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कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले 40 दिनों से पूरे देश में लॉक डाउन जारी है। लॉक डाउन के कारण राज्य से बाहर फंसे प्रवासी मजदूरों को निजी गाड़ीयों से आने आदेश जारी करे सरकार। राज्य से बाहर फंसे हज़ारों ऐसे मजदूर हैं जो अपने निजी गाड़ी से घर वापस आने में सक्षम है ऐसे में राज्य सरकार के आदेश के बाद ऐसे हज़ारों लोगों की राह घर वापसी आने में आसान हो जाएगा। 
  युवा फ़िल्म निर्देशक निरंजन भारती ने केंद्र सरकार के द्वारा जारी आदेशों को एक छोटी राजनीतिक खेल करार देते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के मजदूरों को बेवकूफ बनाकर बहुत ही चालाकी से अलग अलग राज्यों में फंसे मजदूर कामगारों को घर वापस भेजने का आदेश जारी कर दिया पर बिन संसाधन ये ठीक उसी प्रकार है जैसे किसी के सामने खाना रख कर उसका हांथ पैर बांध देना। केंद्र सरकार ने दो दिन पहले जो फैसला लिया वह गरीब मजदूरों एवं लॉकडाउन में फंसे अन्य लोगों के साथ एक छोटी राजनीतिक खेल है। देश के  गृह मंत्रालय को लॉक डाउन के कारण अन्य राज्यों मे फँसे कामगारों छात्रों व आम लोगों की घर वापसी पर फैसला लेने में पूरे चालीस दिन लग गए। अगर गृह मंत्रालय चाहता तो यह फैसला 24 मार्च को भी लिया जा सकता था पर ऐसा नही हुआ। और जब केंद्र सरकार ने इतना लेट से मजदूरों के बारे में सोचा तो गरीब मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए रेल, बस आदि की सुविधा मुहैया करवाकर सुरक्षित ढंग से लोगों को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था करने के बाद आदेश जारी करना चाहिए था। अब जब मजदूरों को घर जाने के लिए संसाधन की ही व्यवस्था नही है तो फिर केंद्र सरकार के इस आदेश का किया मतलब।

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