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 मुंबई में नए वृत्तचित्र ’वाइल्ड ईडन्सः साउथ एशिया’ का प्रीमियर हुआ, यह फिल्म जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर प्रकाश डालती है। भारत व बांग्लादेश के विशिष्ट और नाजुक पर्यावासों पर केन्द्रित इस वृत्तचित्र का फिल्मांकन विभिन्न स्थानों पर हुआ है जिनमें पश्चिमी घाट, तमिलनाडु और सुंदरबन डेल्टा विविधतापूर्ण भू दृश्य शामिल हैं।
रोसातोम स्टेट ऐटॉमिक एनर्जी कॉर्पोरेशन स्वच्छ एवं सुरक्षित ऊर्जा का उत्पादन करने वाला दुनिया का अग्रणी संगठन है जो की जलवायु परिवर्तन से जुड़े खतरों के प्रति बहुत चिंतित है।
रोसातोम के प्रतिनिधि वादिम तितोव ने इस प्रीमियर के मौके पर कहा कि अपने अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ हम वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने का दायित्व ले रहे हैं और हम विश्व समुदाय का आह्वान करते हैं की वे जागें और सही कदम उठाएं। जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा था - जो परिवर्तन आप दुनिया में देखना चाहते हैं आप खुद वो परिवर्तन बनें।
  इस प्रोजेक्ट की ब्रांड अम्बेसडर स्लमडॉग मिलेनियर की एक्ट्रेस फ्रीडा पिंटो ने कहा कि इस वृत्तचित्र के जरिए दुनिया और मेरे भारतीय मित्र मेरे देश की वन्य प्रकृति, दुर्लभ वन्य जीवन, वाइल्डलाईफ सैंक्चुअरी और खूबसूरत भूदृश्यों को देख सकेंगे जो मंत्रमुग्ध कर देते हैं लेकिन जो जलवायु परिवर्तन के खतरों से भी जूझ रहे हैं। इस फिल्म में कई कमाल के प्राणी दिखाए गए हैं जो अपनी सुदंरता, लचीलेपन और जिंदा रहने की सहज बुद्धि से आपका दिल जीत लेंगे, किंतु ये जोखिम में हैं।
  बता दें कि वाइल्ड ईडन्सः साउथ एशिया को ब्रिस्टल, इंग्लैंड की ऑफ द फेंस प्रोडक्शंस ने बनाया है, जो की प्राकृतिक इतिहास फिल्मांकन का वैश्विक मुख्यालय है। इसके सिरीज़ प्रोड्यूसर ऐंड्रयू ज़िकिंग और निर्देशक टॉम बार्टन-हमफ्रेस तथा कार्यकारी निर्माता ऐलन विंडेमाउथ और ऐलिसन बीन हैं। इस वृत्तचित्र के फिल्मांकन में कई महीने लगे, फिल्म क्रू और उनकी किट को सबसे विविधतापूर्ण भूभागों में ले जाया गया जिनमें घने जंगल, उजाड़ मैदान, ऊंचे पर्वत और पृथ्वी के सबसे बड़े मैंग्रोव वन शामिल हैं। इस फिल्म ने खूबसूरत वन्य जीवन और पर्यावास के सुंदर मिश्रण को प्रस्तुत किया है जो जलवायु परिवर्तन के जोखिम से जूझ रहा है और यह फिल्म आपको सोचने पर मजबूर करेगी की इस संभावित विनाश को रोकने के लिए हम क्या कर सकते हैं।

संतोष साहू

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