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मि.प. संवाददाता /नई दिल्ली
अमेरिका ने पाकिस्तान को सुधरने के लिए १५ जनवरी तक का वक्त दिया है। ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को २७ आतंकियों की लिस्ट सौंपते हुए कहा है कि इन आतंकियों को मारो या गिरफ्तार कर हमें सौंप दो। ये सभी २७ आतंकी हक्कानी नेटवर्क के हैं। हक्कानी नेटवर्क के साथ-साथ लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जमात उद दावा जैसे आतंकी संगठन भी ट्रंप प्रशासन की रडार पर हैं। पाकिस्तान के पत्रकार सैयद तलत हुसैन ने अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से ये जानकारी दी। उनके ट्वीट के मुताबिक पाक के राजनयिक सूत्रों का कहना है कि आतंकियों पर इस बड़ी कार्रवाई के लिए ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान के साथ कोई पेपर वर्क नहीं किया है।

बता दें कि बीते कुछ समय से पाकिस्तान डोनाल्ड ट्रंप की नजरों में चढ़ा हुआ है। ट्रंप ने बीते सोमवार को ट्वीट किया था कि 'अमेरिका ने मूर्खतापूर्वक पिछले १५ वर्षों में पाकिस्तान को ३३ बिलियन डॉलर से ज्यादा की मदद दी। उसने हमें झूठ, धोखे और हमारे नेताओं को मूर्ख बनाने के सिवा कुछ नहीं दिया। उसने आतंकवादियों को सुरक्षित ठिकाना दिया, जिन्हें हम अफगानिस्तान में तलाश रहे हैं, बस अब और नहीं!
सालों से पाकिस्तान खेल रहा है 'दोहरा खेल'
हेली ने आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान पर अमेरिका के साथ दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाया था। कहा था कि जब तक पाक आतंक को बढ़ावा देना बंद नहीं करता, अमेरिका की सख्ती जारी रहेगी। उन्होंने कहा था कि आर्थिक मदद पर रोक लगाने के लिए कारण बिलकुल साफ है। पाकिस्तान ने वर्षों से अमेरिका के साथ दोहरा खेल खेला है। ट्रंप प्रशासन इसे कतई स्वीकार नहीं करने वाला है।
आतंकवाद और पैसा...नहीं चलेगा साथ-साथ
हेली ने कहा था कि वे (पाकिस्तानी) हमारे साथ काम करते हैं और आतंकियों को पनाह भी देते हैं, जिन्होंने अफगानिस्तान में हमारे सैनिकों पर हमले किए। ट्रंप प्रशासन इसकी इजाजत कतई नहीं देगा। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका पाकिस्तान से बहुत अधिक सहयोग की उम्मीद करता है।
हर तरह की मदद से धोना पड़ेगा हाथ
हेली ने कहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी तरह की सहायता को रोकने की मंशा जताई थी। अगर पाकिस्तान ने आतंकियों की मदद का अपना रवैया नहीं छोड़ा तो उसे हर तरह की अमेरिकी मदद से हाथ धोना पड़ेगा।
हालत गंभीर, और नहीं झेलेगा अमेरिका
हेली ने कहा था, समस्या गंभीर हो गई है। राष्ट्रपति अगर नए साल के रात भर चले जश्न से थके लोगों को सुबह ६.१२ बजे इस तरह का संदेश दे रहे हैं तो निश्चित रूप से हालात गंभीर बन गए हैं। अब उन्हें नहीं झेला जाएगा।
अमेरिकी सैनिक की हत्या से भड़के थे ट्रंप
नए साल की सुबह अफगानिस्तान में आतंकियों के हाथों अमेरिकी सेना के जवान स्टीफेंस की हत्या ने ट्रंप को इतना नाराज कर दिया कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ संबंधों की सीमा तय कर दी। अपने पूर्ववतिNयों-जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बराक ओबामा के पाकिस्तान को सहायता देने के फैसलों को मूर्खतापूर्ण तक कह दिया।
पिछले १५ साल में पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने के लिए दी गई ३३ अरब डॉलर (दो लाख दस हजार करोड़ रुपए) की मदद को फिजूल बताया। कहा कि हम पाकिस्तानियों के पाले गए आतंकियों से लड़ रहे हैं और पाकिस्तान हमसे मदद लेकर हमें लगातार धोखा दे रहा है। ट्रंप के इस एलान के बाद ही अमेरिकी प्रशासन ने २५.५ करोड़ डॉलर (१,६२८ करोड रुपए) की सहायता रोक दी।

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