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~ ऐप के जरिए घर बैठे कर सकते हैं अपनी फ़सल का सौदा ~

मुंबई : कोविड19 प्रकोप के दौरान, भारत के पहले निजी क्षेत्र के इलेक्ट्रॉनिक कृषि मंडी एग्रीबाज़ार ऐप को पूरे भारत में छोटे किसानों से जबरदस्त प्रतिक्रिया (400% की वृद्धि) मिली है। यह ऐप किसानों को अपनी उपज का विवरण अपलोड करने में मदद करता हैं और फोन बटन के टैप से खरीदारों को सीधे ढूंढता हैं। यह प्लेटफार्म पारदर्शिता और प्रत्यक्ष क्रेता-विक्रेता बातचीत की सुविधा देता है, और यह सुनिश्चित किया जाता है कि छोटे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके।
एग्रीबाज़ार के सह-संस्थापक और सीईओ अमित अग्रवाल ने कहा, “कोविड-19 भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक वास्तविक परीक्षा और हकीकत का आईना रहा है। इसने साबित कर दिया है कि कैसे डिजिटल और एग्री-टेक प्लेटफॉर्म के ज़रिये छोटे किसान सोशल डिस्टैंसिंग के मानदंडों को बनाए रखते हुए अपनी उपज उचित दर पर और अधिक तेजी से बेच सकते हैं। हमारे ई-मंडी ऐप को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, और भारतीय किसानों ने बड़ी तेजी से इसे अपनाकर हमें भी हैरान कर दिया है। मैं इस ट्रेंड को भविष्य में आगे बढ़ते हुए देखता हूं, जहां सभी किसान तकनीक का इस्तेमाल करके एग्री-वैल्यू चेन में आगे बढ़ेंगे।
शुरुआत से ही, एग्रीबाज़ार ऐप प्लेटफॉर्म में लगभग 10,000 व्यापारी और प्रोसेसर 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 100 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के 2 लाख से अधिक किसानों के नेटवर्क से जुड़ चुके हैं। उदाहरण के लिए, ऐप के ज़रिये प्रधानमंत्री जन कल्याण अन्न योजना के तहत पूरे भारत में 8 मिलियन मीट्रिक टन दाल खरीदी और बेची गई है। इसी तरह, अकेले मध्य प्रदेश राज्य में, ऐप से सफलतापूर्वक 40,000 मीट्रिक टन अनाज की नीलामी कर गई है, जिससे किसानों के बीच अपनी उपज बेचने के तरीके में तेज़ी से बदलाव आया है। 2016 में अपनी स्थापना के बाद से, ऐप ने 14,000 करोड़ जीएमवी का व्यापार किया है।

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