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मुम्बई। भारत में दिवाली का त्यौहार सबसे बड़े पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह सभी भारतीयों के लिए एक विशेष त्योहार है और इसे हर धर्म के लोग बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं, दीये जलाते हैं, रंगोली सजाते हैं, आतिशबाजी करते हैं जिससे पांच दिन पूरा समाज जगमग हो उठता है। पर्ल ग्रुप ऑफ कंपनीज, जिसमें हाल ही में पीबीसी एजुकेशन एंड फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हुई है, के सीएमडी रॉनी रॉड्रिग्स पिछले कुछ वर्षों से इस त्योहार को अपने आसपास के वंचित लोगों के साथ मनाते आ रहे हैं और उन्हें विशेष उपहार के साथ आर्थिक सहयोग भी करते हैं। दीवाली के पूर्व उन्होंने सांताक्रुज पश्चिम स्थित पूरे धीरज हेरिटेज परिसर के हाउसकीपिंग स्टाफ, सुरक्षा कर्मियों और छोटे कर्मचारियों की खुशी का स्तर बढ़ाया, जहां पर्ल ग्रुप ऑफ कंपनीज और पीबीसी एजुकेशन एंड फाइनैंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय स्थित हैं।
रॉनी द्वारा आयोजित दीवाली स्नेह मिलन समारोह में अभिनेता दीपक तिजोरी, अभिनेता पंकज बेरी, आरती नागपाल, ज्योति सक्सेना, निर्माता नीलेश मल्होत्रा, गायक-अभिनेता अरुण बख्शी और संगीतकार दिलीप सेन उपस्थित रहे। उसी अवसर पर दीपक तिजोरी ने कहा, यह आश्चर्यजनक है कि आज के युग में भी रॉनी रॉड्रिग्स जैसे लोग दूसरे लोगों की खुशी को सबसे ऊपर रखते हैं। मैंने इन सभी लोगों के चेहरे खुशी से चमकते हुए देखे हैं। रॉनी रॉड्रिग्स का भाव प्रेरणादायक है और मैं इस दिलचस्प व्यक्तित्व से मिलकर अभिभूत हूं।
रॉनी रॉड्रिग्स एक फिल्म पत्रिका सिनेबस्टर भी प्रकाशित करते हैं। पत्रिका के संपादक कीर्ति कुमार कदम और प्रेस फोटोग्राफर रमाकांत मुंडे बताते हैं कि रॉनी सर लाखों में एकमात्र ऐसे दरियादिल बॉस हैं जो अपने ऑफिस बॉय, मैसेंजर, ड्राइवर आदि सहित पूरे स्टाफ को छुट्टी मनाने के लिए विदेश ले जाते हैं। इस वर्ष भी, वह पर्ल ग्रुप ऑफ कंपनीज, सिनेबस्टर मैगज़ीन और पीबीसी एजुकेशन एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के कर्मचारियों को दिवाली मनाने के लिए लंदन ले जा रहे हैं। 
रॉनी रोड्रिग्ज विनम्रतापूर्वक कहते हैं कि कुछ लेने के बजाय देने में विश्वास करता हूं। इन सभी लोगों से जो आशीर्वाद मुझे मिलता है उससे उत्कृष्टता प्राप्त करने की अतिरिक्त शक्ति मुझे मिलती है। ईश्वर ने मुझे वंचितों की मदद करने के लिए अपने दूत के रूप में चुना होगा। मैं इस अवसर पर आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

- संतोष साहू

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