▪️ अब उनकी पत्नी संगीता ज्ञानमूर्ति शर्मा निभा रही है नगरसेवक की भूमिका
मुम्बई (जितेंद्र शर्मा)। ऐसे बिरले ही जनप्रतिनिधि होते है जो जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे और हर बार चुनाव जीतकर पार्टी का नाम रोशन करें। ऐसे ही चुनिंदा जनप्रतिनिधियों में मालाड पूर्व के भाजपा पूर्व नगरसेवक एड. ज्ञानमूर्ति शर्मा का नाम भी आता है जो दशकों से जनता के दिलों पर राज कर रहे है।
गौरतलब है कि वार्ड क्रमांक 40 से दो बार नगरसेवक रहे भाजपा के ज्ञानमूर्ति शर्मा कद्दावर नेता माने जाते है। वार्ड परिसीमन होने और महिला सीट होने के कारण उन्हें पिछली बार नगरसेवक सीट छोड़नी पड़ी लेकिन उनके विकास कार्यों से प्रभावित होकर पार्टी ने उन पर ही विश्वास जताया और नए वार्ड 44 से उनकी धर्मपत्नी संगीता ज्ञानमूर्ति शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया। भारी बहुमतों से वह विजयी हुई और तीसरी बार भी ज्ञानमूर्ति शर्मा की राजनीति सब पर भारी पड़ी। उन्होंने अपनी पत्नी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर वार्ड के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। पठानवाड़ी जैसे मुस्लिम बहुल क्षेत्र में भी वह काफी लोकप्रिय है। सर्वधर्म समभाव में विश्वास करने वाले और बिना किसी भेदभाव के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन 'सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास' को साकार करनेवाले ज्ञानमूर्ति शर्मा के नेतृत्व में इस बार भी मनपा चुनाव में जितना तय माना जा रहा है। नागरिकों का कहना है कि उन्हें यहां के आसपास की किसी भी सीट से उमीदवार बनाया जाए उनकी विजय निश्चित है।
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