मुंबई। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए फुटवेयर ब्रांड चप्स ने बैंड स्टैंड्स, बांद्रा में देश का पहला बायोडिग्रेडेबल (प्राकृतिक रूप से गलकर मिट्टी में मिल जाने वाला) बिलबोर्ड स्थापित किया है।
इनटू क्रिएटिव द्वारा तैयार इस बिलबोर्ड की विशेषता यह है कि यह बारिश के संपर्क में आते ही धीरे-धीरे स्वयं मिट्टी में मिल जाता है। जिस तरह चप्स के नवीनतम फुटवेयर 24 माह के भीतर प्राकृतिक रूप से गलकर मिट्टी में मिल जाते हैं, उसी प्रकार यह बिलबोर्ड भी वर्षा में धीरे-धीरे विलीन हो जाता है। इसका अर्थ यह है कि चप्स के उत्पाद और उनका प्रचार - दोनों ही पर्यावरण को कोई हानि नहीं पहुँचाते। बांद्रा में केवल चार दिनों में तैयार किया गया यह बिलबोर्ड पूर्णतः बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से बना है। इसमें लोहे या टिन की जगह बांस के ढांचे का उपयोग किया गया है, जबकि पृष्ठभूमि और विशाल स्लाइडर मिट्टी, कच्चे गारे, भूसे और आरी की लकड़ी के बुरादे से बनाए गए हैं। हेडलाइन पारंपरिक सफेद रंग की जगह ताज़ा चूना पत्थर से लिखा गया है। बारिश के बाद यह बिलबोर्ड धीरे-धीरे गलकर मिट्टी में मिल जाएगा और केवल बांस का ढांचा शेष रहेगा। कुछ भाग्यशाली दर्शक इस परिवर्तन को प्रत्यक्ष रूप से देख भी सकते हैं।
चप्स के संस्थापक यशेष मुखी ने कहा कि हम ऐसी तकनीक का उपयोग करते हैं जो आराम और शैली के साथ-साथ पूर्ण रूप से जिम्मेदार भी है। इस अभियान के माध्यम से हम यह संवाद शुरू करना चाहते हैं कि उत्पाद, प्रचार अभियान और अपशिष्ट — सभी का अंत जिम्मेदारी से होना चाहिए। क्योंकि वस्तुओं को जिम्मेदारीपूर्वक समाप्त करने के लिए डिजाइन करना ही हमारी पृथ्वी के लिए नई शुरुआत सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका है।
इनटू क्रिएटिव के संस्थापक एवं मुख्य क्रिएटिव अधिकारी संतोष पाधी (पैडी) ने कहा, “हमने उपभोक्ताओं के सामने चप्स की सबसे विशेष बात - इसका बायोडिग्रेडेबल होना - उजागर करने का निर्णय लिया। भारत के अग्रणी ओपन-फुटवेयर ब्रांड के रूप में पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल बनने के इस संकल्प को मूर्त रूप देना आवश्यक था। इसलिए हमने यह बिलबोर्ड भी पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से बनाया।
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