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मुंबई : पिछले हफ्ते ओपेक के नेता सऊदी अरब और उसके सहयोगियों ने घोषणा की कि ओवरसप्लाई की समस्या से निपटने के लिए सप्लाई को 1 मिलियन बीपीडी कम किया जाएगा। इससे डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतें 24 प्रतिशत तक बढ़ गई। एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड के नॉन-एग्री कमोडिटीज एंड करेंसीज के चीफ एनालिस्ट प्रथमेश माल्या ने बताया कि 4.1 मिलियन बैरल की वृद्धि की उम्मीद के खिलाफ अमेरिकी क्रूड इन्वेंट्री का स्तर 475,000 बैरल कम हो गया, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई।
हालांकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने घोषणा की कि कोरोनोवायरस की वजह से आई रुकावटों के बाद आर्थिक रिकवरी की अवधि उम्मीद से अधिक हो सकती है और हवाई और सड़क यातायात पर प्रतिबंध जारी रहेगा, इससे तेल की कीमतों में किसी भी तरह की वृद्धि सीमित रही।
पिछले सप्ताह स्पॉट गोल्ड की कीमतें 1.36 प्रतिशत अधिक हो गईं क्योंकि ब्याज दरें कम रहीं और अमेरिका व चीन के बीच नए तनाव पैदा हुए। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीनी प्रयोगशालाओं पर उंगलियां उठाई और उन्हें वायरस प्रसार और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी जैसी स्थिति पैदा करने का दोषी बताया। इससे पीली धातु की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई।
अमेरिका में खराब आर्थिक सूचकांकों और बढ़ते बेरोजगारी के स्तर ने रिकवरी की प्रक्रिया पर आशंकाएं पैदा की और इसका असर बाजार की भावना पर भी हुआ।
पिछले सप्ताह स्पॉट सिल्वर कीमतें 7 प्रतिशत बढ़कर 16.6 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई। एमसीएक्स पर कीमतें 8.3 प्रतिशत बढ़कर 4,6718.0 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई।

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