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घायल महिलाओं की चीखों से कांपी बारिश"

संवाददाता – मिशन पत्रकारिता टीम

मुंबई | 16 जून, सोमवार – एक ओर जहां मुंबई की बारिश लोगों को गर्मी से राहत देती है, वहीं दूसरी ओर बिल्डरों की लापरवाही ने इस राहत को मातम में बदल दिया है। आज सुबह जोगेश्वरी पूर्व के नटवर नगर रोड नं. 1 पर स्थित 'देवभूमि' नामक निर्माणाधीन इमारत के मलबे के अचानक ढह जाने से दो वरिष्ठ महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं। जिन्हें पास के हिंदुहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे ट्रॉमा अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

घायल महिलाओं में श्रीमती अरलीन पॉल (उम्र 58 वर्ष) – जिनके सिर पर गंभीर चोट आई है और उन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया तथा श्रीमती सुगंधा जगन्नाथ कदम (उम्र 63 वर्ष) – जिनके हाथ में गंभीर आंतरिक चोटें आई हैं। सोमवार को दोपहर 12.15 बजे के आसपास हुए इस हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। बारिश की तेज़ बौछारों के बीच मिट्टी और सीमेंट के ढेर के नीचे दबीं इन महिलाओं को स्थानीय नागरिकों और प्रशासन की मदद से बाहर निकाला गया। अचंभे की बात यह रही थी उक्त इमारत में काम कर रहे बिल्डर के कार्यकर्ता घायल महिलाओं की मदद करने की बजाए, अपने बचाव के लिए केवल इमारत का मलबा हटाते नजर आएं।

हालांकि फायर ब्रिगेड, पुलिस व एम्बुलेंस दल ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया। वहीं मौके पर पहुंचे स्थानीय शिवसेना विभागप्रमुख श्री ज्ञानेश्वर सावंत ने कार्यकर्ताओं के साथ दोनों घायलों को नजदीकी हिंदुहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे ट्रॉमा अस्पताल पहुंचाया। वहीं, उनके सहयोगी श्री संतोष भोसले सचिन पाटील, श्रीमती तेली, विनायक यादव, आदी ने अस्पताल में सभी औपचारिकताएं पूरी कर परिजनों को हरसंभव मदद दी। हालांकि समाचार लिखे जाने तक किसी मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन श्रीमती अरलीन पॉल की हालत चिंताजनक बनी हुई है।

यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पूर्व जोगेश्वरी स्टेशन रोड पर मलकानी बिल्डर के AIM गार्डन प्रोजेक्ट में भी बिल्डिंग का मलबा चलते ऑटो पर गिरा था, जिससे एक महिला की दर्दनाक मौत हुई थी। इन दोहराते हादसों ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है – क्या मुंबई में आम नागरिकों की जान की कोई कीमत नहीं बची? क्या बारिश हर बार इसी तरह निर्दोषों के लिए काल बनती रहेगी?

मिशन पत्रकारिता संस्था ने इन हादसों के लिए ज़िम्मेदार बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। 'देवभूमि' निर्माण स्थल के बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को अब राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है। स्थानीय सांसद श्री रविंद्र वायकर ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मुंबई की बाढ़ जैसी बारिश और निर्माण स्थलों पर सुरक्षा के अभाव में बिल्डरों की यह लापरवाही अब जानलेवा बन चुकी है। यह सिर्फ इमारत का मलबा नहीं है, यह व्यवस्था की गिरती ईंटें हैं, जिनके नीचे अब नागरिकों की सुरक्षा दम तोड़ती नज़र आ रही है।

यह रिपोर्ट मिशन पत्रकारिता टीम द्वारा जनहित में जारी की गई है। यदि आप भी किसी दुर्घटना, लापरवाही या अन्याय के गवाह हैं, तो हमें सूचित करें – ताकि आपकी आवाज़ सुनी जा सके।



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