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शिवकुमार राजपूत की रिपोर्ट -

अगर आप कामाख्या देवी आने की सोच रहे तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें नहीं तो आपको बहुत परेशानी उठानी पड़ेगी माता के दर्शन भी नहीं होंगे और आपको निराश होकर घर वापस जाना पड़ेगा आमतौर पर देखा जाता है। आप मथुरा, वृंदावन, हरिद्वार, ऋषिकेश किसी भी तीर्थ में घूमने के लिए जाते हैं तो वहां के लोग आपकी मदद करते हैं। मगर कामाख्या में ऐसा नहीं होता यहां के लोग आपको हर प्रकार से लूटने की कोशिश करेंगे और सबसे ज्यादा यहां का प्रशासन और पुलिस आप बहुत सारे घंटों का सफर करके कामाख्या स्टेशन पहुंचते हैं तो वहां आपको कोरोना टेस्ट के नाम पर कई घंटे तक पीड़ित किया जाएगा। काफी लंबी लाइन में लगने के बाद अगर आपका नंबर आ भी गया तो आपको बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। आपको यहां कामाख्या में किसी एक जानने वाले का फोन नंबर और एड्रेस लिखवाना होगा उसके बाद आपको  कोरोना टेस्ट के लिए एक पर्ची दी जाएगी उसके बाद फिर आपको टेस्ट कराने के लिए कई घंटे लाइन में लगना होगा। अगर आप टेस्ट में नेगेटिव पाए जाते हैं तो आपको यहां के स्टेशन पर दलाल और पुलिसकर्मियों को खुश करना होगा तभी आप स्टेशन से बाहर जा सकते हैं और अगर आप यह प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं तो आप बीच में अटक जाएंगे ना आपको स्टेशन के बाहर जाने दिया जाएगा और ना भीतर मजबूरी में आपको दलाल और पुलिस वालों को पैसे देने पड़ सकते हैं इसके बाद जब आप स्टेशन से बाहर निकलेंगे तो इस कामरु नगरी में आपको बहुत सारे शिकारी खड़े मिलेंगे जिनकी नजर हमेशा आपको लूटने की रहेगी।

 यहां भारत के अन्य तीर्थ स्थलों जैसा नहीं होता जैसे कि हम कहीं तीरथ में जाते हैं तो तीर्थ यात्रियों को हर कोई सही रास्ता बताता है ताकि उनकी तीर्थ स्थली तपोभूमि की कोई अपने गांव जाकर बुराई ना करें मगर कामाख्या में ऐसा नहीं होता है। यहां आपको हर एक इंसान लूटने की नजर से देखेगा अगर आप ऑटो टैक्सी होटल धर्मशाला कहीं भी जाएंगे तो हर कोई आपको तीर्थयात्री के नजरिए से नहीं वल्कि लूटने की नजर से देखेगा कोई ऑटो वाला पैसे लेने के बाद भी आपको सही जगह नहीं पहुंचाएगा। 100 में दो चार लोग सही भी होते हैं मगर कामरु नगरी में 100 में एक-दो ही लोग आपको सही जानकारी तथा रास्ता बताएंगे। यह तीर्थ नगरी और तीर्थों की तरह नहीं यहां के लोग आपके बारे में यह नहीं सोचेंगे यह यहां तीर्थ यात्रा पर माता के दर्शन करने आए हैं हम इनके साथ अच्छा व्यवहार करें हमेशा आपको इस नगरी में झूठे लालची लोग ही दिखाई देंगे। स्टेशन पर मैंने जब लोगों का दुख देखा तो मुझे एक पत्रकार होने के नाते वहां के प्रशासन दलाल तथा पुलिसकर्मियों से बहुत सारी जानकारी प्राप्त हुई और बहुत कुछ मैंने अपनी आंखों से खुद देखा उन लोगों को मैंने यह अनुभव नहीं होने दिया मैं एक पत्रकार हूं, क्योंकि मीडिया के सामने अधिकतर लोग गलती नहीं करते इसलिए मैंने भेष बदलकर यहां पर बहुत सारी जानकारियां इकट्ठी की जो मैं आप सभी को बता रहा हूं। अगर आप माता के दर्शन करना चाहते हैं तो यहां के दलाल और पुलिसकर्मियों से दूर रहें सबसे पहले आपको वैक्सीन की दोनों डोज लगी हुई होनी चाहिए या फिर यहां के आसपास के क्षेत्र में कोई एक जानने वाला हो जिसका आप पूरा एड्रेस और फोन नंबर लिखवा सकें। तभी माता के मंदिर तक आप पहुंच सकते हैं उसके बाद भी यहां के लुटेरे लोगों का आपको सामना करना पड़ेगा तभी आप माता के दर्शन कर सकते हैं। अगर आप यह प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए तो आप बीच में ही घूंसखोर लोगों के बीच फंस जाएंगे ना तो आप स्टेशन से बाहर जा पाएंगे और जब तक दलालों की जेब गरम नहीं कर देंगे तब तक वह आपको कई घंटे तक स्टेशन के अंदर भी नहीं जाने देंगे क्योंकि बाहर से सफर करके आए हुए यात्री काफी थके हुए होते हैं। मजबूरी में उन्हें रिश्वत तो देनी ही पड़ेगी वह बीच में ऐसे अटक जाते हैं ना बाहर जा सकते हैं और न अंदर ऐसी स्थिति में थके हुए यात्री पैसे खर्च करने के लिए तैयार हो जाते हैं और वहां से निकलने का रास्ता खोजते हैं क्योंकि कहावत तो सुनी होगी मरता क्या नहीं करता मैं यह नहीं कहता की माता में शक्ति नहीं है कामाख्या माता शक्तिपीठ है। देश और दुनिया से लोग माता के दर्शन के लिए आते रहते हैं मगर यहां के लोग उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते है जैसा अन्य तीर्थों में होता है।

 मेरा कहने का तात्पर्य यही है कि अगर आप कामाख्या माता के दर्शन करना चाहते हैं तो इन सब बातों का ध्यान रखें ताकि आपको यहां आकर परेशानियों का सामना न करना पड़े और घर जाने वाली आप आपकी ट्रेन न छूटे जोकि वापसी का टिकट आप अपने साथ लेकर आए।

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