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संवाददाता / मुंबई

आरोपी रमण नागपाल ने ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर निवेशकों को धोखा देने का आरोप लेकर 15 हजार करोड रुपए का घोटाला किया है, जिससे कई लोगों ने अपनी मेहनत के लाखों रुपए खो दिए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, नागपाल ने इस घोटाले के बाद फरार हो जाने का ऐलान किया है।

नागपाल ने एक SAAI नामक फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म चलाया था, जिसमें वह वादा कर रहा था कि वह निवेशकों को अच्छा लाभ दिलाएगा। बता दें कि SAAI नामक ट्रेडिंग एप गुगल प्ले स्टोर पर अभी भी उपलब्ध है और धडल्ले से इस एप के द्वारा निवेश के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाकर उन्हें लूटा जा रहा है। एप इंस्टाल करने के बाद निवेशकों को एक वाट्सएप ग्रुप में जोडा जाता है औऱ इसी ग्रुप में  28 जनवरी को आरोपी रमण नागपाल ने निवेशकों को ऑफर दिया कि जो जितना पैसा लगाएगा उतना उसी वक्त उसे रिटर्न मिल जाएगा और उतने ही पैसों का ब्याज भी नियमित मिलता रहेगा। नागपाल के इस प्लान से निवेशकों के मन में शंका तो उत्पन्न हुई थी, लेकिन यह पिछले 3 सालों से निवेशकों को बराबर रिटर्न देने के कारण कुछ लोगों का विश्वास बढ गया था। जिसके कारण कई लोगों ने जमकर अपनी मेहनत की पूंजी निवेश कर दी। परंतू दूसरे दिन किसी का भी पैसा विड्रो नहीं होने के कारण लोगों में चिंताजनक माहौल पैदा हो गया। इसके बाद से ही आरोपी रमण नागपाल का संपर्क टूट गया और निवेशकों को उनके पैसे वापस मिले नहीं।



मिशन पत्रकारिता द्वारा तहकीकात किए जाने पर पता चला है  कि रमण नागपाल के दो मोबाइल नंबर 7640869763 तथा 7989215497 इनके द्वारा वह वॉट्सएप ग्रुप चलाकर लोगों को ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर ठगता था। जबकि उसके कंपनी के अन्य मोबाइल क्र. 90075 67529 तथा  9007113643 फिलहाल वॉट्सएप पर एक्टिव है। परंतू इसपर बात करने को कोई तैयार नहीं है। इतना ही नहीं बल्कि बेशर्म नागपाल ठगे गए लोगों को वॉट्सएप के द्वारा संदेश भेज कर उनके पैसे लौटाने के एवज में वेरिफिकेशन के नाम पर अतिरिक्त पैसे की और मांग कर रहा है। 


जबकि सूत्रों से पता चहा है कि रमण नागपाल ने इसी तरह की एक और एप स्कैल एआई के नाम से तैयार कर फिर से लोगों को ठगने का तगडा जाल बिछाया है। जिसको ब्रेक करने के लिए कई लोगों साइबर पुलिस को इसकी शिकायत की है। वहीं सुत्रों की माने तो रमण नागपाल करोडों की ठगी का यह व्यापार विदेश में बैठ कर करा है और इसके लिए उसे भारत के किसी बडे राजनैतिक नेता का सपोर्ट मिल रहा है। 

रमण नागपाल के फेसबुक, ट्वीटर और लिंकडीन जैसे सोशल मीडिया अकाऊंट को देखकर यह पता चलता है कि उसने यह व्यापार काफी बडे पैमाने पर फैला रखा है औऱ हो सकता है कि उसका असली नाम कुछ और हो और उसने इस नाम से फेक आईडी बनाई हो।

बहरहाल 15 हजार करोड के इस धोखाधडी के मामले ने देश के कई निवेशकों को झकझोर कर रख दिया है।  इस घटना का सीधा प्रभाव बड़े संख्या में निवेशकों पर पड़ा है, जिन्होंने इस प्लेटफ़ॉर्म पर लाखों रुपए निवेश किए थे। कई लोगों ने करोड़ों की मात्रा में निवेश किया था, और उनका सामान्य जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।


नागपाल के खिलाफ आरोपी की खोज में पुलिस ने कई राज्यों में छापेमारी की है, लेकिन उसे अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस ने नागपाल के संपर्क में होने वाले सभी व्यक्तियों की जाँच शुरू की है और उन्हें जल्दी ही गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है। नागपाल को गिरफ्त में लेने के लिए पुलिस इंटरपोल की मदद ले सकती है। मगर इतना तो तय है कि यदि नागपाल पुलिस हत्थे चढा तो कई राजनेता बली चढ सकते है। जिससे देश में राजनैतिक भूकंप आने की संभावना को इंकार नहीं किया जा सकता। 

इस समय, निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, और वे इंटरनेट पर यातायात करने से पहले धोखाधड़ी की संभावना की जाँच करें। ऑनलाइन ट्रेडिंग क्षेत्र में सत्यापित और प्रमाणित प्लेटफ़ॉर्म का चयन करना उन्हें सुरक्षित रख सकता है।

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