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क्रेडाई नेशनल कॉन्क्लेव की शुरूआत 

मुंबई। नीतिगत संवाद और रणनीतिक साझेदारियों के साथ क्रेडाई नेशनल कॉन्क्लेव की शुरूआत हुई। उद्घाटन सत्र की शोभा भारत सरकार के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बढ़ाई। उनके साथ कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्र व राज्य सरकारों के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। इस मौके पर गृह मंत्री ने क्रेडाई की 'पारिस्थितिक वनीकरण एवं बहाली' पहल को लॉन्च किया। इस मुहिम के तहत महाराष्ट्र के नासिक जिले (पश्चिमी घाट) की सह्याद्रि पहाड़ियों में बसे 25 से अधिक गांवों की 9,000 एकड़ जमीन को फिर से हरा-भरा बनाया जाएगा।

इस अवसर पर अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा, “रियल एस्टेट भारत के शहरी कायाकल्प और आर्थिक उन्नति का एक प्रमुख आधार है। बीते दस वर्षों में हमारी सरकार ने स्पष्ट नीतियों, नियामक सुधारों और दूरदर्शी योजना के बल पर शहरी विकास को मजबूत बनाया है, जो ‘विकसित भारत @2047’ के लक्ष्य की ओर बढ़ता एक कदम है।

उन्होंने क्रेडाई की सराहना करते हुए कहाँ कि क्रेडाई ने जिम्मेदार विकास की कमान संभाली है, खासकर उनकी 9,000 एकड़ की 'इकोलॉजिकल रिस्टोरेशन' पहल काबिले-तारीफ है। आज जब भारत विश्व-स्तरीय और समावेशी शहरों की ओर बढ़ रहा है, तो डेवलपर्स की यह जिम्मेदारी है कि वे अपनी हर परियोजना में पौधारोपण, सस्टेनेबिलिटी, कौशल विकास और सस्ते घरों को प्राथमिकता दें।”

क्रेडाई के राष्ट्रीय सम्मेलन के भव्य शुरुआत के मौके पर वरिष्ठ नीति निर्माता, राज्यों के प्रतिनिधि और रियल एस्टेट जगत की बड़ी हस्तियां एक मंच पर आए। सम्मेलन के दौरान भारत की शहरी प्रगति और आर्थिक विकास में इस सेक्टर की बदलती भूमिका पर गहन मंथन हुआ। साथ ही, इस बात पर जोर दिया गया कि 'विकसित भारत @2047' के सपने को पूरा करने और समावेशी शहर बसाने में रियल एस्टेट की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।

भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने कहा, “मैं क्रेडाई की सामाजिक सरोकार से जुड़ी पहलों और पर्यावरण के प्रति उनकी गंभीरता की सराहना करता हूँ। रियल एस्टेट सेक्टर सिर्फ घर या दफ्तर ही नहीं बनाता, बल्कि लॉजिस्टिक्स पार्क्स और शहरी नवीनीकरण के जरिए रोजगार के नए अवसर और बेहतर जीवन स्तर भी सुनिश्चित करता है। प्रधानमंत्री जी के ‘विकसित भारत @2047’ के सपने को पूरा करने के लिए तरक्की और पर्यावरण की सुरक्षा को साथ लेकर चलना होगा। पर्यावरणीय मंजूरियों को आसान बनाने के साथ-साथ यदि यह सेक्टर ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण और वेस्ट मैनेजमेंट पर ध्यान दे, तो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए भविष्य के अनुकूल शहर बना पाएंगे।”

क्रेडाई के नेशनल प्रेसिडेंट शेखर पटेल ने कहा, “क्रेडाई नेशनल कॉन्क्लेव सरकारी नीतियों को उद्योग जगत के धरातल पर उतारने का एक महत्वपूर्ण सेतु है। वरिष्ठ मंत्रियों और राज्यों के नेताओं के साथ हुए संवाद से यह स्पष्ट है कि पारदर्शी नियमों, टिकाऊ शहरी नियोजन और तकनीक आधारित विकास की आज बड़ी दरकार है। गोवा-आईडीसी और आईआईएचएस के साथ किए गए रणनीतिक समझौते इस बात का प्रमाण हैं कि हम सिर्फ चर्चा नहीं कर रहे, बल्कि उसे ठोस जमीन पर उतार रहे हैं। ये कदम नए विचारों को सींचेंगे, निवेश का माहौल बनाएंगे और भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में 'जिम्मेदार तरक्की' को बढ़ावा देंगे। हमारा वादा है कि विकास सिर्फ रफ्तार तक सीमित न रहे, बल्कि वह स्मार्ट, सबको साथ लेकर चलने वाला और प्रकृति के अनुकूल हो।”

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “हैदराबाद में 'इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस' की स्थापना इसलिए संभव हो सकी क्योंकि हमने एक सहयोगी नीतिगत माहौल तैयार किया और 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' पर जोर दिया। क्रेडाई नेशनल कॉन्क्लेव जैसे आयोजन सरकार और उद्योग जगत के बीच दूरियां पाटने और सहयोग बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। मैं सभी डेवलपर्स और संस्थानों को आंध्र प्रदेश आने का न्योता देता हूँ। हम आपको जमीन, बेहतर नीतियां और एक पारदर्शी सिस्टम देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, ताकि हम मिलकर टिकाऊ और समावेशी विकास की नई कहानी लिख सकें।”

सम्मेलन के पहले दिन का मुख्य फोकस आवास, नवाचार और सहयोगी शासन के जरिए भारत के शहरी कायाकल्प को गति देने पर रहा। गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना के माननीय मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों में विकास की प्राथमिकताओं और प्रशासनिक सुधारों के अनुभवों को साझा किया। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने क्रेडाई के नेतृत्व के साथ इस बात पर मंथन किया कि नीतियों को कैसे सरल बनाया जाए और शहरों के बुनियादी ढांचे के भविष्य को कैसे संवारा जाए।

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