0
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस से भी राशी ऋषि रुईया को मिला आशीर्वाद

मुंबई। मात्र 9 साल की छोटी बच्ची राशी ऋषि रुईया के गाए पहले ही गीत "ऐ गिरि नंदिनी महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम" ने ऑडिएंस को आकर्षित किया है और लोगों द्वारा खूब पसन्द किया जा रहा है। ऑडियो करी द्वारा रिलीज यह भक्ति गीत और राशी ऋषि रुईया की सुरीली आवाज लोगों को इतनी प्यारी लग रही है कि कुछ ही दिनों में इसे एक लाख से ज्यादा लोगों ने देखा है. वहीं सैकड़ों लोगों ने इस गीत पर खूबसूरत कमेंट्स भी किए हैं, कोई राशी ऋषि रुईया को छोटी लता कह रहा है तो कोई इस छोटी सी आयु में इनके आत्मविश्वास को देखकर हैरान है. बच्ची का यह गाना इतना प्यारा है कि हर कोई उसकी प्रशंसा करते नहीं थक रहा है। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी राशी ऋषि रुईया की गायकी को सराहा है और उन्हें आशीर्वाद दिया है.

राशी ऋषि रुईया का दूसरा गीत गणेश आरती "करूँ मैं आरती गणपति बप्पा" गणेश चतुर्थी के अवसर पर ऑडियो करी म्युज़िक कम्पनी से रिलीज हुआ है. इस गीत की कंपोज़र सुरभि सिंह हैं जबकि वीडियो डायरेक्टर और गीतकार पंछी जालौनवी हैं. इसके वीडियो में भी राशी ऋषि रुईया नजर आ रही हैं. 

राशी ऋषि रुईया ने संगीत और गायिकी का प्रशिक्षण हासिल किया है और वह अब भी अपनी म्युज़िक टीचर रोहिणी गर्ग से अपनी कला को निखार रही हैं. 

उसके पिता कहते हैं कि मुझे अपनी बेटी पर बहुत गर्व महसूस होता है. इतनी सी उम्र में वह इतने भाव के साथ गाती है. राशी ने स्कूल में भी सिंगाथॉन कंपटीशन मे अवॉर्ड जीता है. उसके गाने पर सैकड़ों लोगों के प्यारे कमेंट्स आ रहे हैं जिन्हें पढ़कर हम काफी भावुक भी हो गए. कुछ कमेंट्स हमारे पैतृक गांव रामगढ़ से भी आए जिसमें लिखा गया कि रामगढ़ की बेटी विश्व भर मे गायकी से नाम रौशन कर रही है. 

उनकी मां कहती हैं कि यह सब अविश्वसनीय लग रहा है मगर राशि ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से कर दिखाया है. "ऐ गिरि नंदिनी" को याद करना बहुत ही मुश्किल और चुनौतियों भरा है. संस्कृत में 15 मिनट से ज्यादा अवधि का भजन कंठस्थ करना और उसे रेकार्ड करना वास्तव में बहुत कठिन था मगर माता रानी की कृपा रही कि राशी ने य़ह कर लिया. मैं इस गीत को मिल रहे रेस्पांस से बहुत ज्यादा खुश हूं. राशी को लोग राजस्थान की लता मंगेशकर भी कहते हैं यह सब सुनकर पढ़कर गर्व होता है. 

राशी ऋषि रुईया ने गणेश आरती अपनी स्वर्गवासी दादीजी मधु प्रदीप रुइया को समर्पित किया है जिनके आशीर्वाद से ही वह संगीत की यात्रा तय कर रही हैं. राशी कहती हैं कि दादीजी की दुआएं और यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी. मेरे दादा जी प्रदीप रुइया और छोटे दादाजी अमित रुइया के आशीर्वाद से ही मेरी गायकी में निखार और सृजन है, उनका स्नेह और आशीर्वाद सदा मुझ पर बना रहे यही प्रार्थना है मेरी."

राशी ऋषि रुईया मुंबई के पोद्दार इंटरनेशनल स्कूल मे चौथे क्लास की छात्रा हैं और प्रिंसिपल डॉ वंदना लुल्ला एवं सभी टीचर्स उनके लिए प्रेरणा स्वरुप हैं. स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के साथ संगीत के रियाज के लिए भी वह समय निकालती हैं. राशी ऋषि रुईया अपने इस गायकी के सफ़र को एंजॉय कर रही हैं. वह कहती है कि मेरे माता-पिता का आशीर्वाद, प्रोत्साहन और उनका सपोर्ट मुझे हर कदम मिल रहा है. मैं अपनी म्युज़िक टीचर का आभार व्यक्त करती हूँ जो मेरा हौसला बढ़ाती हैं मुझे बहुत प्यार से म्युज़िक और गायकी सिखाती हैं. 

राशी के कई और भी प्रोजेक्ट्स जल्द आने वाले हैं और वह काफी उत्साहित हैं. चाहे वह रिकार्डिंग स्टूडियो में माईक के पीछे खड़ी हों या अपने म्युज़िक वीडियो की शूटिंग के दौरान कैमरे के सामने, उनमे ग़ज़ब का आत्मविश्वास झलकता है. खुद पर भरोसे की वजह से ही उन्होंने यह सक्सेस स्टोरी लिखी है.

Post a Comment

 
Top