रा.सा.सा.व सां. काव्यसृजन परिवार के लिए १ नवम्बर २०२० बहुत ही यादगार दिन रहा। जहाँ उसके द्वारा विडियो काव्यगोष्ठी में देश विदेश से कवियों ने अपनी कालजयी व समसामयिक रचनाओं की प्रस्तुति देकर लोगों को भावभिभोर किया। तो वहीं शाम को गूगल मीट पर अखिल भारतीय काव्यगोष्ठी में कवि कवयित्रियों की दमदार उपस्थिति में कविता की बयार बही।
हौंसिला प्रसाद अन्वेषी की अध्यक्षता, प्रा.अंजनी कुमार द्विवेदी के कुशल संचालन, पं. उमेश शुक्ल व अवनीश कुमार दिक्षित की विशेष उपस्थिति में प्रज्ञा राय की शारदा वंदना से आयोजन की शुरुआत हुई।
इस आयोजन में कानपुर से वरिष्ठ साहित्यकार श्रीहरि वाणी उपस्थित होकर जहाँ हम सबका मान बढ़ाया, वहीं दिल्ली से पंकज तिवारी, डॉ संगीता शर्मा अधिकारी, ठाणे से विनय शर्मा दीप, प्रज्ञा राय, अनिल कुमार राही, सुनील उपाध्याय, रेखा तिवारी, वैशाली सिंह, उमेश शुक्ल, डॉ वर्षा सिंह, पालघर से शिखा गोस्वामी, मुम्बई से हौंसिला प्रसाद अन्वेषी, डॉ रामनाथ राना, राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, अंजनी कुमार द्विवेदी, श्रीधर मिश्र, शिवप्रकाश जौनपुरी, नवी मुम्बई से अवनीश कुमार दिक्षित ने अपनी कालजयी व समसामयिक रचनाओं से आयोजन की शोभा बढ़ाते हुए एक बहुत ही शानदार आयोजन को यादगार बना दिया।
छंद सवइया गीत गजल कविता मुकरी से सजी शाम का लोगों ने जमकर आनंद लिया।
मुख्य अतिथि व विशिष्ठ अतिथि पं. उमेश शुक्ल व अवनीश कुमार दिक्षित आयोजन की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए शुभकामनाएं दी और अपनी रचनाऐं प्रस्तुत कर अभिभूत कर दिया। अपने अध्यक्षीय भाषण में हौंसिला प्रसाद अन्वेषी ने सभी रचनाकारों का उल्लेख करते हुए सबको साधुवाद दिया व उत्साहवर्धन किया|सबके व संस्था के कार्यों की सराहना की। अंत में संस्था के उपाध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार श्रीधर मिश्र ने संस्था द्वारा प्रकाशित किये जाने वाले साझा संग्रह काव्यसृजन वाटिका २०२० जो छपकर तैयार है उसके बारे में अवगत कराते हुए सभी को बधाई दी व उपस्थित सभी विभूतियों का आभार प्रकट करते हुए अभिनंदन वंदन किया और आने वाले आयोजनो में सहयोग व स्नेह बनाये रखने की अपील की।
बहुत ही उम्दा कार्य कर रहे हैं और साहित्य का प्रचार प्रसार के साथ नए पुराने सभी सदस्यों को आगे बढ़ाने के लिए सराहनीय कदम है हार्दिक बधाई
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