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आज सारे दिन ट्विटर पर ट्विटियाने के अलावा चिड़िया ने कोई काम नहीं किया । बड़ी हैरानी हुई ये जानकर कि एक तोते ने सबको उल्लू बना दिया ... आप भी सोच रहे होंगे तोता उल्लू कैसे बना सकता है। 
हुआ यूँ के कुछ साल पहले देश के अख़बारों व न्यूज़ चैनलों पर एक चर्चा बड़ी जोरों पर थी कि सीबीआई सरकार का तोता है ... जी हाँ 
अब ये तो पता ही होगा कि सीबीआई तोते के नाम से मशहूर हो गई है। मई २०१३ में कोयला खदान आवंटन घोटाले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बड़ी बात कह दी थी। कहा था कि
 ‘सीबीआई पिंजरे में बंद तोता है.’ यानी केंद्र सरकार का तोता है। लेकिन २उ मामले में थोड़ा अलग ये था कि २०११ में केंद्र सरकार यूपीए की थी। तभी सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी। 
उसके बाद इसी स्कैम पर मनमोहन सिंह जी को लताड़ते लताड़ते नरेंद्र मोदी पीएम नरेंद्र मोदी बन गए। अब सीबीआई तोता(सुप्रीम कोर्ट की मानें तो) मोदी जी के पास है। और उसी तोते ने कांग्रेस के नेताओं को बरी कर दिया है।
च्यूं...च्यूं...च्यूं मैं उसी तोते की बात कर रही हूँ कहीं आप मुझे कांग्रेस की चिड॰िया मत समझ लेना मैं तो नन्ही सी छोटी सी चिडिया हूँ च्यूं...च्यूं...च्यूं
अब एक और सवाल खड़ा होता है भला एक तोता सबको उल्लू कैसे बना सकता है। आप ही बताइए २जी घोटाला कोई छोटा मोटा तो है नहीं देश का अब तक का बहुत बड़ा घोटाला माना जाता है जिसके कारण उस समय का विपक्ष मजबूत हुआ और कांग्रेस की सरकार गिरी ... उस समय सीएजी की रिपोर्ट आने के बाद चारों तरफ आग की तरह १.७६ लाख  करोड़ के घोटाले की ये बात फैली थी  सुप्रीम कोर्ट को भी लगा था कि प्रथम दृष्टया घोटाला हुआ है इसी लिए तो हमारे देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी को ये कार्य सौंपा गया था अपनी निगरानी में...चूं चूं चूं... सीबीआई को पूरा ७ साल मिला जिसमें से एनडीए सरकार के भी साढ़े तीन साल थे । 
कहते हैं सीबीआई तो बाल की खाल निकाल लेती है फिर कैसे आपराधिक मामला किसी के भी खिलाफ नहीं बन पाया सब बाइज़्ज़त बरी हो गए... ' जनता तो खड़े खड़े उल्लू बन गई '
अब इस बात की जांच कौन करे कि जनता को सीएजी ने उल्लू बनाया या फिर मौजूदा सरकार ने या तथाकथित ' तोते ' ने ...
इस रहस्य से पर्दा तो आने वाला समय ही उठा सकेगा 
 चूं चूं चूं  - आपकी ख़बरी चिडिया 

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