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यश चोपड़ा की शाहरुख खान अभिनीत फिल्म ' वीर ज़ारा ' के सभी गीत कर्णप्रिय बने थे । इन्हीं गीतों में से एक ' आया तेरे दर पर दीवाना ' भी श्रवणीय था । इस गीत को मशहूर सूफी व गज़ल गायक मोहम्मद वकील ने स्वर दिया था । इन गीतों को धुन से संवारने वाले संगीतकार मदन मोहन भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं मगर उनके गीतों ने उन्हें अमर कर दिया है । स्वर्गीय मदन मोहन के धुन में गीत गाकर मो. वकील खुद को बड़ा खुशनसीब मानते हैं ।
 जयपुर के संगीत घराने की छठी पीढ़ी मो. वकील ने सारेगामा शो में अपनी जबरदस्त उपस्थिति दर्ज़ कराते हुए विजेता साबित हुए थे । उस शो के निर्णायक मंडली में देश की संगीत से जुड़े दिग्गज शख्शियत पंडित हरिप्रसाद चौरसिया , पंडित जसराज , जगजीत सिंह , ख़य्याम , नौशाद शामिल थे और शो का संचालन सोनू निगम ने किया था ।
 उसके बाद कुछ बड़े संगीत कंपनियों ने मो. वकील से संपर्क कर अलबम रिलीज किये ।
जिनमें सपने , कसक , कह दो कह दो , मौला का दरबार , गुज़ारिश , पहली नज़र , तेरा ख्याल , फलसफा और अब वजूद का नाम शामिल है । वजूद को ज़ी म्युज़िक कंपनी ने रिलीज किया है  , इसके गीतकार शकील आज़मी , संगीतकार उस्ताद अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन  हैं एवं कॉन्सेप्ट मो. वकील का ही है जिसमें एक पिता का संघर्ष , समर्पण और त्याग भाव की झलक है ।
मोहम्मद वकील इस एलबम के जरिये मैसेज देना चाहते हैं कि हमारा वजूद हमारे माता - पिता से ही है , हमें जीवन पर्यंत उनकी सेवा करनी चाहिए उन्हें अलग नहीं करना चाहिए ।
फिल्मों में गायकी के लिए उन्होंने कोशिश की मगर गाने हथियाने के लिए जिस तरह की पॉलिटिक्स बॉलीवुड में चलती है उससे वह बहुत निराश हुए और सब नसीब पर छोड़ दिये । वह पूरी तन्मयता के साथ संगीत से जुड़े रहे । दिल्ली में एक स्टेज शो में उन्होंने स्वर कोकिला लता मंगेशकर के सामने दर्शकों का दिल जीतने में कामयाबी हासिल किए । वहाँ पर ढाई घंटे तक स्टेज में रहकर अपनी गायन प्रतिभा का परिचय दिए ।

संतोष साहू

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