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ट्रेडिंग का प्राथमिक उद्देश्य निवेश पर बेहतर रिटर्न (आरओआई) हासिल करना है। दुर्भाग्य से, कई स्कैमर्स और धोखेबाजों को आसान पैसे के इस लालच में भी मौका दिखाई देता है। निवेशकों को वैध तरीकों से धन कमाने की इच्छा करने का पूरा अधिकार है, लेकिन निगेटिव पहलू यह है कि शेयर बाजार में नौसिखिए निवेशकों से धोखाधड़ी करने वाले भी बहुत हैं। इस वजह से नीचे दिए गए सुझाव आपको बाज़ार के घोटालों और सुरक्षित ट्रेड करने में मदद करेंगे।
धोखेबाज एडवाइजर्स को दूर करें: वे आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं और वह भी जान-बूझकर: इन दिनों सैकड़ों-हजारों धोखेबाज एडवाइजर और शेयर बाजार विशेषज्ञों के रूप में खुद को पेश करते हैं। वे आम तौर पर अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर काम करते हैं। यदि आप उन्हें नहीं पहचान पाते और यह नहीं जानते तो इसका शिकार होने की संभावना बहुत ज्यादा है। नौसिखिए निवेशकों के लिए सामान्य नियम यही होना चाहिए कि वे ट्रेडिंग की शुरुआत में सेबी-रजिस्टर्ड निवेश सलाहकारों को सूचीबद्ध करें। लेकिन इसमें एक बड़ा जोखिम शामिल है: थर्ड पार्टी के साथ आपके खाते में लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करना आपको धोखाधड़ी के लिए असुरक्षित बनाता है।
आपकी ओर से ट्रेडों को निष्पादित करने वाले एक्सपर्ट ट्रेडर की धारणा सुविधाजनक लग सकती है, लेकिन यह आपके लिए कई समस्याएं भी खोल सकती है। यह अप्रौच जालसाज को आपके खाते में गैर-वास्तविक ट्रेड्स का उपयोग करने और आपके पैसे को दूसरे ट्रेडिंग खाते में ट्रांसफर करने की अनुमति देता है। इसके बीच सबसे ज्यादा परेशान करने वाली समस्या यह है कि आपको अंधेरे में छोड़ दिया जाएगा।
सबसे अच्छा तरीका यह है कि जब तक कि सिद्ध, टेक-ड्रिवन ट्रेडिंग सॉल्युशन नहीं है, रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के अनुसार फुल कम्प्लायंस में काम करने वाले किसी व्यक्ति की पुष्टि नहीं होती, तब किसी थर्ड पार्टी को आपकी ओर से ट्रेड करने के अधिकार देने से बचें। इसके अलावा, ऐसे टूल्स का ट्रेड न करें जिन्हें आप अच्छी तरह से समझ नहीं पाए हैं। इसके अलावा, यदि आप समझौता किए गए लॉगिन डिटेल्स के कारण किसी नुकसान में हैं, तो आप उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सबसे प्रभावी अप्रौच उस चीज में ट्रेड करना होगा, जिसे आप अच्छे से जानते हैं, जिसमें थर्ड पार्टी की भूमिका नहीं हो।
पंप और डंप स्कीम्स पर नजर रखें - वह आपके आसपास ही हैं: कई फिल्मों में पंप एंड डंप स्कीम का चलन बताया गया है और अब वित्तीय दुनिया इसके लिए कोई अजनबी नहीं है। हालांकि, लालच लोगों को कदाचार के रास्ते पर ले जाता है। यह स्कीम माइक्रो और स्मॉल कैप शेयरों का पर्याय है। इनमें हेरफेर सबसे आसान हैं। यह किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है, जिसके पास ऑनलाइन ट्रेडिंग खाते तक पहुंचने और निवेशकों के शेयर खरीदने के लिए जोड़-तोड़ करने की आदत हो।
मूल रूप से इस स्कीम को समझना होगा। धोखेबाज एक ऐसे शेयर में भारी मात्रा में खरीदारी करते हैं, जो कम मात्रा पर ट्रेड करता है। इससे कीमत में भारी उछाल आती है। इस स्कीम में सूचनाओं का लाभ उठाने के दावों के साथ प्रचार संबंधी संदेशों को ऑनलाइन पोस्ट करना शामिल है। इससे शेयर की कीमत बढ़ती जाएगी। जब निवेशक स्कीम में खरीद लेते हैं, तो धोखेबाज अपने शेयर बेच देते हैं और स्टॉक को नाटकीय रूप से डुबो देते हैं, जिससे निवेशकों का पैसा डूब जाता है।
आपका सेफ्टी मैकेनिज्म एक स्टॉक के अनचाही नोटिस के बारे में सावधान रहना होगा जो कि टेक ऑफ के लिए तैयार है। स्रोत का आकलन करें और उस पर रेड फ्लैग्स पर हमेशा ध्यान रखें। नोटिस आम तौर पर पेमेंट प्रमोटरों और अंदरूनी सूत्रों से आते हैं। पता है कि यह एक रेड फ्लैग है अगर कोई ईमेल या समाचार पत्र प्रचार के बारे में बात करता है और संबंधित जोखिम का कोई उल्लेख नहीं करता। जैसे, यह सुनिश्चित करें कि शेयर खरीदने से पहले आप किसी शेयर में अपना रिसर्च करें।
अंतिम नोट: जब बात निवेश की आती है तो सावधानी का जरूर ध्यान रखें। जल्दबाजी, लाभदायक रिटर्न का वादा करने वाले स्टॉक टिप्स में न खरीदें। निवेश से पहले जितना हो सके उतना रिसर्च करें। प्रमोशनल न्यूज़लेटर्स, नोटिस और ईमेल की बात आने पर बिजनेस और प्रमोटरों की प्रामाणिकता की पुष्टि सुनिश्चित करें। पता है कि कई स्कैमर्स शॉर्टकोड का उपयोग कर एसएमएस भेजते हैं जो एक प्रतिष्ठित ब्रोकरेज फर्म जैसे नजर आते हैं। इसे ध्यान में रखें। अंत में, छोटे-छोटे स्टॉक से दूर रहें - उनमें निवेश तभी करें जब आप अपना पैसा खोने की क्षमता रखते हैं।

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