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एम्बुलेंस, खाद्य सामग्री के अलावा लोगों को गांव भेजने में भी दी जा रही है निशुल्क मदद

 नालासोपारा के उत्तरभारतीय बाहुल्य इलाके संतोष भुवन में धारावी जैसे हालात पैदा ना हो इसके लिए यहाँ एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन शक्ति जनहित मंच ने अपने संस्था से जुड़े युवको को पूरी तरह प्रशिक्षित कर कोरोना वारियर्स के रूप में मदद के लिए संतोष भुवन में भेज दिया है। इस संस्था के ये कोरोना वारियर्स गहन बस्ती संतोष भुवन में जाकर पूरे इलाके को सेनेटाइज कर रहे हैं। यही नहीं इस संस्था द्वारा नालासोपारा पूर्व के संतोष भवन में 5000 से 6000 गरीब रहिवासियों के लिए अनाज और प्रतिदिन 500 से 600 लोगो के लिए भोजन की व्यवस्था तथा एम्बुलेंस की निशुल्क व्यवस्था भी किया जा रहा है।
सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन शक्ति जनहित मंच ने लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को उनके गांव पहुंचाने का भी  बीड़ा उठाया है। संस्था के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष गंगेश्वर लाल श्रीवास्तव ने बताया कि संस्था की तरफ से प्रवासी और रहिवासियों को निःशुल्क उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, जौनपुर सहित अन्य जिले में पहुंचाने का कार्य भी शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि जिस किसी प्रवासी या रहिवासी भाई को उत्तर प्रदेश अपने मूल गांव में जाना है तो उन्हें नाम, पता, आधार कार्ड की कॉपी और मोबाइल नम्बर के साथ संस्था के कार्यालय शॉप नम्बर -2 मसूरी अपार्टमेंट संतोष भुवन पेट्रोल पम्प के पास नालासोपारा पूर्व में संपर्क करना होगा।
गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव ने बताया कि प्रवासियों और रहिवासियों को उनके गांव भेजने के लिए कोई शुल्क (किराया) नहीं लिया जा रहा है। प्रवासियों और रहिवासियों को ट्रेन से भेजने की बात उन्होंने कही है। उन्होंने बताया कि 1200 प्रवासियों की सूची तैयार होते ही उसे तहसीलदार के पास भेजा जायेगा और फिर श्रमिक विशेष ट्रेन से सभी प्रवासियों और  रहिवासियों को उनके गांव भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग प्रवासियों को उनके गांव भेजने के लिए पैसे (किराया) ले रहे हैं। यह काफी निंदनीय कार्य है। संकट की इस घड़ी में प्रवासी और रहिवासियों से किराया लेना अमानवीय है। उन्होंने ये अपील की है कि कोई यदि गांव भेजने के नाम पर पैसे लेता है तो उसे न दें और शक्ति जनहित मंच को इसकी सूचना दें। उन्होंने प्रशासन से भी इस शोषण के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है। इस संस्था ने पुलिस को दिए एक लिखित शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि एक स्थानीय नगरसेविका के कार्यालय में मजदूरों को बुलाकर कुछ लोगों ने ट्रेन से गांव भेजने के नाम पर 750 रुपये से 1000 रुपये की हर प्रवासी से वसूली की जिसकी जांच कर उचित कार्रवाई किया जाए। 

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