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मुंबई। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में पेठपाड़ा मैट्रो स्टेशन, खारघर, नवी मुंबई में 21 से 25 फरवरी को अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया गया है। 
अखिल भारतीय गायत्री परिवार से जुड़े मुंबई के रहने वाले डॉ. सी आर सरोज ने जानकारी देते हुए बताया कि यह महान अश्वमेध यज्ञ गुरुदेव एवं माताजी के सूक्ष्म संरक्षण में किया जा रहा है। शांतिकुंज हरिद्वार से डॉ. प्रण्डव पंड्या, सैल जीजी, डॉ. चिन्मय पंड्या मुम्बई के मनुभाई पटेल आदि के द्वारा यह प्रोग्राम वसुधैव कुटुम्बकम के भाव को सुदृढ़ करते हुए, मानवता के सशक्तिकरण एवं चिर शांति व संवृद्धि हेतु एक आध्यात्मिक प्रयोग है। यह भारतीय संस्कृति के दिव्य ज्ञान, एक संस्कृति भविष्य में दुनिया की संस्कृति बन किस्मत में प्रसार करने के लिए आयोजित किया गया है।
अश्वमेध यज्ञ पारिस्थितिकी संतुलन के लिए और आध्यात्मिक वातावरण की शुद्धि के लिए गायत्री मंत्र से जुड़ा है।
'अश्व' समाज में बड़े पैमाने पर बुराइयों का प्रतीक है और 'मेधा' सभी बुराइयों और अपनी जड़ों से दोष के उन्मूलन का संकेत है।
इस अनुष्ठान द्वारा राष्ट्र की सामूहिक चेतना को जगाने के लिए आगे और पीछे दोनों निष्क्रिय प्रतिभा और जनता की बौद्धिक प्रतिभा लाने के लिए किया गया है।
यह आध्यात्मिक अभ्यास अपने प्रतिभागियों के अथक तपस्या की भावना को आत्मसात करने के लिए और अधिक से अधिक अच्छे के लिए महान त्याग करने को प्रेरित करती है।
अश्वमेध यज्ञ वृद्धि की इच्छा शक्ति के साथ प्रतिभागियों को आशीर्वाद देता है उनके दोष से छुटकारा पाने के लिए और उनके अच्छे गुण और गुणों में वृद्धि से बेहतर नागरिक बनने के लिए।
अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया गया है,और व्यापक भारतीय संस्कृति की एक शानदार प्रदर्शन, जो ज्ञान की आज की समस्याओं को हल किया जा सकता है के माध्यम से।
जहाँ भी इन अश्वमेध यज्ञ का प्रदर्शन किया गया है, उन क्षेत्रों में अपराधों और आक्रामकता की दर में कमी का अनुभव किया है।
अश्वमेध यज्ञ इतना है कि हम उज्ज्वल भविष्य की दिशा में प्रगति कर सकते हैं। समाज, राष्ट्र, महाद्वीपों और पूरी दुनिया को एकजुट करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
अश्वमेध यज्ञ सूर्य देवता का पवित्र प्रसाद है ताकि लोग सूरज की चेतना के माध्यम से लाभ उठा सकते हैं।
इस महायज्ञ में 1008 अग्निवेदियों (यज्ञ कुंड) की भव्य यज्ञशाला बनाई गई है। 50 दिव्यतीर्थों की रज एवं जल से संस्कारित कलशों की भव्य कलशयात्रा निकाली जाएगी। वैदिक संस्कार सभी प्रकार के संस्कार निःशुल्क कराए जाएंगे। विचारक्रांति के दिव्य सन्देस का विचार मंच भी है। हजारों दीपकों के साथ अनुपम दीपमहायज्ञ भी होगा। जन समुदाय के लिए जीवनोपयोगी पुस्तक मेला भी लगाया गया है। इस यज्ञ में भारतीय संस्कृति विरासत एवं वैज्ञानिक अध्यात्मवाद जैसे विषयों पर भव्य पोस्टर प्रदर्शनी भी है। एक लाख लगाए गए वृक्षारोपण अभियान की पूर्णाहुति, रक्तदान, व्यसन मुक्ति,फ्री चिकित्सीय जांच, तथा अंगदान, जागरूकता शिविर, 180 बेड का हॉस्पिटल, 20 एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। सांस्कृतिक कार्यक्रमो के माध्यम से प्रेरणा जगाने वाले मनोरंजक मंच-कला की व्यवस्था की गई है। 80 देशों से लाखों परिजनों की सहभागिता होगी। सभी के लिए दिव्य महाप्रसाद की व्यवस्था रहेगी।
आपकी सक्रिय सहभागिता, समर्थ सहयोग, इस अलौकिक एवं परोपकारी आयोजन हेतु किए जा रहे सामूहिक प्रयासों को द्विगुणित करेगा। आध्यात्मिक वातावरण और सकारात्मक प्रभावों को अनुभव प्राप्त करने हेतु आपने परिवार और मित्रगणों के साथ अवश्य पधारे।नालासोपारा गायत्री परिवार युवा प्रज्ञा मण्डल ट्रष्ट की तरफ से आप सभी का हार्दिक स्वागत है।

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