए बिता देंगे पर एक भी गोल नहीं कर पाएंगे लेकिन फिरोज़ के खान अपनी फील्ड में गोल पर गोल करते आ रहे हैं।

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  1. Firoz ji you have very beautifully portraited the character of Balram Yadav in the web series Bhoukal , i also loved your character in the series crime petrol, my best are with you and I am confident that you will achieve whatever you want in this industry called Bollywood, you are a born star...
    Please accept my sincere regards 🙏☺️💐
    Puneet Sharma,
    Your Fan

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